डाबर हनी के विज्ञापनों में अब आप एक नहीं बल्कि दो सितारों से रूबरू होंगे।
अब तक बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन ने अकेले ही डाबर हनी के विज्ञापनों की कमान संभाली थी। आप उन्हें उपभोक्ताओं को, ‘ड्रॉप शुगर स्विच टू डाबर हनी’ यानी चीनी छोड़ने के लिए डाबर हनी खाने का संदेश देते हुए अक्सर जरूर देखते रहे होंगे।
लेकिन अब डाबर हनी ने भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान और स्टार क्रिकेटर महेन्द्र सिंह धोनी को भी इसमें जोड़ लिया है। ये दोनों स्टार अब मिलकर डाबर हनी ब्रांड के लिए इसके नए कैंपेन, ‘कौन बनाएगा इंडिया को हेल्दी’ के लिए विज्ञापन और प्रचार की कमान संभालेंगे।
डाबर हनी के दो ब्रांड ऐंबैसडर अपने-अपने क्षेत्र के महारथी के तौर पर ही जाने जाते हैं।
डाबर की कोशिश यह देखने की है कि अमिताभ और धोनी, इन दोनों में से कौन ग्राहकों को इस हफ्ते से ही प्रसारित होने वाले विज्ञापन कैंपेन के जरिए सबसे ज्यादा लुभाएगा।
इस विज्ञापन को बनाने वाली विज्ञापन एजेंसी लोवे लिंटास के चेयरमैन आर. बाल्की का कहना है, ‘इस विज्ञापन में तीन हीरो हैं, बच्चन, धोनी और डॉबर हनी। इन तीनों के साथ मिलकर तालमेल बिठाना किसी बाजीगरी से कम नहीं है।’
डाबर एक ऐसा जाना-माना देसी एफएमसीजी ब्रांड है जो कुछ सालों से अपने उत्पाद को हर उम्र के लोगों के बीच मशहूर बनाने में जुटा हुआ है। हालांकि बुजुर्ग लोगों में डाबर ब्रांड की बहुत मांग है।
लेकिन कारोबार को बढ़ाने के लिहाज से युवाओं से इस ब्रांड को जोड़ना बेहद जरूरी है क्योंकि मुल्क की आधे से ज्यादा आबादी 30 साल से कम उम्र की है।
डाबर के नए विज्ञापन में बच्चन खुद अपनी सफलता पर इतराते हुए नजर आएंगे जब उनका सेक्रेटरी उनको बताएगा, ‘सर…आप ही नहीं… वो भी’ तब धोनी भी इस विज्ञापन में यह कहते हुए नजर आएंगे, ‘कौन बनाएगा इंडिया को हेल्दी’। कंपनी ने युवाओं को लुभाने के लिए ही धोनी को ब्रांड ऐंबैसडर बनाया है।
बाल्की का कहना है, ‘इस साल हमने अपने विज्ञापन में धोनी जैसे स्टार क्रिकेटर को जोड़ा है। मैं यह कह सकता हूं कि यह हमारी जिम्मेदारी बन गई है क्योंकि एक विज्ञापन कैंपेन में दो बड़े स्टार के जादू को ठीक तरह से दिखा पाना भी बहुत आसान काम नहीं था।’ मुल्क में आज ब्रांडेड शहद का बाजार लगभग 150 करोड़ रुपये का है।
इसमें वह शहद भी शामिल है जिसे सरकार बनवाती है और बेचती है। इस पूरे बाजार में डाबर हनी की हिस्सेदारी लगभग 80 फीसदी है। डाबर इंडिया के सीनियर मार्केटिंग मैनेजर प्रवीण जयपुरिया का कहना है, ‘दरअसल डाबर का जोर इस बात पर होगा कि चीनी को छोड़कर लोग डाबर हनी को अपनाएं।’