Skip to content
  मंगलवार 30 मई 2023
Trending
May 30, 2023IPL 2023 फाइनल के दौरान Swiggy पर ‘सबसे ज्यादा ऑर्डर हुई ये डिश, एक मिनट में आए 212 ऑर्डरMay 30, 2023NHPC Q4 results: नेट प्रॉफिट 39 फीसदी बढ़ा, प्रति शेयर 4.50 रुपये के डिविडेंड का ऐलानMay 30, 2023सावधान! चेक बाउंस होने पर जाना पड़ सकता है जेलMay 30, 2023RBI Annual Report: भारत की वृद्धि गति 2023-24 में बरकरार रहने की संभावनाMay 30, 2023CSK vs GT: हार्दिक ने धोनी के पांचवां IPL खिताब जीतने के बाद कहा, नियति ने उनके लिए यह लिखा थाMay 30, 2023US debt ceiling crisis: ऋण सीमा पर मतदान का दिन नजदीक आने के बीच बाइडन ने सांसदों से समर्थन मांगाMay 30, 2023NDTV को झटका! एक्सचेंजों ने बढ़ाई निगरानी, ये स्टॉक्स भी आए ASM फ्रेमवर्क के दायरे मेंMay 30, 2023Delhi Excise Policy Scam: दिल्ली HC ने मनीष सिसोदिया को जमानत देने से किया इनकारMay 30, 2023चीन ने लॉन्च किया अपना अंतरिक्ष मिशन Shenzhou 16May 30, 2023Gold-Silver Price Today: चांदी 71 हजार से नीचे, सोने की कीमत में भी गिरावट
बिज़नेस स्टैंडर्ड
  • होम
  • बजट 2023
  • अर्थव्यवस्था
  • बाजार
    • शेयर बाजार
    • म्युचुअल फंड
    • आईपीओ
    • समाचार
  • कंपनियां
    • स्टार्ट-अप
    • रियल एस्टेट
    • टेलीकॉम
    • तेल-गैस
    • एफएमसीजी
    • उद्योग
    • समाचार
  • पॉलिटिक्स
  • लेख
    • संपादकीय
  • आपका पैसा
  • भारत
    • उत्तर प्रदेश
    • महाराष्ट्र
    • मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़
    • बिहार व झारखण्ड
    • राजस्थान
    • अन्य
  • मल्टीमीडिया
    • वीडियो
  • टेक-ऑटो
  • विविध
    • मनोरंजन
    • ट्रैवल-टूरिज्म
    • शिक्षा
    • स्वास्थ्य
  • अन्य
    • विशेष
    • आज का अखबार
    • ताजा खबरें
    • अंतरराष्ट्रीय
    • वित्त-बीमा
      • फिनटेक
      • बीमा
      • बैंक
      • बॉन्ड
      • समाचार
    • कमोडिटी
    • खेल
    • BS E-Paper
बिज़नेस स्टैंडर्ड
बिज़नेस स्टैंडर्ड
  • होम
  • अर्थव्यवस्था
  • बजट 2023
  • बाजार
    • शेयर बाजार
    • म्युचुअल फंड
    • आईपीओ
    • समाचार
  • कंपनियां
    • स्टार्ट-अप
    • रियल एस्टेट
    • टेलीकॉम
    • तेल-गैस
    • एफएमसीजी
    • उद्योग
    • समाचार
  • पॉलिटिक्स
  • लेख
    • संपादकीय
  • आपका पैसा
  • भारत
    • उत्तर प्रदेश
    • महाराष्ट्र
    • मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़
    • बिहार व झारखण्ड
    • राजस्थान
    • अन्य
  • मल्टीमीडिया
    • वीडियो
  • टेक-ऑटो
  • विशेष
  • विविध
    • मनोरंजन
    • ट्रैवल-टूरिज्म
    • शिक्षा
    • स्वास्थ्य
  • अन्य
  • आज का अखबार
  • ताजा खबरें
  • खेल
  • वित्त-बीमा
    • बैंक
    • बीमा
    • फिनटेक
    • बॉन्ड
  • BS E-Paper
बिज़नेस स्टैंडर्ड
  लेख  खाद्य मुद्रास्फीति का अंत है करीब?
लेख

खाद्य मुद्रास्फीति का अंत है करीब?

बीएस संवाददाताबीएस संवाददाता—July 3, 2020 11:04 PM IST
FacebookTwitterLinkedInWhatsAppEmail

क्या भोजन वह माध्यम होगा जिसके जरिये अप्रत्याशित मौद्र्रिक हस्तक्षेप मुद्रास्फीति को नियंत्रित कर सकता है? क्या बढ़ती आबादी का पेट भरने के लिए धरती के पास जमीन एवं पानी की कमी हो जाएगी? आखिरकार खेती-योग्य भूमि धरती के कुल भूभाग का महज 12 फीसदी ही है और 25 फीसदी इलाके में चारागाह हैं। बीते तीन दशकों से यह अनुपात काफी हद तक अपरिवर्तित रहा है जो बहुफसली खेती में वृद्धि की संभावना को भी सीमित करता है।
इंसानी आबादी में स्थिर वृद्धि होने और आय बढऩे से अधिक कैलरी-युक्त खाने की तरफ रुझान बढ़ा है जिसके लिए अधिक जमीन एवं पानी की जरूरत होती है। इन मुद्दों को बेहतर ढंग से समझने के लिए क्रेडिट सुइस ने शरीर के निर्माण एवं जिंदा रहने के लिए जरूरी खाद्य कैलरी की मांग एवं आपूर्ति की गहन पड़ताल की।
कैलरी की मांग जनसंख्या बढऩे के अनुपात में बढ़ती जाती है और कुपोषण स्तर में गिरावट आने एवं औसत शारीरिक वजन में वृद्धि का भी इसमें योगदान है। दरअसल बड़े आकार वाले शरीर के विकास एवं उसे जीवित रखने के लिए अधिक कैलरी की जरूरत होती है। नई पीढ़ी के अधिक लंबे एवं वजनदार होने का यह मतलब भी है कि इसे अधिक कैलरी की जरूरत भी है। वैश्विक कैलरी मांग 1960 के बाद करीब पांच दशकों तक सालाना 2 फीसदी की दर से बढ़ी लेकिन बीते दशक में जनसंख्या वृद्धि सुस्त पडऩे से मांग में 1.5 फीसदी की कमी दर्ज की गई। प्रति व्यक्ति मांग में वृद्धि लंबे समय से 0.5 फीसदी के स्तर पर अपरिवर्तित रही है लेकिन थोड़े समय में निम्न एवं मध्यम आय वाले देशों में आय वृद्धि का इस पर असर पड़ता है।
इसकी वजह यह है कि कार्बोहाइड्रेट-जनित कैलरी की मांग प्रति व्यक्ति 1,800 कैलरी प्रतिदिन पर ही स्थिर रहती है और इससे अधिक कैलरी अपेक्षाकृत महंगे स्रोतों से ही मिलती है: वसा (मुख्यत: वनस्पति तेल एवं मांस) या फिर सस्ते अनाज से मिलने वाले कार्बोहाइड्रेट के बजाय फलों, सब्जियों, दालों एवं दूध जैसे महंगे स्रोतों से कैलरी जुटाई जाए।
कोरोनावायरस पर काबू पाने के लिए लगाए गए लॉकडाउन से आर्थिक गतिविधियां ठप होने के पहले भी वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि 2019 में एक दशक के न्यूनतम स्तर पर थी। सिद्धांत रूप में आय घटने का असर प्रति व्यक्ति कैलरी मांग पर सबसे कम पडऩा चाहिए लेकिन हकीकत में ऐसा नहीं है। इसकी एक वजह यह भी है कि कम आय वाले परिवार अपने खानपान में कटौती कर सकते हैं। मसलन, नेपाल में येल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने अप्रैल के फसल कटाई समय में भी खाद्य असुरक्षा की स्थिति देखी है जबकि आम तौर पर ऐसा काम न होने के मौसम में ही होता है। ऐसी स्थिति में नेपाल के एक चौथाई गरीब ग्रामीणों ने या तो अपने खाने की मात्रा कम कर दी या फिर दिन भर में किए जाने वाले भोजन में कटौती कर दी। इन कारकों से कैलरी की प्रति व्यक्ति मांग प्रभावित होती है। 
दूसरी तरफ, खाद्य कैलरी पर रोशनी डालने की प्रक्रिया काफी हद तक निर्बाध रही है। प्रति हेक्टेयर उपज बढऩे से आपूर्ति बेहतर हुई है और मौजूदा संकट भी इस रुझान को बदल नहीं सकता है। अनाज पहले से ही प्रचुर मात्रा में हैं और चीन एवं भारत के गोदाम अनाज से भरे हुए हैं। खासकर भारत भूमि उत्पादकता पैमानों के करीब पहुंचता जा रहा है और अब तो उसे अपना अतिरिक्त अनाज संभालने में समस्या होने लगी है। वैश्विक भूभाग का महज 2 फीसदी होने के बावजूद भारत में वैश्विक फसल-योग्य जमीन का 12 फीसदी अंश है। वैश्विक स्तर पर खेती के रकबे में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से वसा उत्पादन पर जोर है। उदाहरण के तौर पर पॉम, कॉर्न एवं सोया के फसल रकबे में ही वर्ष 2000 के बाद से 86 फीसदी वृद्धि देखी गई है।
जलवायु परिवर्तन एवं मौसमी गतिरोध अब ठीक से दर्ज हो रहे हैं। मौसमी विपदाओं की आवृत्ति भी वर्ष 2000 के बाद बढ़ी नहीं है। सिंचाई सुविधाओं में सुधार, रणनीतिक भंडार अधिशेष और खाद्य व्यापार बढऩे से भी जल्दी खराब न होने वाले कृषि उत्पादों की आपूर्ति में अस्थिरता कम हुई है। हालांकि पूर्वी अफ्रीका एवं दक्षिण एशिया में टिड्डी दलों के आतंक जैसी नई चुनौतियां हमेशा ही रहती हैं।
मांस, अंडे एवं दूध के जरिये कैलरी हासिल करने की प्रक्रिया भी अधिक तेज हुई है। भोजन रूपांतरण अनुपात (मवेशियों से एक खाद्य कैलरी पाने के लिए उसे दी जाने वाली कैलरी की संख्या) 4 से 12 के बीच होता है और यह मांस की किस्म पर निर्भर करता है। काफी ऊर्जा जानवरों के अंगों के निर्माण और उनके उपापचय में ही खर्च हो जाती है। इस वजह से वसा में एक खाद्य कैलरी के लिए कार्बोहाइड्रेट से कहीं ज्यादा पानी की जरूरत होती है। कुछ अनुमानों के मुताबिक, पशु-स्रोतों से एक कैलरी जुटाने के लिए अनाज की तुलना में 10-50 गुना अधिक पानी चाहिए।
हालांकि बढ़ते औद्योगीकरण और सुदृढ़ीकरण से भोजन रूपांतरण अनुपात एवं पानी का इस्तेमाल कम हो रहा है और इससे आपूर्ति प्रतिक्रिया समय भी नीचे आ रहा है। पोल्ट्री एवं पोर्क के एक टन मांस के लिए पानी की जरूरत औद्योगिक स्तर पर सामान्य तरीकों से उत्पादन की तुलना में 40 से 60 फीसदी कम है। मसलन, हम अपने आसपास जिन देसी सूअरों को घूमते देखते हैं, वे साल भर में 60 किलो वजन के हो जाते हैं जबकि गुलाबी रंगत एवं हल्के बालों वाले सूअर छह महीनों में ही 90 किलो तक वजनी हो सकते हैं। कृत्रिम तरीके से तैयार मांस कैलरी रूपांतरण में अधिक सक्षम है। एक कृत्रिम मांस उत्पादक की तरफ से कराए गए एक अध्ययन के मुताबिक पशुओं के मांस की तुलना में कृत्रिम मांस में 90 फीसदी कम ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन, 93-99 फीसदी कम पानी एवं भूमि की जरूरत और 46 फीसदी कम ऊर्जा उपभोग होता है। वनस्पति आधारित मांस की हिस्सेदारी वर्ष 2018 में मूल्य के हिसाब से वैश्विक मांस मांग का महज 3.5 फीसदी थी और 2025 तक करीब सात फीसदी हो जाने की उम्मीद है।
मांग में बदलाव न होने पर खाद्य कैलरी आपूर्ति के उत्पादन एवं रूपांतरण में स्थिर सुधार के कई निहितार्थ हैं। पहली और सबसे अहम बात खाद्य महंगाई में कमी होना है। पिछले कुछ दशकों में कुल मुद्रास्फीति को नीचे लाने में इसका बड़ा योगदान रहा है। जल्द खराब होने वाले खाद्य उत्पादों की आपूर्ति में अंशकालिक बाधा आ सकती है लेकिन खाद्य महंगाई के निचले स्तर पर रहने का सिलसिला आगे भी जारी रहना चाहिए। वैश्विक स्तर पर अतिरिक्तपैसे आने से सिद्धांत रूप में समग्र मुद्रास्फीति बढऩी चाहिए लेकिन इसकी संभावना नहीं है कि उपभोग में 25-45 फीसदी भारांक रखने वाला खाद्य क्षेत्र ही इसका जरिया बनेगा। जब तक आपूर्ति बढऩे की वजह से अधिशेष की स्थिति बनी रहेगी, तब तक वसा एवं प्रोटीन के दाम कम ही रहेंगे और सेहतमंद खुराक के लिए यह बेहद जरूरी है। इससे डिब्बाबंद खाना बनाने वाली कंपनियों का मार्जिन भी बढ़ेगा। इसका यह भी मतलब है कि खेतों पर कम दबाव होगा। हमारा अनुमान है कि वर्ष 2025 तक मांस के जरिये वसा उपभोग की मांग पूरा करने के लिए अतिरिक्त 1 करोड़ हेक्टेयर में मक्के एवं सोया खेती की जरूरत होगी। लेकिन तब तक 75 लाख हेक्टेयर में अनाज की अतिरिक्त खेती भी हो रही होगी। उपग्रह की तस्वीरें वैश्विक स्तर पर पत्तियों का दायरा बढऩे की तस्दीक कर रही हैं।
हालांकि इससे दुनिया भर में कृषि में लगे करोड़ों लोगों की आय पर दबाव भी बढ़ेगा। कृषि आय को बचाने के लिए सरकारें सब्सिडी बढ़ाती रही हैं जो अब वैश्विक कृषि जीडीपी का 20 फीसदी तक हो चुका है। लेकिन यह नाकाफी हो सकता है जिससे सामाजिक एवं राजनीतिक चुनौतियां पैदा हो सकती हैं।
(लेखक क्रेडिट सुइस के एशिया-प्रशांत रणनीति सह-प्रमुख एवं भारत रणनीतिकार हैं)

Agriculture SectorCaloriefood inflationHealthy Foodकृषि क्षेत्रकैलरीखाद्य मुद्रास्फीतिसेहतमंद खानपान
FacebookTwitterLinkedInWhatsAppEmail

संबंधित पोस्ट

  • संबंधित पोस्ट
  • More from author
आज का अखबार

Foreign Policy: पड़ोसियों को प्राथमिकता देने की नीति की सीमा

May 29, 2023 11:00 PM IST
आज का अखबार

दुनिया की गतिशीलता में लॉजि​स्टिक्स की भूमिका

May 29, 2023 10:56 PM IST
आज का अखबार

US Debt Crisis: जोखिम मुक्त नहीं ऋण सीमा बढ़ाना

May 29, 2023 10:52 PM IST
आज का अखबार

अर्थतंत्र: अमेरिका में ऋण सीमा पर विवाद एवं इसके आर्थिक परिणाम, बता रहे हैं एक्सपर्ट

May 29, 2023 12:12 AM IST
अंतरराष्ट्रीय

ऑक्सफोर्ड इकनॉमिक्स ने बताया, RBI कब नीतिगत दर में कर सकती है कटौती

May 29, 2023 4:05 PM IST
आपका पैसा

Mutual fund के जरिए शेयर में करें निवेश और उठाएं टैक्स में छूट, लॉक-इन पीरियड सिर्फ 3 साल

May 29, 2023 12:56 PM IST
अंतरराष्ट्रीय

Turkey elections 2023: एर्दोआन ने राष्ट्रपति पद का चुनाव फिर से जीता, लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए चुने गए

May 29, 2023 10:43 AM IST
अंतरराष्ट्रीय

IPEF के 14 देशों ने पूरी की सप्लाई चेन पर बातचीत, समझौते में भारत भी शामिल

May 28, 2023 10:15 PM IST
अन्य समाचार

अमृतकाल में बना संसद भवन, उत्कृष्टता की ओर होगी भारत की नई शुरुआत: अमित शाह

May 28, 2023 5:50 PM IST
अन्य समाचार

RBI के डिप्टी गवर्नर पद के लिए एक जून को होगा पांच उम्मीदवारों का इंटरव्यू

May 28, 2023 3:53 PM IST

Trending Topics


  • Market Live Updates
  • Stock Market Today
  • Stocks to Watch Today
  • Shenzhou 16 Mission
  • Adani Transmission
  • Gold-Silver Price
  • Nifty Next 50
  • RVNL Q4 Results

सबकी नजर


IPL 2023 फाइनल के दौरान Swiggy पर 'सबसे ज्यादा ऑर्डर हुई ये डिश, एक मिनट में आए 212 ऑर्डर

May 30, 2023 1:02 PM IST

NHPC Q4 results: नेट प्रॉफिट 39 फीसदी बढ़ा, प्रति शेयर 4.50 रुपये के डिविडेंड का ऐलान

May 30, 2023 12:53 PM IST

सावधान! चेक बाउंस होने पर जाना पड़ सकता है जेल

May 30, 2023 12:44 PM IST

RBI Annual Report: भारत की वृद्धि गति 2023-24 में बरकरार रहने की संभावना

May 30, 2023 12:17 PM IST

CSK vs GT: हार्दिक ने धोनी के पांचवां IPL खिताब जीतने के बाद कहा, नियति ने उनके लिए यह लिखा था

May 30, 2023 12:12 PM IST

Latest News


  • IPL 2023 फाइनल के दौरान Swiggy पर ‘सबसे ज्यादा ऑर्डर हुई ये डिश, एक मिनट में आए 212 ऑर्डरMay 30, 2023
  • NHPC Q4 results: नेट प्रॉफिट 39 फीसदी बढ़ा, प्रति शेयर 4.50 रुपये के डिविडेंड का ऐलानMay 30, 2023
  • सावधान! चेक बाउंस होने पर जाना पड़ सकता है जेलMay 30, 2023
  • RBI Annual Report: भारत की वृद्धि गति 2023-24 में बरकरार रहने की संभावनाMay 30, 2023
  • CSK vs GT: हार्दिक ने धोनी के पांचवां IPL खिताब जीतने के बाद कहा, नियति ने उनके लिए यह लिखा थाMay 30, 2023
  • चार्ट
  • आज का बाजार
60431.00 
IndicesLastChange Chg(%)
सेंसेक्स60431
380.06%
निफ्टी60431
380%
सीएनएक्स 50014954
130.08%
रुपया-डॉलर82.05
--
सोना(रु./10ग्रा.)51317.00
0.00-
चांदी (रु./किग्रा.)66740.00
0.00-

  • BSE
  • NSE
CompanyLast (Rs)Gain %
AU Small Finance679.6017.08
IDBI Bank51.679.66
Guj. Ambuja Exp265.707.51
Welspun India80.936.40
Chola Financial600.304.48
Graphite India278.304.43
आगे पढ़े  
CompanyLast (Rs)Gain %
AU Small Finance679.2017.07
F A C T320.8012.40
IDBI Bank51.709.77
Guj. Ambuja Exp265.557.66
Welspun India81.156.64
Ingersoll-Rand2763.055.53
आगे पढ़े  

# TRENDING

Market Live UpdatesStock Market TodayStocks to Watch TodayShenzhou 16 MissionAdani TransmissionGold-Silver PriceNifty Next 50RVNL Q4 Results
© Copyright 2023, All Rights Reserved
  • About Us
  • Authors
  • Partner with us
  • Jobs@BS
  • Advertise With Us
  • Terms & Conditions
  • Contact Us