महानगरों की तेज जिंदगी में मनपसंद मकान और दुकान की खोज ने रियल एस्टेट और बुनियादी ढांचे की खबरों को दिखाने वाले चैनलों के बाजार को गर्म कर दिया है।
बढ़ते बाजार को देखते हुए ये चैनल दर्शकों के बीच में अपने आधार को मजबूत करने में लगे हैं। मीडिया विश्लेषकों का दावा है कि आने वाले 2010 के अंत तक इस तरह के चैनलों का बाजार लगभग 50 फीसदी तक बढ़ जाएगा।
मीडिया बाजार में रियल एस्टेट टीवी, स्पेस टीवी जैसे चैनल रियल्टी और बुनियादी ढांचा क्षेत्र को कवर कर रहे हैं और पूरे देश में अपने कार्यक्रमों का 24 घंटे प्रसारण कर रहे हैं। इसके अलावा कई और डेवलपर कंपनियों के भी चैनल पाइपलाइन में हैं।
इन चैनलों के बाजार के गर्म होने का कारण यह भी है कि इनका दर्शक ही इनका उपभोक्ता है। जानकारों का मानना है कि इस समय कोई भी कंपनी अकेले या सात आठ रियल एस्टेट कंपनियां आपस में मिलकर इस तरह के चैनल शुरु कर रही हैं। ऐसा होने से रियल एस्टेट कंपनियों को दुगना मुनाफा हो रहा है।
स्वयं का चैनल होने के कारण एक तरफ तो ये कंपनियां अपनी योजनाओं के प्रचार और प्रसार में होने वाले व्यय को बचा सकती हैं। साथ ही दूसरी रियल एस्टेट कंपनियों की योजनाओं से संबधित प्रोग्रामों को प्रसारित करके मोटी रकम भी कमा सकती हैं। ये चैनल दर्शकों के लिए खबरिया और मनोरंजन चैनल दोनों की भूमिका अदा कर रहे हैं।
अलांयस ग्रुप के स्वामित्व वाले रियल एस्टेट टीवी के प्रमुख के श्रीराम बताते है कि हमारा चैनल बुनियादी ढांचे, रियल एस्टेट, मकान और दुकान के अंतरराष्ट्रीय मानकों में हो रहे परिवर्तनों से दर्शकों को रूबरू करा रहा है। इसलिए दर्शकों से हमें अच्छा रिस्पांस मिल रहा है।
मकान के बारे में इस तरह की जानकारी उपभोक्ताओं के लिए इससे पहले उपलब्ध नहीं थी लेकिन अब दर्शक घर बैठे ही अपने सपनों के महल को ढूंढ सकता है। रियल्टी चैनलों में होने वाली प्रतिस्पर्धा के सवाल पर श्रीराम कहते है कि अभी बाजार में हम अकेले हैं। इसलिए हमें प्रतिस्पर्धा का डर नहीं है।
अभी हमारा लक्षित समूह देश के ए और ए प्लस शहरों के दर्शक है। लेकिन जैसे-जैसे प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी हम अपनी रणनीतियों में फेरबदल करते रहेंगे। रियल एस्टेट चैनलों में प्रसारण को लेकर एसआरएस ग्रुप के विपणन प्रमुख गौरव सेन कहते है कि हमनें स्पेस टीवी के साथ मिलकर अपना एक कार्यक्रम प्रसारित किया था। इसका हमें अच्छा नतीजा मिला है। हमें उम्मीद है कि हम आगे भी इस चैनल के कुछ नये कार्यक्रमों का हिस्सा बन पायेंगे।
सेन बताते है कि रियल एस्टेट की खबरें कवर करने वाली पत्रिकाओं और अखबार की रीडरशिप काफी अच्छी होती है। इसलिए अगर अपने प्रोजेक्ट को हाईलाइट करने के लिए हम इस तरह के चैनल को साधन बना रहे हैं तो यह हमारे लिए एक अच्छा विकल्प हो सकते हैं। अनुमान है कि इन चैनलों से होने वाले फायदे और प्रचार-प्रसार को देखते हुए आने वाले कुछ दिनों के भीतर ही दिग्गज रियल एस्टेट कंपनियां बड़ी संख्या में इन चैनलों की शुरुआत करेंगी।