भारतीय प्रबंधन संस्थानों (आईआईएम) के छात्र इन दिनों एक नई तैयारियों में लगे हुए हैं।
इन संस्थानों के छात्र उद्यमिता, मार्केटिंग और इस तरह के दूसरे विषयों पर इंटरेक्टिव फेयर्स की तैयारियों में जुटे हुए हैं। आईआईएम-अहमदाबाद में भी ‘प्रत्यर्पण’ फेस्ट की तैयारियां पूरे जोर पर हैं।
‘प्रत्यर्पण’ इस संस्थान का ऑन्टरप्रेन्योरशिप फेयर है जिसके जरिये कारोबारी और छात्र एक दूसरे के करीब आते हैं। इस फेयर में ये लोग एक दूसरे से सीखने की कोशिश करते हैं। इसी कड़ी में आईआईएम कोझिकोड की ऑन्टरप्रेन्योरशिप इकाई ने भी 4 और 5 अक्टूबर को अपना पहला ‘स्टार्ट-अप’ फेयर मनाया।
इस फेयर का भी वही मकसद रहा जो इस तरह के दूसरे आयोजनों का होता है। इस प्लेटफॉर्म के जरिये छात्रों को सफल उद्यमियों से बहुत कुछ सीखने को मिला। अभी हाल ही में आईआईएम कोलकाता ने भी संस्थान की पहचान बन चुके इवेंट ‘एसेंट-2008’ को आयोजित किया है। इस आयोजन में संस्थान को ‘द नैशनल ऑन्टरप्रेन्योरशिप नेटवर्क’ का सहयोग भी मिला।
एनईएन नाम की यह गैरलाभकारी संस्था वाधवानी फाउंडेशन और द इंडस ऑन्टरप्रेन्योर्स के संयुक्त प्रयासों से चल रही है। वैसे इस नये चलन का मतलब यह नहीं है कि परंपरागत आयोजनों का महत्व खत्म हो जाएगा। ये आयोजन अभी भी प्रतिभागियों को लुभा रहे हैं।
इनसाइट 2008 में तो न केवल आईआईएम-अहमदाबाद के छात्रों ने भाग लिया बल्कि दूसरे टॉप बी स्कूलों ने भी इस आयोजन में हिस्सेदारी की। मार्केटिंग आयोजनों को बढ़ावा देने के लिए सितंबर में ही ‘रन-अप-टू-इनसाइट’ नाम का अभियान शुरू किया जा चुका है। इसमें मार्केटिंग से जुड़े कांटैस्ट और वर्क शॉप आयोजित की जा रही हैं।
आईआईएम-कोलकाता के मार्केटिंग फेयर में प्रतिभागियों की मार्केटिंग और रणनीतिक कौशल की परीक्षा ली गई। इसमें प्रतिभागियों को एक बिजनेस प्लान भी बनाना है, जिसको ईनाम देने का फैसला संस्थान की फैकल्टी और आदित्य बिड़ला समूह मिलकर करेगा। यह समूह इस आयोजन का कॉर्पोरेट साझेदार है।