पेईचिंग ओलंपिक में किया शानदार प्रदर्शन खिलाड़ियों की झोली भी भरता जा रहा है।
निशानेबाजी में सोने के तमगे पर निशाना साधने वाले अभिनव बिंद्रा हों या अपने मुक्कों की बदौलत कांस्य पदक हासिल करने वाले मुक्केबाज विजेंदर कुमार या फिर कुश्ती में कांस्य पदक झटकने वाले पहलवान सुशील कुमार हों, तीनों के हिस्से में कई अनुबंध आ चुके हैं। कई कंपनियां तो उन्हें अनुबंधित कर चुकी हैं जबकि कई कंपनियां इनसे अपने उत्पादों का प्रचार कराने के लिए इंतजार में खड़ी हैं।
इनमें भी बिंद्रा सबसे आगे हैं। वह किसी ब्रांड के प्रचार के लिए किसी टॉप क्रिकेटर के जितनी राशि ही ले रहे हैं। हालांकि, वह इस मामले में अभी तक सचिन तेंदुलकर या फिर महेंद्र सिंह धोनी के बराबर नहीं पहुंचे लेकिन युवराज सिंह और सौरव गांगुली जैसे क्रिकेटरों के बराबर पैसा तो ले ही रहे हैं।
फिलहात तो बिंद्रा सैमसंग एलसीडी टेलीविजन के विज्ञापनों में दिख रहे हैं लेकिन जल्द ही आधा दर्जन विज्ञापनों में वह नजर आने वाले हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि महंगे उत्पादों के प्रचार के लिए ज्यादा मुफीद नजर आते हैं। भिवानी बॉक्सिंग क्लब से निकले विजेंदर कुमार अभी तो बजाज अलायंज का ही विज्ञापन कर रहे हैं लेकिन उनके पास दो-तीन अनुबंध और हैं।
बेहतरीन पर्सनैलिटी वाले विजेंदर विज्ञापन करने के लिए 60 लाख रुपये तक ले रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि विजेंदर मजबूती और स्थायित्व की मिसाल नजर आते हैं और इस मुश्किल वक्त में कई कंपनियां उनसे संपर्क साध रही हैं। कांस्य पदक विजेता सुशील कुमार भी कुश्ती के अखाड़े के बाद अब विज्ञापनों की दुनिया में अपना जलवा बिखेर रहे हैं।
सुशील विज्ञापन के लिए 20 लाख रुपये से ज्यादा ले रहे हैं। उनके पास छह कंपनियों के विज्ञापन हैं जिनमें आयशर, सहारा और बॉडी फ्यूल्ज का नाम प्रमख है। उनके बारे में कहा जा रहा है कि वह ग्रामीण ग्राहकों को लुभाने का माद्दा रखते हैं।
इसी कड़ी में गैर क्रिकेट खिलाड़ियों की बात करें तो बैडमिंटन की खिलाड़ी साइना नेहवाल एक विज्ञापन के लिए 30 लाख रुपये तक वसूल कर रही हैं। लेकिन वह अभी भी टेनिस स्टार सानिया मिर्जा की फीस डेढ़ करोड़ से पीछे ही हैं।
साइना जल्द ही टॉप टेन खिलाड़ियों में आ सकती हैं। ऐसे में उनकी फीस भी उनकी रैंकिंग की तरह उछल सकती है। दरअसल, यह पहला दौर है जब विज्ञापन जगत ने क्रिकेटरों से भी आगे भी सोचना शुरू कर दिया है।
अगर कुछ वक्त पहले की बात करें तो गैर क्रिकेट खिलाड़ियों में धनराज पिल्लै, विश्वनाथन आनंद, गीत सेठी और सानिया मिर्जा के नाम ही उंगली पर गिने जा सकते थे। लेकिन अब यह दौर बदल रहा है। दूसरे खेलों में भी खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन कमाई के मामले में क्रिकेटर अभी भी बहुत आगे हैं।
परसेप्ट की मुख्य परिचालन अधिकारी विनिता बांगार्ड कहती हैं, ‘कोई भी कंपनी अपने उत्पाद के लिए ऐसे खेल को चुनती है जिसको बड़ी तादाद में लोग देखते हों। इस लिहाज से क्रिकेट दूसरे खेलों की तुलना में आगे दिखता है।’ आपको बता दें कि सौरव गांगुली और युवराज सिंह जैसे क्रिकेटर परसेप्ट से ही जुड़े हैं।
लेकिन कुछ कंपनियों का मानना है कि इन ओलंपियन्स ने क्रिकेट और बॉलीवुड के वर्चस्व को कुछ चुनौती तो जरूर दी है। सैमसंग का ही उदाहरण लें। कंपनी ने एक मुद्दत से अपने विज्ञापनों के लिए किसी सेलेब्रिटी को नहीं लिया है लेकिन हाल ही अभिनव बिंद्रा सैमसंग के विज्ञापनों में दिख रहे हैं। सैमसंग तो ओलंपिक प्रायोजकों में भी शामिल रही है।
सेलिब्रिटी मैनेजमेट फर्म ‘बी फॉर्मूला एंटरटेनमेंट’ ने बिंद्रा को अनुबंधित किया हुआ है। कंपनी की ओर से जानकारी दी गई है कि बिंद्रा के पांच और विज्ञापन तैयार हैं जो जल्द ही दिखने वाले हैं। कंपनी के प्रबंध निदेशक बोनी दुग्गल कहते हैं, ‘कई कंपनियां बिंद्रा से अपने उत्पादों का प्रचार कराने की कोशिश में हैं लेकिन वह हर किसी के लिए तैयार नहीं हैं।’ विजेंदर कुमार आईओएस स्पोर्ट्स से जुड़े हैं।
कंपनी के सीईओ नीरव तोमल कहते हैं कि विजेंदर जल्द ही कुछ और विज्ञापनों में नजर आने वाले हैं। वहीं सुशील कुमार के पास पहले से ही तीन विज्ञापन हैं और वह तीन और विज्ञापन साइन करने वाले हैं।