Skip to content
  रविवार 5 फ़रवरी 2023
Trending
February 5, 2023मैक्स ग्रुप की परियोजना में 290 करोड़ रुपये निवेश करेगी New York LifeFebruary 5, 2023एनडीएमसी जी20 खाद्य महोत्सव एनडीएमसी की ओर से जी20 खाद्य महोत्सव का आयोजनFebruary 5, 2023Russian Crude Oil: रूस से डीजल खरीदने पर यूरोपीय देशों ने रोक लगाईFebruary 5, 2023FMCG कंपनियों को ग्रामीण बाजार में सुधार की उम्मीद, मार्केटिंग खर्च बढ़ायाFebruary 5, 2023उत्तर प्रदेश के मध्यांचल में उपभोक्ताओं के घरों पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने संबंधी निविदा रद्दFebruary 5, 2023Adani Group के शेयरों में हो रही गिरावट एक सामान्य प्रक्रिया: शेखावतFebruary 5, 2023Budget 2023: प्रस्तावित NRF को बजट में मिले 2,000 करोड़ रुपयेFebruary 5, 2023समुद्री क्षेत्र के लिए कई उत्पादों पर सीमा शुल्क घटाने का बजट प्रस्तावFebruary 5, 2023Reserve Bank के रीपो रेट पर निर्णय, तिमाही नतीजों से तय होगी शेयर बाजार की दिशाFebruary 5, 2023बीते साल भारत का कच्चे इस्पात का उत्पादन बढ़कर 12.4 करोड़ टन के पार
बिज़नेस स्टैंडर्ड
  • होम
  • बजट 2023
  • अर्थव्यवस्था
  • बाजार
    • शेयर बाजार
    • म्युचुअल फंड
    • आईपीओ
    • समाचार
  • कंपनियां
    • स्टार्ट-अप
    • रियल एस्टेट
    • टेलीकॉम
    • तेल-गैस
    • एफएमसीजी
    • उद्योग
    • समाचार
  • पॉलिटिक्स
  • लेख
    • संपादकीय
  • आपका पैसा
  • भारत
    • उत्तर प्रदेश
    • महाराष्ट्र
    • मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़
    • बिहार व झारखण्ड
    • राजस्थान
    • अन्य
  • मल्टीमीडिया
    • वीडियो
  • टेक-ऑटो
  • विविध
    • मनोरंजन
    • ट्रैवल-टूरिज्म
    • शिक्षा
    • स्वास्थ्य
  • अन्य
    • विशेष
    • आज का अखबार
    • ताजा खबरें
    • अंतरराष्ट्रीय
    • वित्त-बीमा
      • फिनटेक
      • बीमा
      • बैंक
      • बॉन्ड
      • समाचार
    • कमोडिटी
    • खेल
    • BS E-Paper
बिज़नेस स्टैंडर्ड
बिज़नेस स्टैंडर्ड
  • होम
  • अर्थव्यवस्था
  • बजट 2023
  • बाजार
    • शेयर बाजार
    • म्युचुअल फंड
    • आईपीओ
    • समाचार
  • कंपनियां
    • स्टार्ट-अप
    • रियल एस्टेट
    • टेलीकॉम
    • तेल-गैस
    • एफएमसीजी
    • उद्योग
    • समाचार
  • पॉलिटिक्स
  • लेख
    • संपादकीय
  • आपका पैसा
  • भारत
    • उत्तर प्रदेश
    • महाराष्ट्र
    • मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़
    • बिहार व झारखण्ड
    • राजस्थान
    • अन्य
  • मल्टीमीडिया
    • वीडियो
  • टेक-ऑटो
  • विशेष
  • विविध
    • मनोरंजन
    • ट्रैवल-टूरिज्म
    • शिक्षा
    • स्वास्थ्य
  • अन्य
  • आज का अखबार
  • ताजा खबरें
  • खेल
  • वित्त-बीमा
    • बैंक
    • बीमा
    • फिनटेक
    • बॉन्ड
  • BS E-Paper
बिज़नेस स्टैंडर्ड
  लेख  यूक्रेन का हश्र और बुद्ध की नाराजगी
लेख

यूक्रेन का हश्र और बुद्ध की नाराजगी

बीएस संवाददाता बीएस संवाददाता —February 27, 2022 11:16 PM IST0
FacebookTwitterLinkedInWhatsAppEmail

रणनीतिक अध्ययन के लिए एक पहेली: पोकरण-1 परमाणु परीक्षण की सफलता की सूचना इंदिरा गांधी को ‘बुद्ध मुस्कराए’ के कूट संकेत से क्यों दी गई? आप इस पर विचार करें तब तक हम यूक्रेन की बात करते हैं।
रूस और यूक्रेन के बीच छिड़ी लड़ाई के बीच एक सवाल बार-बार उठ रहा है और शायद आने वाले दशकों तक उठेगा कि अगर सन 1994 की बुडापेस्ट संधि के बाद यूक्रेन ने अपने परमाणु हथियार त्यागे नहीं होते तो क्या रूस इतनी आसानी से यूक्रेन को कुचल पाता? यूक्रेन ने अपने हथियार अमेरिका, यूरोप और रूस के आश्वासन पर त्यागे थे। गारंटी देने वाले देशों में से ही एक ने यूक्रेन पर हमला कर दिया है, दूसरे यानी यूरोप को मुंह छिपाने की जगह तलाशनी पड़ रही है और सस्ता तेल गंवाने की आशंका से वह परेशान है और तीसरा यानी अमेरिका बस प्यार जता रहा है। यदि परमाण हथियार होते तो यूक्रेन की यह दशा होती?
अब इस सवाल को अपनी ओर मोड़ते हैं। भारत ने न केवल परमाणु हथियार बनाए बल्कि खुद को परमाणु हथियार संपन्न देश भी घोषित किया। यह समझदारी थी या अविवेकपूर्ण? बीते दशकों में चार विचारधाराएं इस पर बहस करती रही हैं। होमी भाभा के दौर के उग्र विचार वालों का मानना था कि भारत को सन 1960 के दशक में चीन से भी पहले परमाणु हथियार बना लेना चाहिए था। पूर्व विदेश सचिव महाराजकृष्ण रसगोत्रा ने सार्वजनिक साक्षात्कारों और संगोष्ठियों में कहा था कि अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ केनेडी ने भी भारत को इसकी पेशकश की थी लेकिन जवाहरलाल नेहरू ने इनकार कर दिया था।
दूसरी विचारधारा इसके उलट है और परमाणु हथियारों को बुरा, अनैतिक, अनुपयोगी, अनावश्यक और मानवता के लिए खराब मानती है। सन 1998 में पोकरण-2 के बाद यह विचारधारा धीरे-धीरे कमजोर पड़ी। इनमें से कुछ एक नयी विचार प्रक्रिया में तब्दील हो गई: अब परमाणु संपन्न हो ही गए हैं तो उसे न्यूनतम प्रतिरोध के लिए सीमित कर देना चाहिए और व्यापक परमाणु अप्रसार संधि जैसी वैश्विक व्यवस्थाओं में शामिल होकर देश अपनी सक्रिय भूमिका निभाएं।
तीसरी विचारधारा मानती है कि परमाणु हथियार के मोर्चे पर अस्पष्टता भारत के लिए बेहतर होती। यह भी कि इंदिरा गांधी ने 1974 में पोकरण-एक के साथ दुनिया को हमारी क्षमताएं दिखा दी थीं। यह भी कि सन 1998 में किया गया परमाणु परीक्षण गैर जरूरी राजनीतिक शक्ति प्रदर्शन था जिसने पाकिस्तान को भी परीक्षण करने का अवसर दिया। इसके परिणामस्वरूप दक्षिण एशिया में दो स्वघोषित परमाणु हथियार संपन्न देश हो गये।
चौथी विचारधारा को जीत हासिल हुई जो कहती है कि केवल 1974 का क्षमता प्रदर्शन पर्याप्त नहीं था। वह तो अपने पैरों में कुल्हाड़ी मारने के समान था क्योंकि भारत ने खुद को हथियारसंपन्न घोषित भी नहीं किया और प्रतिबंध भी झेले। इसे शांतिपूर्ण परमाणु विस्फोट कहना विशुद्ध पाखंड था। इससे कोई प्रभावित नहीं हुआ। भारत में भी जनमत इससे प्रभावित नहीं हुआ जबकि उस वक्त इंदिरा गांधी को इसकी आवश्यकता थी। हथियार बनाना, आत्म प्रशंसा और पाकिस्तान को चुनौती जरूरी थे।
पहली विचारधारा को सन 1960 के दशक में ज्यादा समर्थक नहीं मिले। दूसरी 1998 के बाद अप्रासंगिक हो गई। तीसरी और चौथी पर बहस की जा सकती है, खासकर यूक्रेन प्रकरण के दौरान। ऐसे ही प्रश्न उस समय भी उठाए गए थे जब अमेरिका ने इराक पर दो बार आक्रमण किया। दूसरी बार उसने परमाणु हथियार होने के आरोप में हमला किया। यदि वास्तव में उसके पास व्यापक विनाश के हथियार होते तो क्या बुश सीनियर या जूनियर हमले का जोखिम उठाते?
होते भी तो वे वॉशिंगटन तक हमला करने में सक्षम नहीं थे। परंतु हमले के जवाब में पश्चिम एशिया में अमेरिका के किसी साझेदार के खिलाफ परमाणु हमले की धमकी से ही काम बन जाता। यूक्रेन के मामले के बाद कई ऐसे देश असहज महसूस कर रहे होंगे जिन्हें बचाव की गारंटी दी गई थी। अब उत्तर कोरिया, इजरायल, ईरान या कोई अन्य परमाणु हथियार संपन्न देश कभी इन्हें नहीं त्यागेगा। यूक्रेन का उदाहरण उनके सामने है। भारत को अपनी परमाणु क्षमता जाहिर करने का फायदा हुआ या नुकसान? आलोचक कहते हैं कि इससे पाकिस्तान को बराबरी का अवसर मिला। जवाब यह है कि पाकिस्तान पहले ही परमाणु हथियार संपन्न देश था। अमेरिका ने पाकिस्तान को परमाणु मामले में 1989 में आखिरी बार निर्दोष बताया था उसके बाद नहीं। सन 1990-91 के गतिरोध में भी पाकिस्तान ने भारत को परमाणु हथियार के नाम पर ब्लैकमेल किया। इस बारे में तमाम किताबें लिखी गयी हैं। बॉब विडंर्म और विलियम बुरोज की क्रिटिकल मास: द डेंजरस रेस फॉर सुपर वीपंस इन अ फ्रैगमेंटेड वल्र्ड इसका उदाहरण है। सीआईए के तत्कालीन उप प्रमुख रॉबर्ट गेट्स ने इस बारे में बात की और खोजी पत्रकार सीमोर हर्श ने भी इस पर विस्तार से लिखा है। परंतु पाकिस्तान की एक धमकी रॉबर्ट गेट्स विवाद निस्तारण यात्रा के दौरान इस्लामाबाद से भारत को बताने के लिए ले आए थे, वह यह थी कि पाकिस्तान जंग के आरंभ में ही परमाणु हथियार का इस्तेमाल कर देगा। विश्वनाथ प्रताप सिंह की सरकार को समझ में आ गया कि हमारे पास ऐसा हथियार नहीं है जिसे तत्काल इस्तेमाल किया जा सके। दशकों से हमारे पास क्षमता थी लेकिन उसे हथियार में नहीं बदला गया था।
भारत के रणनीतिक उभार में 18 मार्च, 1989 का दिन अहम है। उस समय तक खुफिया रिपोर्ट बता रही थीं कि पाकिस्तान बम बनाने के एकदम करीब है। उस दिन भारतीय वायुसेना पारंपरिक युद्ध प्रदर्शन कर रही थी। दिल्ली के निकट तिलपत में आयोजित इस प्रदर्शन में 129 विमान शामिल थे। उस आयोजन के दौरान राजीव गांधी ने शीर्ष अफसरशाह नरेश चंद्रा को अपने साथ एक शिविर में आने को कहा। इतनी गोपनीयता बरती जा रही थी कि उन्होंने जिज्ञासा जता रहे राजेश पायलट तक को इशारे से मना कर दिया जो उस समय मंत्री थे। उन्होंने चंद्रा को अपनी चिंता बताई और उन्हें वैज्ञानिकों के एक समूह का नेतृत्व करने को कहा जिसका लक्ष्य था भारत को हथियारों से पूरी तरह लैस करना। इस समूह में शीर्ष परमाणु वैज्ञानिक आर चिदंबरम, पीके आय्यंगर, अनिल काकोडकर, के ‘सैंटी’ संथानम, मिसाइल विशेषज्ञ एपीजे अब्दुल कलाम और डीआरडीओ के तत्कालीन प्रमुख वी एस अरुणाचलम शामिल थे।
इन्हें योजना आयोग के अधीन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के मद में गोपनीय तरीके से फंड किया जाना था। तमाम गतिविधियां गोपनीय ढंग से की गईं। उदाहरण के लिए संथानम को रॉ में गुप्त रूप से एक बड़ा पद सौंपा गया। बाद में काकोडकर ने मुझे एक बातचीत में बताया कि उन्हें छद्म नाम और पासपोर्टों पर विदेश यात्राएं तक करनी पड़ीं। राजनीतिक अस्थिरता के एक दौर में सात प्रधानमंत्रियों से सफलतापूर्वक गुजरने के बाद आखिरकार 1998 में पोकरण-2 हुआ और फिर चगाई में पाकिस्तान ने परमाणु परीक्षण किया।
दो दशक बाद दोनों परमाणु संपन्न देशों की स्थिति क्या है? भारत को प्राय: वैध परमाणु हथियार संपन्न देश मान लिया गया है और वह तमाम बहुपक्षीय व्यवस्थाओं में शामिल है, तमाम प्रतिबंधों से मुक्त है और अमेरिका का सामरिक साझेदार है। और पाकिस्तान? जाहिर है उस समय खुलासा करना बुरा विचार नहीं था।
अंत में, इस सवाल का जवाब कि पोकरण-एक को ‘बुद्ध मुस्कराए’ नाम क्यों दिया गया। ऐसा लगता है कि बुद्ध के काल में मगध ने पड़ोसी राज्य वैशाली के खिलाफ युद्ध छेड़ा था। मगध बड़ा साम्राज्य था उसके पास बड़ी सेना और ढेर सारे हथियार थे। जबकि वैशाली एक छोटा सा अराजक लोकतांत्रिक देश था जहां लोग पूरा समय इस बहस में बिता देते कि लडऩा चाहिए या नहीं, कैसे लडऩा चाहिए और कौन लड़ेगा आदि। मगध ने कमजोर वैशाली को पूरी तरह नष्ट कर दिया। जब यह समाचार ध्यानस्थ बुद्ध के पास पहुंचा तो वह असहमति के साथ नाराज हुए। यानी शांति बनाए रखने के लिए एक राज्य को युद्ध की पूरी तैयारी रखनी चाहिए, वरना उसकी हालत वैशाली जैसी होगी। सन 1964 से ही चीन रूपी मगध के सामने भारत वैशाली था। अब आप समझ गए होंगे कि बुद्ध क्यों मुस्कराए? या वे यूक्रेन की हालत पर नाराज क्यों होंगे?

परमाणु हथियारपोकरण परमाणु परीक्षणबुद्धयूक्रेनरणनीतिक अध्ययनरूस
FacebookTwitterLinkedInWhatsAppEmail

संबंधित पोस्ट

  • संबंधित पोस्ट
  • More from author
आज का अखबार

काफी कुछ दांव पर

February 3, 2023 10:57 PM IST0
आज का अखबार

राजधानियों के प्रश्न में उलझा आंध्र प्रदेश

February 3, 2023 10:48 PM IST0
आज का अखबार

बजट में वृहद राजकोषीय चुनौतियों के प्रबंधन पर जोर

February 3, 2023 10:25 PM IST0
आज का अखबार

बैंकिंग क्षेत्र को बजट का करना चाहिए स्वागत

February 3, 2023 10:20 AM IST0
अन्य

गुजरात के अमरेली में लगे भूकंप के झटके, 3.2 रही तीव्रता

February 4, 2023 10:47 AM IST0
अन्य

दिल्ली: IB निदेशक के आवास पर CRPF के ASI ने की आत्महत्या

February 4, 2023 10:37 AM IST0
अंतरराष्ट्रीय

चीन का एक और निगरानी गुब्बारा लातिन अमेरिका के ऊपर से गुजर रहा : पेंटागन

February 4, 2023 10:10 AM IST0
अन्य

आज नहीं चलेंगी 300 से अधिक ट्रेनें, भारतीय रेलवे ने शताब्दी समेत कई गाड़ियों को किया रद्द

February 4, 2023 9:50 AM IST0
आपका पैसा

रिवाइज्ड न्यू टैक्स रिजीम को ‘शानदार’ रिस्पांस मिलने की उम्मीद: CBDT प्रमुख

February 3, 2023 4:02 PM IST0
अंतरराष्ट्रीय

Pakistan Crisis : पाकिस्तान की हालत गंभीर, सिर्फ तीन हफ्ते के इम्पोर्ट का बचा पैसा

February 3, 2023 3:52 PM IST0

Trending Topics


  • Gold Prices Today
  • Stock Market Update
  • Adani Enterprises Share Price
  • Rupee vs Dollar
  • Stocks To Watch
  • Adani FPO
  • New Income Tax Regime
  • Online Gaming | Budget 2023
  • Union Budget 2023

सबकी नजर


मैक्स ग्रुप की परियोजना में 290 करोड़ रुपये निवेश करेगी New York Life

February 5, 2023 8:32 PM IST

एनडीएमसी जी20 खाद्य महोत्सव एनडीएमसी की ओर से जी20 खाद्य महोत्सव का आयोजन

February 5, 2023 8:27 PM IST

Russian Crude Oil: रूस से डीजल खरीदने पर यूरोपीय देशों ने रोक लगाई

February 5, 2023 8:14 PM IST

FMCG कंपनियों को ग्रामीण बाजार में सुधार की उम्मीद, मार्केटिंग खर्च बढ़ाया

February 5, 2023 7:45 PM IST

उत्तर प्रदेश के मध्यांचल में उपभोक्ताओं के घरों पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने संबंधी निविदा रद्द

February 5, 2023 7:27 PM IST

Latest News


  • मैक्स ग्रुप की परियोजना में 290 करोड़ रुपये निवेश करेगी New York Life
    by भाषा
    February 5, 2023
  • एनडीएमसी जी20 खाद्य महोत्सव एनडीएमसी की ओर से जी20 खाद्य महोत्सव का आयोजन
    by भाषा
    February 5, 2023
  • Russian Crude Oil: रूस से डीजल खरीदने पर यूरोपीय देशों ने रोक लगाई
    by भाषा
    February 5, 2023
  • FMCG कंपनियों को ग्रामीण बाजार में सुधार की उम्मीद, मार्केटिंग खर्च बढ़ाया
    by भाषा
    February 5, 2023
  • उत्तर प्रदेश के मध्यांचल में उपभोक्ताओं के घरों पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने संबंधी निविदा रद्द
    by बीएस संवाददाता
    February 5, 2023
  • चार्ट
  • आज का बाजार
60841.88 
IndicesLastChange Chg(%)
सेंसेक्स60842
9101.52%
निफ्टी60842
9100%
सीएनएक्स 50014962
1230.83%
रुपया-डॉलर81.91
--
सोना(रु./10ग्रा.)51317.00
0.00-
चांदी (रु./किग्रा.)66740.00
0.00-

  • BSE
  • NSE
CompanyLast (Rs)Gain %
Mahindra Life.379.208.31
Adani Ports498.857.98
AAVAS Financiers1996.757.33
Titan Company2463.206.87
Bank of Baroda163.656.20
Rajesh Exports946.906.15
आगे पढ़े  
CompanyLast (Rs)Gain %
Mahindra Life.380.058.80
Adani Ports498.857.87
AAVAS Financiers1998.657.37
Titan Company2463.106.72
Bank of Baroda163.606.20
Ambuja Cements373.605.97
आगे पढ़े  

# TRENDING

Gold Prices TodayStock Market UpdateAdani Enterprises Share PriceRupee vs DollarStocks To WatchAdani FPONew Income Tax RegimeOnline Gaming | Budget 2023Union Budget 2023
© Copyright 2023, All Rights Reserved
  • About Us
  • Authors
  • Partner with us
  • Jobs@BS
  • Advertise With Us
  • Terms & Conditions
  • Contact Us