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अरुणाचल प्रदेश में एलएसी के पास स्थिति पर निकटता से नजर रख रही वायुसेना

Last Updated- December 13, 2022 | 3:29 PM IST

अरुणाचल प्रदेश में एलएसी के पास स्थिति पर निकटता से नजर रख रही वायुसेना
PTI / नयी दिल्ली  December 13, 2022

13 दिसंबर (भाषा) भारतीय वायु सेना अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में यथास्थिति बदलने की पिछले सप्ताह की गई चीनी बलों की एकतरफा कोशिश के बाद राज्य में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास हालात पर करीब से नजर रख रही है। इस घटनाक्रम के परिचित अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि वायुसेना ने नौ दिसंबर को चीन द्वारा की गई अतिक्रमण की कोशिश के मद्देनजर इलाके में अपनी समग्र निगरानी बढ़ा दी है।

अधिकारियों ने बताया कि मानक संचालन प्रक्रियाओं का पालन किया जा रहा है, जिसमें सुरक्षा संबंधी विशेष चिंताओं के मामले में लड़ाकू विमानों को तैनात करना शामिल है।

उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय वायुसेना और थल सेना दोनों हालात पर निकटता से नजर रख रहे हैं।’’

घटनाक्रम से परिचित अधिकारियों ने संकेत दिया कि भारतीय वायुसेना ने क्षेत्र में अपने लड़ाकू विमानों की उड़ानों की संख्या बढ़ा दी हैं।

भारतीय सेना ने सोमवार को बताया था कि भारतीय और चीनी सैनिकों की तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के निकट एक स्थान पर नौ दिसंबर को झड़प हुई, जिसमें ‘‘दोनों पक्षों के कुछ जवान मामूली रूप से घायल हो गए।’’

पूर्वी लद्दाख में दोनों पक्षों के बीच 30 महीने से अधिक समय से जारी सीमा गतिरोध के बीच पिछले शुक्रवार को संवेदनशील सेक्टर में एलएसी पर यांग्त्से के पास झड़प हुई।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को संसद को बताया कि चीन के सैनिकों ने नौ दिसंबर को तवांग सेक्टर में यांग्त्से क्षेत्र में यथास्थिति बदलने का एकतरफा प्रयास किया जिसका भारत के जवानों ने दृढ़ता से जवाब दिया और उन्हें लौटने के लिए मजबूर किया।

रक्षा मंत्री ने बताया कि इस झड़प में किसी भी सैनिक की मृत्यु नहीं हुई है और न ही कोई गंभीर रूप से घायल हुआ है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को चीनी पक्ष के साथ कूटनीतिक स्तर पर भी उठाया गया है और इस तरह की कार्रवाई के लिये मना किया गया है।

अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प के मुद्दे पर पहले लोकसभा एवं बाद में राज्यसभा में दिये बयान में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने यह बात कही।

भाषा सिम्मी नरेश

First Published - December 13, 2022 | 9:59 AM IST

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