‘अगर आप वोट नहीं दे रहे तो आप सो रहे हैं।’ यह पंक्ति किसी फिल्म का हिट संवाद नहीं, बल्कि टाटा टी के एक अरब वोटों वाले ‘जागो रे!’ अभियान का एक हिस्सा है।
टाटा टी का यह अभियान आज युवाओं को जागरूक करने में काफी सफल साबित हो रहा है। इस अभियान को लॉन्च हुए अभी चार महीने भी पूरे नहीं हुए हैं, लेकिन लगभग ढाई लाख युवाओं ने मतदान के लिए जागो रे वेबसाइट के जरिये पंजीकरण कराया है। यह अभियान पहले सफल रह चुके एक अभियान का ही अगला भाग है।
टाटा टी के मार्केटिंग प्रमुख सुशांत दास का कहना है, ‘हमारे पहले अभियान को अपार सफलता मिली थी और हमें लगा था कि अगर हम इसे और ताकतवर और सार्थक बनाना चाहते हैं तो हमें इसे बुनियादी स्तर पर चलाना चाहिए और तब हम जागो रे, एक अरब अभियान के साथ पेश हुए।’
हालांकि उन्होंने अभियान पर खर्च हुई राशि या इस निवेश पर रिटर्न के बारे में कोई जानकारी नहीं दी, लेकिन दास का कहना है कि टाटा टी की बाजार हिस्सेदारी दिसंबर, 2007 में 19.4 प्रतिशत से बढ़कर दिसंबर, 2008 में 20.6 प्रतिशत हो गई है। इसकी एक बड़ी और अहम वजह यह अभियान भी है।
दास का कहना है कि, ‘हमारी योजना अपने चार ब्रांडों, जैसे- टाटा टी प्रीमियम, टाटा टी गोल्ड, टाटा टी अग्नि और टाटा टी लाइफ को एक ही ब्रांड के तले लाना है। हमने इन्हें एक ब्रांड के तले लाने के लिए टैग लाइन जागो रे का इस्तेमाल किया है। जहां दूसरे ब्रांड आपको जगाते हैं, टाटा टी आपको जागरूक बनाती है।’
इस अभियान का मकसद जागो रे वेबसाइट के जरिये मतदान के लिए लोगों को पंजीकृत कराना है। पंजीकरण की प्रक्रिया बेहद आसान है। यह साइट पंजीकरण को लेकर मतदाता की निजी तौर पर सहायता करती है। इस सब के लिए दो पेज के ऑनलाइन पंजीकरण फॉर्म को भरने और इसे क्षेत्रीय चुनाव कार्यालय में जमा कराने की जरूरत होती है।
पंजीकरण की इस प्रक्रिया में महज 5 मिनट का समय लगता है। वेबसाइट पर प्रमुख 35 शहरों के लिए इलेक्टोरल वार्ड जैसी ब्यौरों को आसानी से ढूंढ़ने वाला ज्योग्राफिक इन्फॉर्मेशन सिस्टम (जीआईएस) है। परिसीमन आयोग की नई रिपोर्ट के तहत इस पर चुनाव क्षेत्रों के दायरे में आने वाले सभी शहरों के नक्शे मौजूद हैं।
यह विचार बेंगलुरु स्थित गैर-सरकारी संगठन जनाग्रह के दिमाग की उपज है जो भारत के शहरों और कस्बों में जीवन गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए नागरिकों और सरकारों के साथ मिल कर काम करता है। टाटा टी इस पहल को कोष मुहैया कराने के लिए इस संगठन के कॉरपोरेट पार्टनर के रूप में आगे आई है।
इस भागीदारी का उद्देश्य एक ऐसे मंच को विकसित करना है जो भारतीय युवाओं को देश की चुनाव प्रक्रिया में सक्रियता से भाग लेने के लिए प्रेरित करे। जनाग्रह के समन्वयक (कम्युनिकेशंस) शरत पोथाराजू कहते हैं, ‘मतदाताओं के पंजीकरण के लिए जरूरी डाटा मुहैया करा कर मुख्य चुनाव आयोग कार्यालय ने हमारी मदद की है।
हम कई और शहरों के लिए आंकड़ा एकत्रित कर रहे हैं।’ अपने आउटरीच कार्यक्रम के जरिये इसकी एक टीम इन्फोसिस, विप्रो, माउंट कार्मेल, सेंट जेवियर्स, आईआईटी मद्रास, आईआईटी दिल्ली जैसे युवा-आधारित संस्थानों के बीच सामाजिक जागरूकता फैलाने का भी काम कर रही है।
इस टीम ने पूरे देश के 200 संस्थानों और 50 शीर्ष कॉलेजों का दौरा किया है। यह टीम आम चुनाव तक अधिक से अधिक लोगों को मतदान के लिए पंजीकृत करना चाहती है। पोथाराजू ने कहा, ‘चुनाव के बाद हमने राजनीति में भागीदारी के लिए युवाओं का उत्साह बढ़ाने के लिए एक अभियान चलाने की योजना बनाई है। युवाओं को वोट का महत्त्व विस्तार से समझाएंगे।’
