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  लेख  व्यापार गोष्ठी: सौदे से मिटेगा आईटी पर लगा धब्बा?
लेख

व्यापार गोष्ठी: सौदे से मिटेगा आईटी पर लगा धब्बा?

बीएस संवाददाता बीएस संवाददाता —April 27, 2009 10:00 AM IST
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सौदे से लौटेगा निवेशकों का भरोसा
भारतीय कंपनियों के लिए सत्यम एक सबक जैसा है, पर हम इतने कमजोर नहीं कि यह झटका हमें पीछे ढ़केल देगा। दरअसल सत्यम घोटाला मंदी के दौर में सामने आया है। उस समय शेयर बाजार चित्त ही था, उस पर सत्यम का झटका तो मानिए कमर ही तोड़ डाला। अब हमारी सरकार को पहल कर सबसे पहले सौदा करा देना चाहिए, जिससे हमारी धाक एक बार फिर से आईटी क्षेत्र में जम जाए। इसके साथ ही निवेशकों का भरोसा भी लौट जाएगा।
जे. पी. सक्सेना
क्षेत्रीय प्रबंधक (सेवानिवृत), पंजाब नैशनल बैंक, लखनऊ, उत्तर प्रदेश
कम है उम्मीद
आईटी जगत के सितारे काफी समय से गर्दिश में है। इसके एक, दो नहीं, बल्कि अनेकों कारण बताए जा रहे हैं। जो निवेशक आईटी सेक्टर में निवेश कर चुके हैं, वे आज भारी घाटे में हैं। उन्हें पछताने और हाथ गलने के अलावा अब कुछ करने को बचा नहीं है।
सत्यम मामले ने तो आग में घी डालने का काम किया है। आज वह टेक महिंद्रा के हाथ में है, लेकिन रोज-ब-रोज एक नई पेंचीदगी सामने आ रही है, जो यह साबित करती है कि सत्यम का पूरा सच अभी सामने नहीं आया है।  इसलिए सौदा हो जाने से भी आईटी जगत पर लगा धब्बा मिटने की उम्मीद बहुत कम है।
डॉ. वी. के. वर्मा
एस. एम. होमियो हॉल, स्काउट भवन के सामने, गांधी नगर, बस्ती, उत्तर प्रदेश
मिलेगी थोड़ी राहत
निश्चित तौर पर सत्यम फर्जीवाड़े से आईटी जगत पर एक धब्बा लग गया था, लेकिन टेक महिंद्रा के हाथों इसका सौदा होने के बाद थोड़ी राहत महसूस की जा रही है। शेयरधारकों को भी इससे राहत मिली है। हालांकि टेक महिंद्रा को अभी कई चुनौतियों का सामना करना है। टेक महिंद्रा दूरसंचार सॉफ्टवेयर बनाने का काम करती है, इसलिए उसके पास आईटी क्षेत्र का अनुभव है। अब सत्यम के कर्मचारियों पर भी अस्थायित्व का खतरा टल जाएगा।
आशा जैन
12, एमआईजी, गंज हाउसिंग बोर्ड, बैतुल, मध्य प्रदेश
इतनी जल्दी नहीं मिटेगा धब्बा
सत्यम पर लगा धब्बा कोई ऐसा धब्बा नहीं है कि भिंगोया धोया और हो गया। चरित्र पर लगे दाग को मिटाना आसान नहीं होता है। यह धब्बा तो सिर्फ आईटी नहीं बल्कि संपूर्ण उद्योग जगत को एक नसीहत दे गया कि सभी चमकने वाला पत्थर मोती नहीं होता। सत्यम अब नए हाथों में चला गया है। उम्मीद है कि वह खोई हुई साख को फिर से प्राप्त कर ले। लेकिन इतिहास के पन्नों में सत्यम का लेखा जोखा काली स्याही में दर्ज हो गया है।
सुनील जैन ‘राना’
छत्ता जम्बूदास, सहारनपुर, उत्तर प्रदेश
नहीं होगा पूरी आईटी का आकलन
सत्यम कांड एक कंपनी में एक व्यक्ति द्वारा की गई अनियमितता है। सत्यम एक छोटा सा हिस्सा है और इससे हम पूरे उद्योग जगत की तस्वीर नहीं खींच सकते हैं। सत्यम फर्जीवाड़े को पूरे आईटी जगत पर लगा धब्बा नहीं कह सकते। सत्यम का अपना प्रभाव और बाजार नेटवर्क है। तभी तो इसका शेयर गिरकर फिर संभल गया। यह एक अच्छी कंपनी रही है। राजू की अनियमितता, ऑडिटिंग गड़बड़ी के अलावा सत्यम में काफी अच्छी बातें भी मौजूद है।
सुधीर कुमार साहू
सत्गुरु सहाय निगम रोड, ठाकुरगंज, लखनऊ, उत्तर प्रदेश
सत्यम का सितम न हो दोबारा
सत्यम घोटाले के कारण भारतीय आईटी जगत पर जो धब्बा लगा था वह तो धुलता नजर आ रहा है, लेकिन सरकार और खुद आईटी जगत को ऐसी व्यवस्था करनी होगी, कि दोबारा सत्यम जैसी घटना न हो। सत्यम मामले में सबसे बड़ी चूक ऑडिटिंग कंपनी से हुई थी, जिसके बाद भारतीय कंपनियों की ऑडिटिंग पर सवालिया निशान लग गया था। यह सवालिया निशान सिर्फ आईटी पर नहीं, बल्कि सभी भारतीय कंपनियों के ऊपर था।
राजेश रजक
सात रास्ता, महालक्ष्मी, मुंबई, महाराष्ट्र
धब्बा तो साफ ही होना है
सत्यम घोटाला किसी एक कंपनी की साख की बात नहीं थी, बल्कि पूरे आईटी जगत पर एक काला धब्बा साबित हुआ। ऐसे में इस धब्बे को टेक महिंद्रा जैसे डिटजर्ेंट ने साफ करने की कोशिश की है। लेकिन इस तरह की घटना भविष्य में न हो, इसकी पक्की व्यवस्था की जानी चाहिए। सेबी को अपनी नजर को और तेज करनी होगी। इस तरह की घटना से साख तो जाती ही है, साथ ही अर्थव्यवस्था पर भी इसका असर पड़ता है। वैसे सत्यम का धब्बा तो साफ होना ही है।
जितेन्द्र
बांद्रा, मुंबई, महाराष्ट्र
आईटी में लौटेगा विश्वास
इसमें कोई शक नहीं है कि सत्यम ने आउटसोर्सिंग की दुनिया को मुट्ठी में कर दिखाया था। कंपनी के कर्मचारी वही हैं, जो आज भी बहुत कुछ कर गुजरने का हौंसला रखते हैं। सत्यम को डूबने से बचाने के लिए सरकार ने आगे बढ़कर कदम उठाए हैं, जो कि काबिले तारीफ है। सत्यम को खरीदने में कंपनियों की रुचि है और जल्द ही इसकी सौदा प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। इसके बाद आईटी क्षेत्र में स्थिरता आएगी। फिर लोगों और शेयरधारकों में भी विश्वास वापस आएगा।
मनीष मोहन सिंह
शाखा प्रमुख, बिरला सन  लाइफ, कानपुर, उत्तर प्रदेश
सौदे से मिली कारोबार को नई दिशा
जिस तरह से भारतीय अर्थव्यवस्था वैश्विक स्तर पर एक नई आर्थिक महाशक्ति बनकर उभर  रही है, उसमें आईटी उद्योग की बड़ी  भागीदारी है। लेकिन देश की चौथी सबसे बड़ी आईटी कंपनी सत्यम के फर्जीवाड़े से  न सिर्फ भारतीय आईटी उद्योग पर धब्बा लगा, बल्कि भारतीय उद्योग के प्रतिष्ठा  और विश्वास पर गहरा आघात लगा।
सत्यम घोटाले की जांच कर रही समिति ने जिस संयम के साथ इतने कम समय में पूरे मसले को सुलझा लिया है और जिस तरह टेक महिंद्रा ने सत्यम सौदे को अंजाम दिया है, वह निश्चित तौर पर सराहनीय है। सत्यम सौदा से भारतीय आईटी कारोबार को एक नई दिशा मिली है।   
                                      
अनिल कुमार
पैकौली महाराज, देवरिया, उत्तर प्रदेश
समय बदलेगा, स्थितियां बदलेगी
जिस तेजी से सत्यम का सौदा हुआ है, उससे लगता है कि यह जल्दबाजी में उठाया गया कदम है। जिस तरह से सत्यम घोटाला का पर्दाफाश हुआ, उससे बाजार को बड़ा झटका लगा था और विश्वास बहाली के लिए जरूरी था कि जल्द से जल्द इसे नए और विश्वसनीय हाथों में सौंप दिया जाए।
टेक महिन्द्रा द्वारा सत्यम का हालिया टेकओवर इसी वजह से सरकार और बाजार दानों के हित में था। लेकिन सेबी और  सरकार दोनों की जल्दबाजी अप्रत्यक्ष रूप से नई कं पनी को फायदा पहुंचाने वाली साबित हुई।
नीति चौहान
सोनीपत, हरियाणा
विश्वास बहाली की ओर एक कदम
सत्यम न सिर्फ हिन्दुस्तान की जानी मानी आईटी कंपनी रही है, बल्कि इसकी तेजी से बढ़ती प्रगति की रफ्तार हमेशा से हिन्दुस्तान के उभरते आईटी उद्योग का प्रतीक मानी गई। ऐसे में सत्यम घोटाला हिन्दुस्तान के समूचे आईटी उद्योग के लिए एक धक्के के समान था। इसके झटके से निकलने में हमें कुछ समय लग सकता है और इस मंदी के दौर में यह रिकवरी ज्यादा मुश्किल से होगी।
सुमन परमार
2-बी62, रमेश नगर, नई दिल्ली
जल्द पूरी हो सौदा प्रक्रिया
सत्यम जब मुनाफे की रफ्तार बढ़ाती जा रही थी, जो कहां थी हमारी व्यवस्था और कंपनी कानून मंत्रालय। सभी उस समय सो रहे थे। अभी भी सरकार ने देश की बाकी आईटी कंपनियों के खातों की पड़ताल नहीं कर रही है। जाहिर है कि देश ही नहीं, विदेश में भी भारतीय आईटी कंपनियों की साख पर गहरा धक्का लगा है।
चंद्र कुमार
प्रबंधक, लोटस बाबा, लखनऊ, उत्तर प्रदेश
सारी पेचीदगियां सुलझनी चाहिए
सौदा भले ही कुछ देर से हो, लेकिन सारी पेंचीदगियां सुलझ जानी चाहिए। आखिरकार देश की इतनी बड़ी कंपनी का मामला जो ठहरा। परिपक्व प्रबंधन और खासी वित्तीय क्षमता वाली कंपनी को ही इसका अधिग्रहण करना चाहिए और हो भी कुछ ऐसा ही रहा है। सौदा पूरा हो जाने पर सत्यम पटरी पर आ जाएगी और हमारी आईटी कंपनियों का डंका फिर से बजना शुरू हो जाएगा।
प्रमोद चंद्रा
कॉरपोरेट ट्रेनर, अलीगंज, लखनऊ, उत्तर प्रदेश
सत्यम फिर बनेगा आईटी का चेहरा 
सत्यम घोटाला एक बुरा सपना था, जो टूट चुका है। अब लोगों की निगाहें सत्यम के कल पर टिकी हुई हैं, जो अच्छा ही रहने वाला है। आईटी कंपनियों के प्रदर्शन को देखकर लगता है कि भारतीय आईटी जगत पर लोगों का विश्वास बहुत गहरा है, जो इस तरह के घोटालों से हिलने वाला नहीं हैं। सत्यत का सौदा वह भी इतने अच्छे से होना साबित करता है कि सत्यम में अभी भी दम है।
सिद्धार्थ मिश्र
मीरा रोड, थाणे, महाराष्ट्र
सत्यम का धब्बा नहीं मिटेगा
किसी भी कंपनी को अपनी शाख बनाने में बहुत समय लगता है, लेकिन मिटते देर नहीं लगती है। सत्यम के साथ भी ऐसा ही हुआ है। माना कि टेक महिंद्रा की हो जाने के बाद सत्यम के शेयरधारकों को थोड़ी तसल्ली जरूर मिलेगी, लेकिन वे जिस ऊंचे मूल्य पर इसके शेयर खरीदकर रखे हुए हैं, उस तक पहुंचना आज की तारीख में असंभव ही लगता है। मेरा मानना है कि सत्यम सौदा होने से भी आईटी जगत पर लगा धब्बा नहीं मिट पाएगा।
मनीष कुमार मिश्रा
कैरियर इन्फॉर्मर सह काउन्सलर, मिश्रा स्टेशनर्स एवं लोकवाणी केंद्र, गांधी नगर, बस्ती, उत्तर प्रदेश
धब्बा मिटने की बात गले नहीं उतरती
टेक महिंद्रा के पाले में चले जाने के बाद सत्यम को लेकर उन अटकलों पर विराम लग गया है कि इसका हल क्या होगा? निश्चित ही आज से बेहतर होना है, लेकिन जहां तक बात सत्यम सौदा होने से आईटी जगत पर लगा धब्बा मिटने की है, तो यह बात गले से नीचे इसलिए नहीं उतरती, क्योंकि लोगों का भरोसा पाने में बहुत मशक्कत, ईमानदारी, कर्तव्यपरायणता और सदाचार की जरूरत होती है।
कृष्ण कुमार उपाध्याय
एडवोकेट, 8262, बैरिहवां, गांधी नगर, बस्ती, उत्तर प्रदेश
सत्यम है आईटी के लिए सबक
सत्यम के असत्य ने तो सचमुच आईटी क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया। छोटे निवेशक शेयर बाजार में जो थोड़ा बहुत पैसा लगाते रहे हैं, वह भी इस कारनामे से सहम गए हैं। खास तौर पर आईटी कंपनियों को तो सभी शक की निगाह से देख रहे हैं।
आईटी क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन कर रही कंपनियों को भी निवेशक शक की निगाह से देख रहे हैं। जितनी जल्दी सत्यम का सौदा निपट जाए, वह आईटी क्षेत्र की सेहत के लिए अच्छा होगा। अभी इस क्षेत्र को बहुत लंबा सफर तय करना है। इसमें कोई शक नहीं है कि सत्यम हमेशा के लिए एक सबक रहेगा, पर सौदा होने से सबकुछ ठीक हो जाएगा।
अरुणा शर्मा
शिक्षिका (सेवानिवृत), रेड रोज सीनियर सेकेंडरी स्कूल, लखनऊ, उत्तर प्रदेश
पुरस्कृत पत्र
धीरे-धीरे आएगी प्रतिष्ठा वापस
 संदीप सिंघल, शाखा प्रबंधक
वेंचुरा सिक्योरिटीज, लखनऊ – उत्तर प्रदेश
शेयर बाजार धडाम हो गए हैं। अर्थव्यवस्था अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। ऐसे में सत्यम के घोटाले ने कमर ही तोड़ दी थी। सबसे ज्यादा असर तो आईटी सेक्टर को हुआ है। अब जब सत्यम को खरीदने वाले हाथ सामने आ रहे हैं, तो जितनी जल्दी सौदा हो जाए, बेहतर है। इसमें कोई शक नहीं है कि अगर सत्यम सौदा सही सही निपट गया, तो धीरे-धीरे इसकी साख वापस आ जाएगी।
आईटी क्षेत्र को अभी बहुत आगे जाना है और शेयर बाजार को भी ये ताकत देगा। एक बात तो सही है कि सत्यम प्रकरण से कॉर्पोरेट गवर्नेंस की कार्य प्रणाली पर भी सवालिया निशान उठ खड़ा हो गया। इसके बाद सरकार को भी इस दिशा में काफी मशक्कत करनी पड़ी। प्रगति की जो रफ्तार दिख रही है, उससे यह पता चलता है कि धीरे धीरे आईटी जगत की खोई प्रतिष्ठा वापस आ जाएगी।
अन्य सर्वश्रेष्ठ पत्र
स्थितियां बदलने में लगेगा वक्त
आमोद उपाध्याय
ग्राम पोस्ट- डेबरी
वाया- हैसर बाजार
जिला- संत कबीर नगर, उत्तर प्रदेश
उद्योग जगत में विश्वसनीयता सबसे बड़ी चीज होती है। सत्यम मामले में उसे पूरी तरह से ताक पर रख दिया गया। इससे आईटी सेक्टर ही नहीं, पूरा शेयर बाजार शक के दायरे में आ गया। लोग मानने लगे हैं कि यहां सब कुछ कागजी आंकड़ों की बाजीगरी है, सच्चाई कुछ भी नहीं होती है। भोले भाले निवेशकों को ठगा जाता है और थोड़े बहुत महारथी अपने निजी मुनाफे से उसे अपने तौर तरीके से चलाते हैं। जाहिर सी बात है कि सत्यम पर जो धब्बा लगा है, उसे मिटने में काफी समय लगेगा।
सत्यम पहले जैसा काम करेगी
विजेता चौहान
नवी मुंबई
महाराष्ट्र
सत्यम सौदा होने से न सिर्फ भारतीय आईटी जगत पर लगा धब्बा धुला है, बल्कि एक बार फिर से वैश्विक स्तर पर आईटी कंपनियों की साख बढ़ी है। इतना बड़ा घोटाला होने के बावजूद सत्यम से छोटे निवेशकों का विश्वास नहीं डिंगा था और विदेशी निवेशक जो बेचैन हुए थे वह भी टेक महिंद्रा जैसी कंपनी की वजह से वापस आ जाएंगे। जैसा कि टेक महिंद्रा कह चुकी है कि उसकी पहली प्राथमिकता सत्यम के वर्तमान ग्राहकों को बनाए रखने के साथ जा चुके ग्राहकों को वापस लाना है।
आईटी पर लगा दाग नहीं मिटेगा
सुनील कु. गुप्ता
बी. टेक (सीएसई)
कमरा सं.- 139, सन्नासी, एसआरएम हॉस्टल, चेन्नई
सत्यम सौदा होने से आईटी जगत पर लगा दाग नहीं मिटने वाला है, पर इससे आईटी जगत को थोड़ी राहत मिलेगी। सत्यम में जो हुआ, वह एक ऐसा धब्बा है, जो कभी मिटाया नहीं जा सकता है, क्योंकि इससे आईटी जगत के विश्वास और कार्यशैली पर सवाल उठे थे। सत्यम घोटाला ने यह साबित कर दिया कि भारतीय आईटी जगत जितनी ऊंचाइयों को छू रहा है, उसमें उतनी ही पारदर्शिता की कमी है। आईटी जगत को सत्यम की घटना से सबक लेनी चाहिए और एक अत्यंत ही पारदर्शी और सक्षम कार्यप्रणाली विकसित करनी चाहिए।
सौदे से बंधी है काफी उम्मीदें
लाल चन्द वर्मा
मकान सं.- 1541
हाउसिंग बोर्ड
सेक्टर-14, सोनीपत
हरियाणा
भारत आईटी जगत का हब है। हमारे देश की दिग्गज कंपनियों ने पूरे विश्व में आईटी क्षेत्र में धाक जमा रखी है। ये कंपनियां एक ओर अपनी नवीनतम सेवाओं द्वारा पूरी दुनिया को लाभ पहुंचा रही है, तो दूसरी ओर विदेशी मुद्रा कमा कर भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रही है। पिछले दिनों सत्यम के फर्जीवाड़े की खबर से चिंता की लहर फैल गई थी। इससे पूरे आईटी जगत पर संकट के काले बादल छा गए। भारत की आईटी कंपनियों पर संदेह की  उंगलियां उठने लगी।
बकौल विश्लेषक
सबसे बड़ी चुनौती है फिर से विश्वास बहाली की
अनिल गुप्ता
सीनियर वाइस प्रेसीडेंट, इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन, लखनऊ
यह सही बात है कि सत्यम का घोटाला एक बड़ी गलती है और उससे भी बड़ी बात तो यह है कि यह सब होता रहा और इतने दिनों तक किसी को कानों कान खबर तक नहीं लगी। घोटाले का भी पता तब चला, जब खुद इसे अंजाम देने वाले ने सामने आकर इसके बारे में बताया। हमारे उद्योग जगत के लिए यह घटना आंखें खोल देने वाली है। इसके अलावा इस घटना से उद्योग जगत को सबक लेने की भी जरूरत है। पर सब कुछ यही ठहर नहीं जाता है।
दरअसल आईटी क्षेत्र में अन्य परंपरागत उद्योगों के मुकाबले फिक्स्ड कॉस्ट इनकम है और शायद इसलिए यहां घोटाले की स्थिति पैदा हो गई। हमारे उद्योग जगत को इस पूरे प्रकरण से करारा झटका लगा है। हमारे देश का आईटी क्षेत्र पूरी दुनिया में अपना डंका बजा रहा था। मेरा भरोसा है कि यह आगे भी जारी रहेगा। हम आईटी क्षेत्र की एक बड़ी ताकत हैं और इसमें हमें कोई हरा नहीं सकता है।
पूरे मामले को सकारात्मक ढंग से देखें, तो इस समय सबसे बड़ा काम आईटी क्षेत्र को फिर से भरोसेमंद बनाना है। मेरे ख्याल से टेकओवर के बाद सत्यम ही नहीं, बल्कि समूचा आईटी क्षेत्र विकास की पटरी पर दौड़ने लगेगा। यह भी हो सकता है कि आईटी क्षेत्र में हमारी ताकत से जलने वाले भी हमें बदनाम कर रहे हैं। यह संभव है।
दुनिया के किस बड़े देश में ऐसी गलतियां नहीं हुई है। सबसे बड़ी आर्थिक ताकत अमेरिका में तो इस तरह की गलतियां कई बार हो चुकी है। कौन भूलेगा एनरॉन को। हम अपने तंत्र को सही कर लें, ताकि सत्यम जैसी गलती दुबार न होने पाए।
बातचीत- सिद्धार्थ कलहंस
सत्यम की पहले से भी बेहतर बनेगी छवि
चिराग सिंघानी
आईटी विश्लेषक, 21 सेंचुरी, मुंबई
घोटाले में फंसी सत्यम कंप्यूटर सर्विसेज का अधिग्रहण टेक महिंद्रा जैसी मजबूत और विश्वसनीय कंपनी ने किया है। सत्यम को उबारने के लिए टेक महिंद्रा के पास 30,000 करोड़ रुपये वाले महिंद्रा समूह का मजबूत सहारा है। बहुत जल्द सत्यम घोटाले की बात निवेशकों के लिए पुरानी हो जाएगी। सत्यम का घोटाला अतीत की बात बन चुकी है,यह कोई भविष्य की आशंका नहीं है।
घोटाले में घिरी सत्यम का सौदा उतनी ऊंची कीमत में होना अपने आप में बड़ी बात है। वह भी टेक महिंद्रा जैसी बड़ी कंपनी द्वारा सौदा किये जाने के बाद सत्यम को अब महिंद्रा समूह की कंपनी के रूप में देखा जाएगा।
रही बात आईटी जगत में सत्यम घोटाले के बाद लगे धब्बे का, तो भारतीय आईटी कंपनियां सत्यम घोटाले के उजागर होने के बाद शर्मिंदा जरूर हुई थी, लेकिन यहां पर यह गौर करना जरूरी है कि किसी एक व्यक्ति या कंपनी के गलत काम से उस क्षेत्र की कंपनियों या देश के कारोबार पर फर्क नहीं पड़ता है, क्योंकि वे सब उसमें शामिल नहीं थे।
सत्यम घोटाले के बाद भी भारतीय आईटी कंपनियों के कारोबार या आय में कोई फर्क नहीं पड़ा है। हाल ही में आए कंपनी नतीजों में से भी यह बात साफ हो जाती है। भारतीय आईटी कंपनियों में एचसीएल को छोड़कर सभी का प्रदर्शन अच्छा रहा है और एचसीएल का भी सत्यम मामले से कोई लेना देना नहीं रहा है।
कंपनियों के दिवालिया होने या फिर घोटाले में शामिल होने की बात कोई नई नहीं है। दुनियाभर में कई कंपनियों के नाम गिनाए जा सकते हैं। ईमानदारी से कोशिश हो, तो गलती नहीं होगी।
बातचीत- सुशील मिश्र
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    by बीएस संवाददाता
    March 24, 2023
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