उत्तर प्रदेश के विधानसभा उपचुनाव से पहले और बिहार विधानसभा चुनाव में विपक्ष के युवा और बेरोजगारी के मुद्दे को देखते हुए योगी सरकार ने इस पर काम करना शुरू कर दिया है। योगी सरकार प्रदेश के बेरोजगार युवाओं के लिए दीपावली से मिशन रोजगार की शुरुआत करेगी। इसके पहले रोजगार के मुद्दे को लेकर उत्तर प्रदेश में सड़क पर उतरे विपक्ष को जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने सक्रियता दिखाकर विभागों में खाली पदों को जल्द भरे जाने का निर्देश दिया था। बिहार विधानसभा चुनाव में रोजगार के प्रमुख मुद्दे के तौर पर उभरते हुए देख कर अब मुख्यमंत्री योगी ने इसी वित्तीय वर्ष में 50 लाख नौजवानों को काम देने का लक्ष्य रखा है।
मिशन रोजगार के तहत अब बेरोजगार युवकों के लिए हर कार्यालय में एक हेल्प डेस्क भी बनाया जाएगा जिससे रोजगार के इच्छुक युवाओं को संबंधित विभाग की जानकारी प्राप्त होगी। रोजगार हेल्प डेस्क के जरिये युवाओं का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। इसके लिए निदेशालय, प्रशिक्षण एवं रोजगार द्वारा एक ऐप तथा पोर्टल भी विकसित किया जा रहा है। पोर्टल पर हर पाक्षिक आधार पर रोजगार से संबंधित डाटा अपडेट होगा। इसके लिए प्रशासकीय विभागों के अन्तर्गत समस्त निदेशालय, निगम, बोर्ड, आयोग आदि अपने विभाग के लिए एक नोडल अधिकारी नामित करेंगे।
सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक इस मिशन के तहत सरकारी विभागों, परिषद, निगमों में खाली पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया तो पूरी होगी ही साथ ही निजी क्षेत्र में अथवा स्वरोजगार के नए अवसर भी सृजित किए जाएंगे। दीपावली के बाद मुख्यमंत्री योगी इसकी इसकी औपचारिक शुरुआत करेंगे।
बुधवार को मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने शासन स्तर के उच्चाधिकारियों के साथ मिशन रोजगार की कार्य योजना को अंतिम रूप दिया। बैठक में मुख्य सचिव ने कहा कि मिशन रोजगार के अन्तर्गत प्रदेश सरकार के विभिन्न विभागों, संगठनों, स्वयंसेवी संस्थाओं, निगमों, परिषदों, बोर्डों तथा प्रदेश सरकार के विभिन्न स्थानीय निकायों, के माध्यम से एक समन्वित रूप से प्रदेश में रोजगार, स्वरोजगार के अधिक से अधिक अवसर सृजित किए जाने का अभियान चलाया जाएगा।
मिशन रोजगार के पूरे कार्यक्रम का संचालन औद्योगिक विकास आयुक्त द्वारा किया जाएगा। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति मासिक रूप से अभियान की मानीटरिंग करेगी। वहीं, हर जिले में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक समिति होगी जो रोजगार, स्व रोजगार के लिए स्थानीय स्तर पर कार्ययोजना बनाएगी। प्रशिक्षण एवं सेवायोजन निदेशालय की ओर से निजी उद्योगों के साथ मिलकर रोजगार मेलों का आयोजन तो होगा ही, पूर्व में लंबित भर्ती प्रकरणों का निस्तारण भी कराया जाएगा।
