चालू वित्त वर्ष की दिसंबर, 2022 को समाप्त तिमाही में दिवाला मामलों की संख्या 25 प्रतिशत बढ़ी है। हालांकि, इस प्रक्रिया के जरिये वसूली अपने सबसे निचले स्तर 23.45 प्रतिशत पर आ गई है। एक विश्लेषण से यह तथ्य सामने आया है।
केयर रेटिंग्स के एक विश्लेषण के अनुसार, चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में दिवाला आवेदनों की संख्या में 25 प्रतिशत का बड़ा इजाफा हुआ है। हालांकि, तीसरी तिमाही तक कुल वसूली दर सिर्फ 30.4 प्रतिशत रही है। इसका मतलब है कि ऐसे दिवाला मामलों में याचिका दायर करने वालों को 69.6 प्रतिशत का नुकसान उठाना पड़ा है। कुल वसूली दर में लगातार गिरावट आ रही है।
वित्त वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही में यह 43 प्रतिशत थी, जो 2021-22 की चौथी तिमाही में यह घटकर 32.9 प्रतिशत रह गई। चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में वसूली दर अपने निचले स्तर 23.45 प्रतिशत पर आ गई। एजेंसी के वरिष्ठ निदेशक संजय अग्रवाल ने कहा कि वसूली दर में इस गिरावट की वजह यह है कि ज्यादातर बड़े मामलों में समाधान पहले ही हो चुके हैं।