Skip to content
  शुक्रवार 24 मार्च 2023
Trending
March 24, 2023Corona Update: देश में 24 घंटे में आए 1249 COVID-19 के नए केसMarch 24, 2023भारत जल क्षेत्र में 240 अरब डॉलर से अधिक का निवेश करने को प्रतिबद्ध: शेखावतMarch 24, 2023Rupee vs Dollar: अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया चार पैसे फिसलाMarch 24, 2023DDMA भूकंप से निपटने को लेकर दिल्ली में आज करेगा ‘मॉक ड्रिल’March 24, 2023Kitty O’Neil: 70 के दशक की खतरों से खेलने वाली स्टंट वुमेन को गूगल ने किया याद, बनाया स्पेशल डूडलMarch 24, 2023Ramadan 2023: PM मोदी ने लोगों को दी रमज़ान की मुबारकबादMarch 24, 2023World Bank president नॉमिनी अजय बंगा दिल्ली में कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गएMarch 24, 2023अजय बंगा भारत में, मोदी से मिलेंगेMarch 24, 2023दफ्तर आना पसंद कर रहे हैं लोग: सर्वेMarch 24, 2023सीईपीए की समीक्षा करेंगे भारत और यूएई
बिज़नेस स्टैंडर्ड
  • होम
  • बजट 2023
  • अर्थव्यवस्था
  • बाजार
    • शेयर बाजार
    • म्युचुअल फंड
    • आईपीओ
    • समाचार
  • कंपनियां
    • स्टार्ट-अप
    • रियल एस्टेट
    • टेलीकॉम
    • तेल-गैस
    • एफएमसीजी
    • उद्योग
    • समाचार
  • पॉलिटिक्स
  • लेख
    • संपादकीय
  • आपका पैसा
  • भारत
    • उत्तर प्रदेश
    • महाराष्ट्र
    • मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़
    • बिहार व झारखण्ड
    • राजस्थान
    • अन्य
  • मल्टीमीडिया
    • वीडियो
  • टेक-ऑटो
  • विविध
    • मनोरंजन
    • ट्रैवल-टूरिज्म
    • शिक्षा
    • स्वास्थ्य
  • अन्य
    • विशेष
    • आज का अखबार
    • ताजा खबरें
    • अंतरराष्ट्रीय
    • वित्त-बीमा
      • फिनटेक
      • बीमा
      • बैंक
      • बॉन्ड
      • समाचार
    • कमोडिटी
    • खेल
    • BS E-Paper
बिज़नेस स्टैंडर्ड
बिज़नेस स्टैंडर्ड
  • होम
  • अर्थव्यवस्था
  • बजट 2023
  • बाजार
    • शेयर बाजार
    • म्युचुअल फंड
    • आईपीओ
    • समाचार
  • कंपनियां
    • स्टार्ट-अप
    • रियल एस्टेट
    • टेलीकॉम
    • तेल-गैस
    • एफएमसीजी
    • उद्योग
    • समाचार
  • पॉलिटिक्स
  • लेख
    • संपादकीय
  • आपका पैसा
  • भारत
    • उत्तर प्रदेश
    • महाराष्ट्र
    • मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़
    • बिहार व झारखण्ड
    • राजस्थान
    • अन्य
  • मल्टीमीडिया
    • वीडियो
  • टेक-ऑटो
  • विशेष
  • विविध
    • मनोरंजन
    • ट्रैवल-टूरिज्म
    • शिक्षा
    • स्वास्थ्य
  • अन्य
  • आज का अखबार
  • ताजा खबरें
  • खेल
  • वित्त-बीमा
    • बैंक
    • बीमा
    • फिनटेक
    • बॉन्ड
  • BS E-Paper
बिज़नेस स्टैंडर्ड
  लेख  ऑयल पाम की खेती से पर्यावरण को होगी अपूरणीय क्षति
लेख

ऑयल पाम की खेती से पर्यावरण को होगी अपूरणीय क्षति

बीएस संवाददाता बीएस संवाददाता —September 27, 2021 11:36 PM IST
FacebookTwitterLinkedInWhatsAppEmail

तीसरे विश्व की अर्थव्यवस्था की एक विशिष्ट पहचान है उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) में खाद्य उत्पादों पर अधिक जोर देना। गरीब देशों में लोग अपनी आय का बड़ा हिस्सा खानेपीने की वस्तुओं पर खर्च करते हैं। भारत के सीपीआई में खाद्य एवं पेय पदार्थों की हिस्सेदारी 45 फीसदी है। अमेरिकी सूचकांकों में यह हिस्सेदारी 10-15 फीसदी है जबकि जापान और जर्मनी में यह हिस्सेदारी 2 फीसदी से भी कम है।

भारतीय खाद्य पदार्थों की बात करें तो आर्थिक और पर्यावरण के संदर्भ में एक समस्या पैदा करने वाला उत्पाद है खाद्य तेल। भारत अपने खाद्य तेल का 60 फीसदी हिस्सा आयात करता है और इस आयात में आधे से अधिक हिस्सेदारी पाम ऑयल की है। यह पाम ऑयल मलेशिया और इंडोनेशिया से आयात किया जाता है। 

देश में खाद्य तेल का आयात बिल करीब 80,000 करोड़ रुपये का है। आत्मनिर्भरता के हित में और विदेशी पूंजी भंडार में कमी को रोकने के लिए सरकार ने 11,000 करोड़ रुपये का अभियान शुरू किया है ताकि पाम ऑयल के उत्पादन को बढ़ावा दिया जा सके। भारत में 300,000 हेक्टेयर रकबे में ऑयल पाम की खेती होती है। मिशन के तहत इसमें 650,000 हेक्टेयर का नया रकबा शामिल करना है ताकि घरेलू उत्पादन को तीन गुना से अधिक किया जा सके। ऑयल पाम का यह नया पौधरोपण अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह और पूर्वोत्तर में किया जाएगा।

दिक्क्त यह है कि ऑयल पाम का पौधा स्वास्थ्य और पर्यावरण की दृष्टि से अत्यधिक नुकसानदेह होता है। ऑयल पाम की खेती के कारण इंडोनेशिया और मलेशिया में करीब एक करोड़ हेक्टेयर वन क्षेत्र समाप्त हो गया है। वनमानुष (ओरांंगगुटान) जीव के विलुप्तप्राय होने की एक बड़ी वजह यह भी है। वनों के तेजी से नष्ट होने  के कारण अन्य दुर्लभ प्रजातियों का पर्यावास भी खतरे में आया है। इनमें छोटे कद के हाथी, सुमात्रा के बाघ और जावा के गैंडे शामिल हैं।

यूरोपीय संघ के एक मशविरे में यह अनुशंसा की गई है कि पर्यावरण को हो रहे नुकसान के कारण इसके आयात पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। हालांकि नीदरलैंड अपने पुराने उपनिवेश इंडोनेशिया से पाम ऑयल का आयात भी करता है और उसकी दोबारा बिक्री भी करता है। श्रीलंका ने इसके आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है। ऐसी तमाम स्वास्थ्य संबंधी अनुशंसाएं हैं जिनमें कहा गया है कि यह तेल भोजन पकाने का स्वस्थ माध्यम नहीं है।

इसकी खूबी यह है कि यह एक सदाबहार पौधा है जिसकी उत्पादकता बहुत अधिक है, हालांकि इसमें पानी की खपत भी बहुत अधिक होती है और ऑयल पाम के हर पौधे को रोज करीब 300 लीटर पानी की जरूरत होती है। यह कमरे के सामान्य तापमान में खराब नहीं होता है। इसमें तेज गंध नहीं होती है और यह रंगहीन होता है। यही कारण है कि इसे एशिया के कई पकवानों के अलावा पिज्जा, चॉकलेट और डोनट बनाने में भी इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा इसका इस्तेमाल डियोडरेंट, शैंपू, टूथपेस्ट और लिपस्टिक तथा जैव ईंधन बनाने में भी किया जाता है। इसकी जगह वैकल्पिक तेल का उत्पादन करने में बहुत अधिक जमीन की जरूरत पड़ेगी।

यूरोपीय संघ के मशविरे के अलावा विश्व स्तर पर ऐसी अनेक पहल हुई हैं जिनके जरिये उत्पादन के ज्यादा टिकाऊ तरीकों को प्रोत्साहन देने का प्रयास किया गया है। जमीनी स्तर पर इसके लिए छोटे किसानों को खेती के तौर तरीके बदलने के लिए मनाया जा सकता है। विकसित देशों में पैकेटबंद बांड पर इस बात का प्रमाणन छपा होता है कि उक्त तेल का उत्पादन स्थायित्व के साथ किया गया है। आप इन प्रमाण पत्रों पर कितना भरोसा कर सकते हैं यह सवाल दीगर है। 

इस बात में कोई दोराय नहीं कि जहां भी ऑयल पाम की खेती होती है वहां यह पर्यावरण को कुछ हद तक नुकसान अवश्य पहुंचाता है। आशंका यह है कि भारत में इसकी खेती बढ़ाने की कोशिश भारी तबाही ला सकती है। ऐसा इसलिए कि जिन इलाकों में इसकी खेती बढ़ाई जानी है वहां के पर्यावरण और पर्यावास की स्थिति काफी नाजुक मानी जाती है।

यदि पॉम ऑयल मिशन गति पकड़ता है तो इससे निवेशक समुदाय तथा विकसित देशों में नाराजगी पैदा होगी। उस नाराजगी की अवसर लागत कितनी अधिक होगी इस बारे में फिलहाल कोई अनुमान लगा पाना मुश्किल है लेकिन यह बहुत अधिक होगी। बाल श्रम और कालीन उद्योग का उदाहरण याद कीजिए। 

आयात बिल एक बड़ा सरदर्द है। यदि बिना पर्यावरण को नुकसान पहुंचने का जोखिम उठाये उसे कम किया जा सका तो बेहतर होगा। यदि पर्यावरण में सुधार के साथ इसे कम किया जा सका तो यह ज्यादा बेहतर बात होगी। इसके लिए एक वैकल्पिक सुझाव इस प्रकार है। वनमानुष , छोटे कद के हाथी और जावा के गैंडों के लिए चिह्नित इलाकों में संरक्षित क्षेत्र यानी अभयारण्य का निर्माण किया जाए। इसलिए क्योंकि वहां का पर्यावास उनके लिए उपयुक्त है। अंडमान की बात करें तो वह भौगोलिक संदर्भ में काफी हद तक इंडोनेशिया की तरह है। वहां की जलवायु और वन क्षेत्र काफी हद तक इंडोनेशिया जैसे हैं। पूर्वोत्तर के इलाके में जहां ऑयल पाम की खेती की जा सकती है, वह इलाका भी काफी हद तक वैसा ही है।

पशुओं का आयात करना और उनके खानेपीने के लिए उपयुक्त चीजों का उत्पादन करने में कुछ समय लग सकता है। लेकिन इसके नतीजे सकारात्मक होंगे। इसका एक परिणाम तो पर्यटन के रूप में सामने आएगा। वनमानुष सफारी से विदेशी धन जुटाया जा सकता है। वैश्विक निवेशक समुदाय से भी ऐसी योजना के क्रियान्वयन के लिए काफी मदद मिल सकती है। यह अजीब और कुछ ज्यादा ही महत्त्वाकांक्षी लग सकता है लेकिन वनमानुष मिशन पाम ऑयल मिशन की तुलना में बेहतर विकल्प साबित हो सकता है।

खाद्य तेलखेतीचॉकलेटदुर्लभ प्रजातिपर्यावरणवनमानुषसीपीआई
FacebookTwitterLinkedInWhatsAppEmail

संबंधित पोस्ट

  • संबंधित पोस्ट
  • More from author
आज का अखबार

संतुलन बनाने का प्रयास

March 23, 2023 11:36 PM IST
आज का अखबार

महाराष्ट्र में कृषि क्षेत्र में बढ़ता रोजगार

March 23, 2023 11:33 PM IST
आज का अखबार

सुधार के जोखिम का आवश्यक है प्रबंधन

March 23, 2023 11:22 PM IST
आज का अखबार

समुचित मूल्यांकन

March 22, 2023 10:53 PM IST
अंतरराष्ट्रीय

श्रीलंका ने बाजार में किल्लत दूर करने के लिए भारत से मंगवाए 20 लाख अंडे

March 23, 2023 5:03 PM IST
अंतरराष्ट्रीय

US Federal Reserve ने पॉलिसी रेट 25 bps बढ़ाया, साल के अंत तक और बढ़ सकती हैं दरें

March 23, 2023 9:36 AM IST
अंतरराष्ट्रीय

व्यापार बढ़ने के कारण उत्पादन आधारित उत्सर्जन में वृद्धि

March 22, 2023 11:35 PM IST
अंतरराष्ट्रीय

फिलीपींस और मोरक्को ने अपनाना शुरू किया आधार का तरीका

March 22, 2023 11:25 PM IST
अंतरराष्ट्रीय

आधी वैश्विक शहरी आबादी के सामने पानी की कमी का संकट

March 22, 2023 11:21 PM IST
अंतरराष्ट्रीय

साउथ कोरिया कर रहा अमेरिका के साथ सैन्य अभ्यास, नॉर्थ कोरिया ने दाग डाली कई क्रूज मिसाइलें

March 22, 2023 4:02 PM IST

Trending Topics


  • Stocks To Watch
  • Share Market Today
  • Hindenburg | Jack Dorsey
  • DDMA | Mock Drill on Earthquake
  • Narendra Modi
  • Google Doodle
  • Delhi Weather Today
  • Rupee vs Dollar

सबकी नजर


Corona Update: देश में 24 घंटे में आए 1249 COVID-19 के नए केस

March 24, 2023 12:13 PM IST

भारत जल क्षेत्र में 240 अरब डॉलर से अधिक का निवेश करने को प्रतिबद्ध: शेखावत

March 24, 2023 11:49 AM IST

Rupee vs Dollar: अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया चार पैसे फिसला

March 24, 2023 11:38 AM IST

DDMA भूकंप से निपटने को लेकर दिल्ली में आज करेगा ‘मॉक ड्रिल’

March 24, 2023 11:20 AM IST

Kitty O’Neil: 70 के दशक की खतरों से खेलने वाली स्टंट वुमेन को गूगल ने किया याद, बनाया स्पेशल डूडल

March 24, 2023 11:13 AM IST

Latest News


  • Corona Update: देश में 24 घंटे में आए 1249 COVID-19 के नए केस
    by भाषा
    March 24, 2023
  • भारत जल क्षेत्र में 240 अरब डॉलर से अधिक का निवेश करने को प्रतिबद्ध: शेखावत
    by भाषा
    March 24, 2023
  • Rupee vs Dollar: अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया चार पैसे फिसला
    by भाषा
    March 24, 2023
  • DDMA भूकंप से निपटने को लेकर दिल्ली में आज करेगा ‘मॉक ड्रिल’
    by भाषा
    March 24, 2023
  • Kitty O’Neil: 70 के दशक की खतरों से खेलने वाली स्टंट वुमेन को गूगल ने किया याद, बनाया स्पेशल डूडल
    by बीएस वेब टीम
    March 24, 2023
  • चार्ट
  • आज का बाजार
58007.63 
IndicesLastChange Chg(%)
सेंसेक्स58008
820.14%
निफ्टी58008
820%
सीएनएक्स 50014393
-110.08%
रुपया-डॉलर82.62
--
सोना(रु./10ग्रा.)51317.00
0.00-
चांदी (रु./किग्रा.)66740.00
0.00-

  • BSE
  • NSE
CompanyLast (Rs)Gain %
Aarti Drugs401.507.40
ITI94.447.33
Cyient1002.106.42
GE Shipping Co627.204.49
Shilpa Medicare251.804.20
Minda Corp209.254.13
आगे पढ़े  
CompanyLast (Rs)Gain %
ITI94.257.53
Aarti Drugs401.657.48
Cyient1006.606.63
GE Shipping Co626.104.14
Hind.Aeronautics2597.554.05
KPIT Technologi.908.003.01
आगे पढ़े  

# TRENDING

Stocks To WatchShare Market TodayHindenburg | Jack DorseyDDMA | Mock Drill on EarthquakeNarendra ModiGoogle DoodleDelhi Weather TodayRupee vs Dollar
© Copyright 2023, All Rights Reserved
  • About Us
  • Authors
  • Partner with us
  • Jobs@BS
  • Advertise With Us
  • Terms & Conditions
  • Contact Us