आने वाली 2 मई को आर. कन्नन अपनी बेटी से मिलने कनाडा जाने वाले थे। इस दौरान उनकी योजना ब्रिटेन, अमेरिका और कनाडा जाने की भी थी।
लेकिन अपनी बेटी की सलाह पर उन्होंने अपना टिकट रद्द करवा दिया। अब वह एक पखवाड़े के बाद ही जाने की सोच रहे हैं। कन्नन देश के सबसे बड़े ट्रैवल्स एजेंटों में से एक अकबर ट्रैवल्स के महाप्रबंधक हैं। उन्होंने बताया कि, ‘अगर कोई बहुत जरूरी यात्रा नहीं करनी है तो फिलहाल उसे टालना ही बेहतर होगा।’
स्वाइन फ्लू ने मैक्सिको में भयानक रूप धारण कर लिया है। ताजा जानकारी के मुताबिक मैक्सिको में स्वाइन फ्लू से 159 लोगों की जानें जा चुकी हैं और अमेरिका (टैक्सस) में एक बच्चे की मौत हो चुकी है। स्वाइन फ्लू की भयावह स्थिति को देखते हुए यात्राएं करने वाले लोग बेहद चिंतित हैं।
हालांकि ज्यादातर लोगों ने अपनी यात्रा टिकटें रद्द नहीं करवाई हैं लेकिन स्वाइन फ्लू के फैलते कहर से यात्री भयभीत हैं और वे फ्लू की ताजा जानकारी के लिए कड़ी नजर रखे हुए हैं। मुंबई और दिल्ली के अधिकांश ट्रैवल्स एजेंटों ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में विदेश जाने वाले यात्रियों की संख्या में कमी आई है।
ट्रैवल्स एजेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (टीएएआई) के अनूप कनुगा ने बताया, ‘ लोग पहले से बुक किए हुए टिकट को रद्द नहीं करा रहे हैं लेकिन वे लोग जो विदेश जाने के लिए योजनाएं बना रहे हैं, वे फिलहाल उसे टाल रहे हैं और अगली बुकिंग के लिए इंतजार कर रहे हैं।’
पहले से ही आर्थिक मंदी के दुष्प्रभावों और मुंबई पर हुए आतंकी हमलों के दबावों को झेल रहे यहां के घरेलू ट्रैवल और आतिथ्य क्षेत्र यह उम्मीद जता रहे हैं कि स्वाइन फ्लू अन्य क्षेत्रों में अपने पांव नहीं पसारेगा और ट्रैवल्स की भावनाओं का गला नहीं घोटेगा।
पिछले कुछ महीनों के दौरान विभिन्न होटलों में होने वाले कमरों की बुकिंग में 20 फीसदी की कमी आई है और साथ ही इस साल के शुरुआती तीन महीनों के दौरान विदेशों से आने वाले पर्यटकों की दर में 14 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।
होटल लीलावेंचर के वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजीव कौल ने बताया कि हमारे यहां अभी तक तो कोई रद्दीकरण नहीं हुआ है लेकिन हो सकता है कि आने वाले कुछ दिनों में विपरीत परिस्थिति देखने को मिल जाए। स्वाइन फ्लू देखते ही देखते एक महामारी का रूप ले चुका है, जिसके लक्षण अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस आदि देशों में पाए गए हैं।
मैक्सिको से शुरू हुई इस महामारी ने देश-दुनिया के वैज्ञानिकों को खूब परेशान किया है। आलम यह है कि मंदी से निपटने के साथ-साथ अब दुनिया के विभिन्न देशों को स्वाइन फ्लू से निपटने के भी प्रयास करने पड़ रहे हैं।
मैक्सिको में स्वाइन फ्लू के कारण 159 लोगों की मृत्यु हो गई है। मैक्सिको के बाहर अमेरिका (टेक्सास) में एक बच्चे की मृत्यु फ्लू के कारण हो चुकी है और अमेरिका में इसके 65 मामले सामने आए हैं। अभी तक मैक्सिको में स्वाइन फ्लू के 1600 से अधिक लोगों के महामारी से पीड़ित होने का संदेह है।
मैक्सिको में स्वाइन फ्लू के बढ़ते प्र्रसार के कारण अमेरिका और जापान ने अपने नागरिकों को मैक्सिको की यात्रा न करने की सलाह दी है। ब्रिटेन फ्रांस और जर्मनी की टूर कंपनियों ने मैक्सिको की यात्राएं स्थगित कर दी हैं। क्यूबा ने भी शुक्रवार तक मैक्सिको से होने वाली उड़ानों की आवाजाही स्थगित करने की घोषणा की है।
मैक्सिको ने बंद किए सभी विरासत स्थल
फ्लू के प्रसार को रोकने के लिए मैक्सिको के अधिकारियों ने सभी सार्वजनिक ऐतिहासिक धरोहरों को बंद करने के आदेश दिए हैं। राष्ट्रीय मानवविज्ञान एवं इतिहास संस्थान ने कल जारी बयान में कहा है कि विश्व प्रसिध्द अजटेक और माया सभ्यता काल के पिरामिडों को भी बंद कर दिया जाएगा।
संघीय और स्थानीय अधिकारियों द्वारा उठाए गए कदम का उद्देश्य लोगों को समूह में एकत्रित होने और एक दूसरे में रोग के संक्रमण को रोकना है। विश्वव्यापी स्वाइन फ्लू के प्रकोप का मुख्य केंद्र मैक्सिको है।
संघीय सरकार ने देश भर में विद्यालयों को बंद करने के आदेश जारी किए हैं। विभिन्न देशों से आने वाले पर्यटकों की संख्या में कमी आने के बाद मैक्सिको पूर्व कोलंबियाई विरासतों को बंद करने का कदम उठाया गया है।
मैक्सिको सिटी में एक दिन में 5.7 करोड़ डॉलर का नुकसान
स्वाइन फ्लू की महामारी को फैलने से रोकने के लिए एहतियात के तौर पर मैक्सिको सिटी में सिनेमाघरों, संग्रहालयों, नाइट क्लबों और दूसरे प्रतिष्ठानों को बंद कर दिया गया है।
इसके अलावा ऐसे कार्यक्रमों को भी रद्द कर दिया गया है, जिसमें भीड़ एकत्र होती हो। बंद की वजह से प्रतिदिन कम से कम मैक्सिको को 5.7 करोड़ डॉलर का नुकसान हो रहा है। शहर के व्यापार सेवा एवं पर्यटन चैंबर के प्रमुख आर्र्तुरो मेंडिकुती ने बताया कि आंकड़ाें से पता चलता है कि राजधानी मैक्सिको सिटी में पर्यटन और सेवा से होने वाली आय में 36 फीसदी की कमी हुई है।
उन्होंने कल कहा था कि नुकसान का यह अनुमान कल से रेस्टोरेंट बंद करने के फैसले से पहले का है। मैक्सिको सरकार ने कल रेस्टोरेंट बंद करने के आदेश दिए थे। कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडस्ट्रियल चैंबर ने सरकार से रेस्टोरेंट बंद करने के फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की है।
फ्लू के नाम का अमेरिका पर असर
कई देशों द्वारा भ्रम के कारण उत्तर अमेरिका से सूअर के मांस आयात पर प्रतिबंध के बाद अमेरिकी अधिकारी स्वाइन फ्लू के प्रकोप का नाम बदलने की संभावना पर विचार कर रहे हैं। कृषि मंत्री टॉम विलसैक ने बताया ‘यह खाद्य पदार्थ के कारण होने वाली बीमारी नहीं है। इसे स्वाइन फ्लू कहना उचित न होगा। लोगों को यह संदेश देना बहुत जरूरी है कि सूअर का मांस खाना बीमारी का कारण नहीं है।’
उन्होंने कहा, ‘हम सुरक्षा ही नहीं बल्कि अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले इसके प्रभाव से भी चिंतित हैं। रोग नियंत्रण एवं रोकथाम के लिए अमेरिकी केंद्र (सीडीसी) ने संदेश जारी किया है कि सूअर का मांस खाने में कोई जोखिम नहीं है, लेकिन मानव से मानव में बीमारी का संक्रमण गंभीर खतरा है।
केंद्र के कार्यवाहक निदेशक रिचर्ड बेसर का कहना है, ‘आम लोगों में बीमारी को लेकर काफी भ्रम है।’ रूस ने अमेरिकी मांस उत्पादों के आयात पर प्रतिबंध को और व्यापक कर दिया है।
महामारी से निपटने के लिए ब्रिटेन बांटेगा पर्चे
ब्रिटिश नागरिकों को स्वाइन फ्लू से बचाव की जानकारियां देने के लिए ब्रिटेन का स्वास्थ्य विभाग देश के प्रत्येक घर में पर्चे बांटेगा।
इसके अलावा ब्रिटेन सरकार इस जानलेवा बीमारी से निपटने के लिए मास्क की संख्या बढ़ाने पर भी विचार कर रही है। स्वास्थ्य विभाग की प्रवक्ता ने नाम नहीं बताने की शर्त पर बताया कि विषाणु और बीमारी से बचने के उपायों के बारे में जानकारी देने वाले पर्चों के वितरण का काम अगले सप्ताह से शुरू होगा।
मास्क की संख्या बढ़ाने को लेकर प्रवक्ता का कहना है कि मास्क मेडिकल व्यवसाय से जुड़े लोगों के लिए उपयोग में लाए जाएंगे न कि सामान्य नागरिकों के लिए। अभी तक ब्रिटेन में स्वाइन फ्लू के दो मामलों की पुष्टि हुई है, हालांकि अस्पतालों में संभावित मामलों की जांच लगातार जारी है।
