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मध्य प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्र में जारी है निवेश की बहार

Last Updated- December 07, 2022 | 3:03 PM IST

यदि मध्य प्रदेश सरकार कच्चा माल, जमीन और पानी सरीखे आवश्यक जरूरतों को सुनिश्चित कर देती है तो एसकेएस पॉवर लिमिटेड राज्य में करीब 19,000 करोड़ रुपये निवेश करेगी।


कंपनी के प्रस्तावित निवेश को आकार देने के लिए लौह अयस्क, मैगनीज, डोलोमाइट और कोयले की आवश्यकता होगी। कंपनी ने हाल ही में राज्य सरकार के साथ 8430 करोड़ रुपये के  एक समझौते पर हस्ताक्षर किया है, जिसके तहत एकीकृत इस्पात संयंत्र परिसर का निर्माण किया जाएगा। इस संयंत्र में कैप्टिव बिजली संयंत्र भी लगाया जाएगा।

कंपनी ने प्रति वर्ष 3.1 मिलियन टन क्षमता वाली इस्पात संयंत्र के साथ 545 मेगावाट की कैप्टिव बिजली संयंत्र, 150 मेगावाट की अपशिष्ट हीट पुनप्र्राप्ति बॉयलर और 450 मेगावाट फेरो संयंत्र की भी स्थापना की योजना बना रही है। इसके अतिरिक्त यहां 2.1 मिलियन टन क्षमता की प्रत्यक्ष उत्पादन वाली स्पंज लौह संयंत्र की भी स्थापना की जाएगी।

गुप्ता ने बताया, ‘मध्य प्रेदश में निवेश को लेकर हमलोग काफी गंभीर हैं और इस प्रक्रिया को हमलोग जल्द से जल्द शुरू करना चाहते हैं लेकिन हम यह भी चाहते हैं कि राज्य सरकार भी इस परियोजना के प्रति समान रूप से ही गंभीर और आक्रामक रवैया अपनाएं। हमलोग प्रति वर्ष ब्लास्ट फर्नेस रूट से 11 लाख टन स्टील और स्ंपज लौह रूट से 20 लाख टन का उत्पादन करेंगे। वास्तव में, इस परिसर से तैयार माल का उत्पादन किया जाएगा।’ इसके अतिरिक्त कंपनी 30 टन क्षमता वाली सीमेंट संयंत्र की भी स्थापना करेगी, जिसके लिए कंपनी 1450 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश करेगी।

First Published - August 5, 2008 | 9:47 PM IST

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