Skip to content
  सोमवार 27 मार्च 2023
Trending
March 27, 2023Zomato के इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए SUN Mobility देगी बैटरी अदला-बदली की सुविधाMarch 27, 2023First Citizen-SVB Deal: संकट में डूबे सिलिकॉन वैली बैंक को मिला खरीदार, फर्स्ट सिटिजन के बना खरीदारMarch 27, 2023COVID-19 Update : एक बार फिर बढ़े कोरोना के मामले, बीते 24 घंटे में 1805 नए केस आए सामनेMarch 27, 2023World Theatre Day: 61 सालों से विश्व भर के कलाकारों के समर्पित ‘विश्व रंगमंच दिवस’March 27, 2023Rupee vs Dollar: अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया 9 पैसे चढ़ाMarch 27, 2023Gold-Silver Price Today: सोने, चांदी के वायदा भाव फिसलेMarch 27, 2023इमरान खान सत्तारूढ़ PML-N पार्टी के ‘दुश्मन’ हैं : पाक मंत्रीMarch 27, 2023G-20 पर्यटन कार्यसमूह की 1 अप्रैल से सिलीगुड़ी में होगी बैठकMarch 27, 202327 मार्च को आसमान में होगा अद्भुत नजारा, बिना दूरबीन के नजर आएंगे ये 5 ग्रहMarch 27, 2023Corona Update: दिल्ली सरकार के अस्पतालों ने कोविड-19 महामारी से निपटने की तैयारियों का किया पूर्वाभ्यास
बिज़नेस स्टैंडर्ड
  • होम
  • बजट 2023
  • अर्थव्यवस्था
  • बाजार
    • शेयर बाजार
    • म्युचुअल फंड
    • आईपीओ
    • समाचार
  • कंपनियां
    • स्टार्ट-अप
    • रियल एस्टेट
    • टेलीकॉम
    • तेल-गैस
    • एफएमसीजी
    • उद्योग
    • समाचार
  • पॉलिटिक्स
  • लेख
    • संपादकीय
  • आपका पैसा
  • भारत
    • उत्तर प्रदेश
    • महाराष्ट्र
    • मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़
    • बिहार व झारखण्ड
    • राजस्थान
    • अन्य
  • मल्टीमीडिया
    • वीडियो
  • टेक-ऑटो
  • विविध
    • मनोरंजन
    • ट्रैवल-टूरिज्म
    • शिक्षा
    • स्वास्थ्य
  • अन्य
    • विशेष
    • आज का अखबार
    • ताजा खबरें
    • अंतरराष्ट्रीय
    • वित्त-बीमा
      • फिनटेक
      • बीमा
      • बैंक
      • बॉन्ड
      • समाचार
    • कमोडिटी
    • खेल
    • BS E-Paper
बिज़नेस स्टैंडर्ड
बिज़नेस स्टैंडर्ड
  • होम
  • अर्थव्यवस्था
  • बजट 2023
  • बाजार
    • शेयर बाजार
    • म्युचुअल फंड
    • आईपीओ
    • समाचार
  • कंपनियां
    • स्टार्ट-अप
    • रियल एस्टेट
    • टेलीकॉम
    • तेल-गैस
    • एफएमसीजी
    • उद्योग
    • समाचार
  • पॉलिटिक्स
  • लेख
    • संपादकीय
  • आपका पैसा
  • भारत
    • उत्तर प्रदेश
    • महाराष्ट्र
    • मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़
    • बिहार व झारखण्ड
    • राजस्थान
    • अन्य
  • मल्टीमीडिया
    • वीडियो
  • टेक-ऑटो
  • विशेष
  • विविध
    • मनोरंजन
    • ट्रैवल-टूरिज्म
    • शिक्षा
    • स्वास्थ्य
  • अन्य
  • आज का अखबार
  • ताजा खबरें
  • खेल
  • वित्त-बीमा
    • बैंक
    • बीमा
    • फिनटेक
    • बॉन्ड
  • BS E-Paper
बिज़नेस स्टैंडर्ड
  लेख  प्रबंध संस्थानों में अब परिवर्तन का वक्त
लेख

प्रबंध संस्थानों में अब परिवर्तन का वक्त

बीएस संवाददाता बीएस संवाददाता —September 22, 2021 11:10 PM IST
FacebookTwitterLinkedInWhatsAppEmail

हर साल लाखों भारतीय युवा देश के करीब 5,000 प्रबंध शिक्षण संस्थानों में प्रवेश पाने की जद्दोजहद में लगे रहते हैं। प्रबंध स्नातक यानी एमबीए की डिग्री को न सिर्फ बेहतर वेतन पाने के एक रास्ते के तौर पर देखा जाता है बल्कि यह करियर बदलने का भी एक मौका देती है। यह बात भारत की ही तरह यूरोप, अमेरिका और साम्यवादी चीन में भी उतनी ही सही है। इसके अलावा उच्च प्रबंध संस्थानों में शिक्षा के लिए एक से दूसरे देश जाने वाले युवाओं की भी अच्छी तादाद होती है। भारत के छात्र अमेरिका एवं यूरोपीय देशों का रुख करते हैं जबकि यूरोपीय छात्र भारत के प्रबंध संस्थानों में पढऩे के लिए आते हैं। बीते एक दशक में दुनिया के हरेक देश में प्रबंध संस्थान अपने कुछ छात्रों को मिलने वाले मोटे वेतन पैकेज को लेकर अक्सर सुर्खियों में आते रहते हैं।
अमेरिका के बहुचर्चित उद्यमी एलन मस्क ने द वॉल स्ट्रीट जर्नल को दिए एक साक्षात्कार में कहा है कि अमेरिकी कारोबार का ‘एमबीए-करण’ होने से इसे नुकसान उठाना पड़ रहा है और अमेरिकी कंपनी अधिकारियों को उत्पाद या सेवा पर अधिक ध्यान देना चाहिए, न कि बोर्ड बैठकों एवं वित्तीय पहलुओं पर।
बिजनेस स्कूलों को ज्यादा दोषी न ठहराएं तो दुनिया भर में उनकी वित्त-उन्मुखता सापेक्षिक रूप से एक नई परिघटना है जिसका जन्म संभवत: वर्ष 2000 के बाद के दौर में हुआ है। उसके बाद से बिजनेस स्कूलों से निकले युवाओं की वित्त एवं प्रबंध क्षेत्र ( मसलन गोल्डमैन सैक्स, मॉर्गन स्टैनली, मैकिंजी, बेन ऐंड कंपनी ) में इतनी शिद्दत से मांग रही है कि इन दो क्षेत्रों में ही प्रबंध स्नातकों को कुल नौकरियों में से करीब 40 फीसदी की पेशकश हुई। इसके अलावा सर्वाधिक शुरुआती वेतन देने वाली 80 फीसदी कंपनियां इन दोनों क्षेत्रों की ही रही हैं।
ऐसे में यह स्वाभाविक ही है कि बिजनेस स्कूलों ने अपने पाठ्यक्रम को भी इस तरह से ढाल दिया कि इन दोनों क्षेत्रों की जरूरतों को आसानी से पूरा किया जा सके।
अगर हम गहराई से देखें तो प्रबंध संस्थानों के रुख में आया बदलाव अधिकांश अर्थव्यवस्थाओं में घट रही ‘वित्तीयकरण’ की परिघटना की उपज था। अस्सी के दशक से लेकर आज के दौर तक अधिकांश देशों में वित्तीय सेवाओं का अन्य क्षेत्रों की तुलना में राष्ट्रीय आय में हिस्सा बढ़ता रहा है। वित्तीय समाधानों की संख्या एवं प्रकार में आई व्यापक तेजी से इसे और मजबूती मिली। शेयर, बॉन्ड एवं मुद्रा जैसे परंपरागत रूपों के अलावा शेयर वायदा, मुद्रा वायदा, ब्याज दर अदला-बदली एवं डेरिवेटिव जैसी चीजें भी सामने आई हैं। इस प्रक्रिया की अगुआई करने वाले अमेरिका में भी वित्तीय क्षेत्र का जीडीपी में अंशदान 2019 में बढ़कर 21 फीसदी हो गया था जबकि 1950 में यह सिर्फ 2.8 फीसदी हुआ करता था।  
स्वाभाविक है कि वृद्धि की इस विशाल लहर में तालमेल बिठाने के लिए वित्तीय सेवा प्रदाता एवं सलाहकार कंपनियां प्रबंध संस्थानों में भीड़ लगाने लगीं और प्रबंध स्नातकों को ऐसे वेतन की पेशकश करने लगीं जिसके बारे में पहले कभी सुना ही नहीं गया था। उधर बिजनेस स्कूलों के छात्र भी आसमान छूता वेतन देने वाली इन कंपनियों के साथ काम करने लायक बनने के लिए वित्त संबंधी पाठ्यक्रमों को ही तरजीह देते नजर आए।
निश्चित रूप से यह पहली बार नहींं है जब प्रबंध संस्थानों ने अर्थव्यवस्था में आए संरचनात्मक बदलावों के हिसाब से खुद को ढाला है। इसके पहले 1960 के दशक के उत्तराद्र्ध और 1970 के दशक के पूर्वाद्र्ध में बिजनेस स्कूलों में चर्चा का केंद्र ‘मार्केटिंग’ हुआ करता था। उस समय (मैं आईआईएम कलकत्ता का छात्र था) यह साफ नहीं था कि ऐसा क्यों हो रहा है, लेकिन समय बीतने के साथ अब यह स्पष्ट हो चुका है कि तब दुनिया एक रासायनिक क्रांति के बीच में थी जिसमें जिसमें सिंथेटिक डिटर्जेंट, पेंट और पॉलिएस्टर कपड़े जैसे नए उत्पाद सामने आ रहे थे। इन चीजों का विनिर्माण आसान होने से दर्जनों कंपनियां उन्हें बना रही थीं, लिहाजा उपभोक्ताओं के मन में किसी खास उत्पाद को स्थापित करना जरूरी था। यहीं से ब्रांड की अवधारणा का जन्म हुआ जिसका मतलब किसी खास उत्पाद के बारे में एक अमूर्त छवि का निर्माण है। ब्रांड निर्माण में महारत रखने वाली विज्ञापन एजेंसियों का भी खूब प्रसार हुआ। (खुद मैंने भी दो विज्ञापन एजेंसियों में काम करने के बाद खुद रीडिफ्यूजन एजेंसी की स्थापना की थी)। उस समय के बिजनेस स्कूल इसके लिए जरूरी दक्षताएं विकसित करने में जोर-शोर से जुटे रहते थे। मसलन, मार्केट रिसर्च, ब्रांड रणनीति और तैयार उत्पादों के वितरण के लिए विशाल बिक्री टीम का प्रबंधन।
अब हम स्पष्ट रूप से एक ऐसे दौर में प्रवेश कर रहे हैं जहां किसी कारोबार की सफलता इस पर निर्भर करेगी कि उत्पाद  नवाचार से जुड़े कौशल का कितना इस्तेमाल किया गया है। इसे व्यापक तौर पर कृत्रिम मेधा (एआई) का नाम दिया जाता है जो कारोबार जगत की पुरानी चुनौतियों- उपभोक्ता वर्गीकरण और बिक्री पूर्वानुमान के बारे में अधिक कुशलता से काम करती है। एआई से कारोबार जगत को देखने का एकदम नया तरीका भी सामने आ सकता है ; मसलन, कारोबार को इकाइयों के एक नेटवर्क के रूप में देखना, अपने कारोबार से संबंधित नेटवर्क की मैपिंग और अवसरों की संबद्धता, भौगोलिक क्लस्टर एवं हब का पता लगाने के साथ एल्गोरिद्म से जुड़े पूर्वग्रहों से बचने का सबक। हार्वर्ड बिजनेस स्कूल के दो प्रोफेसरों मार्को लैंसिटी और करीम लखानी की लिखी किताब ‘कम्पीटिंग इन द एज ऑफ एआई’ उत्पाद नवाचार में इन विषयों की अहमियत को रेखांकित करती है। इससे पता चलता है कि अब तक सिर्फ तकनीकी जानकारों के बीच ही जुनून के रूप में देखा जाने वाला एआई किस तरह से बिजनेस स्कूलों में भी अपनाया जा रहा है।
किसी दौर में होने वाले हरेक बदलाव की तरह बिजनेस स्कूलों एवं सभी शिक्षण संस्थानों के लिए इन नए विषयों को पढ़ाने वाले अच्छे शिक्षकों की तलाश भर नहीं है। कहीं बड़ी चुनौती मौजूदा शिक्षकों के ऐसा बदलाव होने की स्वीकारोक्ति, कुछ पाठ्यक्रमों को हटाने में उनका सहयोग लेने और नए पाठ्यक्रम शुरू करने की है। शिक्षा व्यवस्था से जुड़ा कोई भी शख्स आपको यह बता देगा कि एक शैक्षणिक ढांचे में इस काम को अंजाम तक पहुंचाना सबसे मुश्किल कामों में से एक है। अचानक ही एलन मस्क की टिप्पणी के कहीं गहरे अर्थ समझ आने लगते हैं कि एमबीए डिग्री-धारकों को उत्पाद एवं कारोबार-मॉडल नवाचारी बनना होगा, न कि सिर्फ वित्तीय लक्ष्यों के पीछे भागने वाला युवा।
(लेखक इंटरनेट उद्यमी हैं)

एमबीएकृत्रिम मेधाछात्रपरिवर्तनपाठ्यक्रमप्रबंध संस्थानवेतन
FacebookTwitterLinkedInWhatsAppEmail

संबंधित पोस्ट

  • संबंधित पोस्ट
  • More from author
आज का अखबार

संसद में चर्चा जरूरी

March 26, 2023 8:49 PM IST
आज का अखबार

स्थानीय मीडिया के लिए बढ़ता आकर्षण

March 26, 2023 8:11 PM IST
आज का अखबार

सिखों की नाराजगी की चार प्रमुख वजह

March 26, 2023 7:58 PM IST
आज का अखबार

साप्ताहिक मंथन : पूंजी पर कर

March 24, 2023 9:53 PM IST
अन्य समाचार

सिविल सेवा में भर्ती प्रक्रिया की अवधि कम कर परीक्षार्थियों की संख्या का आकलन करे UPSC : समिति

March 26, 2023 5:05 PM IST
अंतरराष्ट्रीय

कपड़ा क्षेत्र की 18 वस्तुओं के निर्यात पर मिलेगा टैक्स छूट का लाभ

March 26, 2023 3:43 PM IST
अंतरराष्ट्रीय

अमेरिका में तूफान की चपेट में आने से 26 लोगों की मौत

March 26, 2023 10:08 AM IST
अंतरराष्ट्रीय

बेलारूस में सामरिक परमाणु हथियार तैनात करेगा रूस : पुतिन

March 26, 2023 8:57 AM IST
अन्य समाचार

उज्ज्वला योजना पर कैबिनेट के फैसले से लाभार्थियों को बहुत मदद मिलेगी: PM Modi

March 25, 2023 1:12 PM IST
अन्य

भारत में एक दिन में Covid-19 के 1590 नए मामले सामने आए

March 25, 2023 11:26 AM IST

Trending Topics


  • Stocks To Watch
  • Share Market Today
  • Hindenburg | Jack Dorsey
  • DDMA | Mock Drill on Earthquake
  • Narendra Modi
  • Google Doodle
  • Corona Update
  • Rupee vs Dollar

सबकी नजर


Zomato के इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए SUN Mobility देगी बैटरी अदला-बदली की सुविधा

March 27, 2023 11:49 AM IST

First Citizen-SVB Deal: संकट में डूबे सिलिकॉन वैली बैंक को मिला खरीदार, फर्स्ट सिटिजन के बना खरीदार

March 27, 2023 11:41 AM IST

COVID-19 Update : एक बार फिर बढ़े कोरोना के मामले, बीते 24 घंटे में 1805 नए केस आए सामने

March 27, 2023 11:32 AM IST

World Theatre Day: 61 सालों से विश्व भर के कलाकारों के समर्पित ‘विश्व रंगमंच दिवस’

March 27, 2023 11:12 AM IST

Rupee vs Dollar: अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया 9 पैसे चढ़ा

March 27, 2023 11:03 AM IST

Latest News


  • Zomato के इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए SUN Mobility देगी बैटरी अदला-बदली की सुविधा
    by भाषा
    March 27, 2023
  • First Citizen-SVB Deal: संकट में डूबे सिलिकॉन वैली बैंक को मिला खरीदार, फर्स्ट सिटिजन के बना खरीदार
    by बीएस वेब टीम
    March 27, 2023
  • COVID-19 Update : एक बार फिर बढ़े कोरोना के मामले, बीते 24 घंटे में 1805 नए केस आए सामने
    by भाषा
    March 27, 2023
  • World Theatre Day: 61 सालों से विश्व भर के कलाकारों के समर्पित ‘विश्व रंगमंच दिवस’
    by बीएस वेब टीम
    March 27, 2023
  • Rupee vs Dollar: अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया 9 पैसे चढ़ा
    by भाषा
    March 27, 2023
  • चार्ट
  • आज का बाजार
57742.72 
IndicesLastChange Chg(%)
सेंसेक्स57743
2160.37%
निफ्टी57743
2160%
सीएनएक्स 50014285
60.04%
रुपया-डॉलर82.24
--
सोना(रु./10ग्रा.)51317.00
0.00-
चांदी (रु./किग्रा.)66740.00
0.00-

  • BSE
  • NSE
CompanyLast (Rs)Gain %
Lupin670.654.83
EPL Ltd163.904.39
Biocon206.053.65
Uno Minda451.753.14
Aurobindo Pharma514.402.84
Metropolis Healt1234.602.74
आगे पढ़े  
CompanyLast (Rs)Gain %
Vijaya Diagnost.405.305.35
EPL Ltd164.155.02
Lupin670.654.79
Biocon205.603.47
Metropolis Healt1239.202.97
Guj Pipavav Port110.302.80
आगे पढ़े  

# TRENDING

Stocks To WatchShare Market TodayHindenburg | Jack DorseyDDMA | Mock Drill on EarthquakeNarendra ModiGoogle DoodleCorona UpdateRupee vs Dollar
© Copyright 2023, All Rights Reserved
  • About Us
  • Authors
  • Partner with us
  • Jobs@BS
  • Advertise With Us
  • Terms & Conditions
  • Contact Us