चनार्थां कलां गांव के रहने वाले हरमिंदर सिंह अपनी मौजूदा स्थिति से बेहद खुश हैं। स्टेट बैंक ऑफ पटियाला ने वित्तीय समावेश योजना के तहत हरमिंदर सिंह को एक ग्राहक सेवा प्रदाता के रूप में अपने यहां नौकरी पर रखा है।
सिंह घर-घर जाकर बैंकिंग सेवाएं मुहैया करवाते हैं। एक अनुमान के मुताबिक इस वक्त सिंह की मासिक आय करीब 5000 से 7000 रुपये के बीच है और साथ ही सिंह को यह उम्मीद है कि वे इतनी ही राशि लघु बचत के एजेंट के रूप में कमा लेंगे।
इसके अतिरिक्त सिंह को जीरो मास फाउंडेशन के जरिए प्रतिमाह 2,500 रुपये की एक निश्चित पारिश्रमिक और साथ ही 10 रुपये प्रति नामांकन एवं प्रत्येक लेनदेन पर 0.5 फीसदी कमीशन भी दिया जाएगा। जीरो मास फाउंडेशन मुंबई का एक गैर सरकारी संगठन है जो स्टेट बैंक ऑफ पटियाला के लिए इस मॉडल के निष्पादन का जिम्मा उठाती है। पंजाब के बहुत से शिक्षित बेरोजगार के लिए यह क्षेत्र आकर्षण का केंद्र बनता जा रहा है।
बैंकर ने बताया कि वे महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों के रूप में जुटाने की कोशिश कर रहे हैं। बैंकर ने बताया कि इस पहल से गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों को बहुत आसानी से जोड़ा जा सकेगा। हरमिंदर सिंह को उनके काम के अनुसार एक बॉयो मेट्रिक डिवाइस आरएफआईडी (फिंगर प्रिंट्स की पहचान करने के लिए एक रेडियो फ्रिक्वेंसी आईडेंटिकल डिवाइस) और एनएफसी (नियर फिल्ड कम्युनिकेंशन चिप) से लैस हैंडसेट मुहैया कराई गई है।
सेवा प्रदाता की विश्वसनीयता के बारे में पूछने पर बैंकर ने बताया, ‘ऐसा व्यक्ति जो कई पीढ़ियों से किसी गांव में रह रहा हो एवं जिसकी साफ-सुधरी छवि है और जो यह बेहतर सेवा मुहैया उपलब्ध कराने का आश्वासन दे, हम उन्हें ही ग्राहक सेवा प्रदाता के लिए चयन करते हैं।’ हरमिंदर सिंह ने बताया, ‘हमने बॉयोमेट्रिक्ट डिवाइस और मोबाइल हैंडसेट किट के लिए सिक्यूरिटी के रूप में 30,000 रुपये जमा किए हैं।’ फतेहगढ़ साहिब और गुरदासपुर में इस परियोजना को लागू किया गया है। जल्द ही पूरे पंजाब में योजना का विस्तार की योजना बना रहा है।
वित्तीय समावेश योजना
वित्तीय समावेश के लिए बैंक बना रहे हैं एजेंट
महिलाएं भी एजेंट बनने के लिए आ रही हैं आगे
एजेंट कर रहे हैं 7,000 रुपये तक की कमाई
जल्द ही पूरे पंजाब में होगा योजना का विस्तार