Skip to content
  सोमवार 6 फ़रवरी 2023
Trending
February 6, 2023ट्रेन में खाने की व्यवस्था और होगी आसान, व्हाट्सऐप के जरिये कर सकेंगे ऑर्डरFebruary 6, 2023SEBI: कारोबारी दिवस के अंत में निवेशकों का पैसा नहीं रख सकेंगे ब्रोकर, नियम का प्रस्तावFebruary 6, 2023INR vs USD: रुपया 65 पैसे की गिरावट के साथ 82.73 प्रति डॉलर पर बंदFebruary 6, 2023Adani Transmission Q3 results: मुनाफा 73 फीसदी बढ़कर 478 करोड़ रुपये पर पहुंचाFebruary 6, 2023आने वाले समय में कुछ ही क्रिकेट लीग बची रहेंगी, बाकी खत्म हो जायेंगी : गांगुलीFebruary 6, 2023मनरेगा के लिए बजट आवंटन घटाने से रोजगार पर नहीं पड़ेगा असर: CEAFebruary 6, 2023RBI MPC Meeting: मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक शुरू, रीपो रेट में हो सकती है 0.25 फीसदी की और बढ़ोतरीFebruary 6, 2023Closing Bell: सेंसेक्स में 5 दिनों की तेजी पर लगा ब्रेक, 335 अंक टूटा ; निफ्टी 17,800 के नीचे बंदFebruary 6, 2023Potato production: 15 से 20 फीसदी बढ़ सकता है आलू उत्पादनFebruary 6, 2023संसद में अदाणी मुद्दे पर चर्चा नहीं होने देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी हरसंभव कोशिश करेंगे: राहुल
बिज़नेस स्टैंडर्ड
  • होम
  • बजट 2023
  • अर्थव्यवस्था
  • बाजार
    • शेयर बाजार
    • म्युचुअल फंड
    • आईपीओ
    • समाचार
  • कंपनियां
    • स्टार्ट-अप
    • रियल एस्टेट
    • टेलीकॉम
    • तेल-गैस
    • एफएमसीजी
    • उद्योग
    • समाचार
  • पॉलिटिक्स
  • लेख
    • संपादकीय
  • आपका पैसा
  • भारत
    • उत्तर प्रदेश
    • महाराष्ट्र
    • मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़
    • बिहार व झारखण्ड
    • राजस्थान
    • अन्य
  • मल्टीमीडिया
    • वीडियो
  • टेक-ऑटो
  • विविध
    • मनोरंजन
    • ट्रैवल-टूरिज्म
    • शिक्षा
    • स्वास्थ्य
  • अन्य
    • विशेष
    • आज का अखबार
    • ताजा खबरें
    • अंतरराष्ट्रीय
    • वित्त-बीमा
      • फिनटेक
      • बीमा
      • बैंक
      • बॉन्ड
      • समाचार
    • कमोडिटी
    • खेल
    • BS E-Paper
बिज़नेस स्टैंडर्ड
बिज़नेस स्टैंडर्ड
  • होम
  • अर्थव्यवस्था
  • बजट 2023
  • बाजार
    • शेयर बाजार
    • म्युचुअल फंड
    • आईपीओ
    • समाचार
  • कंपनियां
    • स्टार्ट-अप
    • रियल एस्टेट
    • टेलीकॉम
    • तेल-गैस
    • एफएमसीजी
    • उद्योग
    • समाचार
  • पॉलिटिक्स
  • लेख
    • संपादकीय
  • आपका पैसा
  • भारत
    • उत्तर प्रदेश
    • महाराष्ट्र
    • मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़
    • बिहार व झारखण्ड
    • राजस्थान
    • अन्य
  • मल्टीमीडिया
    • वीडियो
  • टेक-ऑटो
  • विशेष
  • विविध
    • मनोरंजन
    • ट्रैवल-टूरिज्म
    • शिक्षा
    • स्वास्थ्य
  • अन्य
  • आज का अखबार
  • ताजा खबरें
  • खेल
  • वित्त-बीमा
    • बैंक
    • बीमा
    • फिनटेक
    • बॉन्ड
  • BS E-Paper
बिज़नेस स्टैंडर्ड
  लेख  स्वतंत्र निदेशकों के पैरों में डाली जाएं जंजीरें
लेख

स्वतंत्र निदेशकों के पैरों में डाली जाएं जंजीरें

बीएस संवाददाता बीएस संवाददाता —December 31, 2008 9:43 PM IST0
FacebookTwitterLinkedInWhatsAppEmail

सत्यम विवाद की वजह से आज उसके स्वतंत्र निदेशक चर्चा का मुद्दा बन चुके हैं। उनमें से कुछ किसी भी तरह से खुद को सत्यम कंप्यूटर के बोर्ड की उन दो कंपनियों को खरीदने के फैसले से दूर रखने की कोशिश में लगे हुए हैं,


जिनका ताल्लुक कंपनी के प्रवर्तकों से था। हालांकि, इस मामले में साफ दिखता है कि सत्यम ने किस तरीके से कार्पोरेट गवनर्स यानी कंपनी सुसंचालन के नियमों की धजियां उड़ाई हैं लेकिन दूसरी कंपनियों की साख भी स्वतंत्र निदेशकों के मुद्दे पर काफी पाक साफ नहीं रही है।

शेयर बाजार नियामक सेबी के पूर्व निदेशक एम. दामोदरन अक्सर कहा करते थे कि, ‘कुछ लोग इसलिए कंपनी बोर्ड में शामिल होने के लिए आते हैं, ताकि वे वहां स्थायी रूप से जम सकें। वे तो बोर्ड रूम के फर्नीचर से भी ज्यादा स्थायी होते हैं।’

असल में हिंदुस्तान में कॉर्पोरेट गवनर्स के साथ एक सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि यहां बड़े शेयरधारकों के पुराने दोस्तों या फिर कारोबारी सहयोगियों को बड़े आराम से स्वतंत्र निदेशक के तौर पर नियुक्त किया जा सकता है। दुनिया की सबसे बड़ी एग्जीक्यूटिव सर्च कंसल्टिंग फर्मों में से एक, स्पेंसर स्टूअर्ट ने इस मुद्दे पर एक परिचर्चा का आयोजन किया था।

उस परिचर्चा में यह बात साफ तौर पर उभर कर आई थी कि हिंदुस्तानी कंपनियों के सीईओ या अध्यक्ष जिन लोगों को स्वतंत्र निदेशक के पद पर नियुक्त करने की सिफारिश करते हैं, उनमें से कुछ तो सिर्फ सिर हिलाना जानते हैं। वे अध्यक्ष की हर बात पर हामी भरते हैं, फिर चाहे वह सही हो या गलत।

वैसे, ज्यादातर लोगों की तो यह फितरत बन चुकी है। फितरत यह कि वे किसी भी बात को पूरी शिद्दत से रखना पसंद नहीं करते। इसीलिए उन पर बड़े आराम से जोर डाला जा सकता है या फिर उन्हें इस बात का भरोसा नहीं होता कि उनकी आलोचना को किस तरह से लिया जाएगा।

इस बात को दूसरे भी मानते हैं। एटी कियर्नी, एजेडबी ऐंड पार्टनर्स और हंट पार्टनर्स के एक अध्ययन के मुताबिक अध्ययन में शामिल 90 कंपनियों ने अपने बोर्ड में स्वतंत्र निदेशकों को मुख्य कार्यकारी अधिकारी या फिर अध्यक्ष की सिफारिश पर नियुक्त किया था। विश्लेषकों की मानें तो इसीलिए नतीजे भी उम्मीद के मुताबिक ही होते हैं।

इस तरह से नियुक्त किए गए निदेशक बड़े शेयरधारकों की नजर में अच्छे बने रहना चाहते हैं, सिध्दांत पर चलने वाले नहीं। इस हालत को सिर्फ एक ही तरीके से बदला जा सकता है। वह तरीका यह है कि बोर्ड में शामिल सदस्यों का आकलन बेहतर तरीके से हो।

उस अध्ययन के मुताबिक 64 फीसदी मामलों में बोर्ड का आकलन बोर्ड के सदस्य खुद ही करते हैं। हालांकि, विकसित मुल्कों में 70 फीसदी कंपनियों में बोर्ड का आकलन स्वतंत्र एजेंसियां करती हैं।

इससे एक बुनियादी सवाल का जन्म होता है, जिसे हर कंपनी को खुद से पूछना चाहिए। कंपनियों को खुद से पूछना चाहिए कि क्या बोर्ड के सदस्य अपने काम में सक्षम हैं? और क्या बोर्ड रूम की कुर्सियों पर वैसे ही शख्स बैठे हैं,

जिनकी जरूरत सचमुच कंपनी को है? स्पेंसर स्टुअर्ट के अध्यक्ष टॉम नेफ का कहना है कि इनका जवाब बोर्ड सदस्यों के काम के लिए एक बेहतर आकलन प्रक्रिया में है।

नेफ का कहना है कि अमेरिका में तो अब कंपनियों ने नए सदस्यों को चुनने के लिए एक बेहतर प्रक्रिया अपना ली है, जिसे अंजाम एक नामांकन समिति देती है। इसके अलावा, कंपनी के स्वतंत्र निदेशकों की अलग से बैठक होती है, लेकिन उसमें कंपनी का सीईओ शामिल नहीं होता है।

इन बैठकों में स्वतंत्र निदेशक प्रबंधन की कार्यकुशलता, बोर्ड की बैठकों की गुणवत्ता और दूसरे मुद्दों पर बात करते हैं। शुरुआत में इसका अमेरिका में भी काफी विरोध हुआ था, लेकिन बाद में उन्हें यह काफी पसंद आया।

कंपनियों को यह बैठक इतनी मददगार लगी कि कई कंपनियों में तो साल में एक या दो बार के बजाए बोर्ड की बैठक के तुरंत बाद स्वतंत्र निदेशकों की बैठक होती है।

अब इस बात की तुलना भारतीय कंपनियों से करिए। स्वतंत्र अध्ययनों की मानें तो 10 में से सिर्फ दो कंपनियों में ही बोर्ड के काम का आकलन होता है।

बोर्ड के सदस्यों के काम की समीक्षा भी काफी धीमी गति से होती है तथा वरिष्ठ और पुराने सदस्यों की तरफ से भी इसे काफी विरोध का सामना करना पड़ता है। हालांकि, इस बात के इन्फोसिस जैसे कई अपवाद भी हैं, जहां हर साल बोर्ड के सदस्य गैर कार्यकारी या स्वतंत्र निदेशकों के काम की समीक्षा करते हैं।

इन्फोसिस में तो हर स्वतंत्र निदेशक को हर साल बोर्ड को यह बताना पड़ता है कि उन्होंने क्या काम किया है और उनकी वजह से कंपनी के प्रदर्शन में कैसे सुधार हुआ? उसके बाद बोर्ड सदस्य स्वतंत्र निदेशकों को 1 से लेकर 10 के बीच में अंक देते हैं।

वे स्वतंत्र निदेशकों को उनके काम के तरीके, कंपनी की कॉर्पोरेट गवनर्स प्रक्रिया में उनका योगदान, लंबे वक्त की योजना बनाने उनके हिस्सेदारी, निदेशक के कामों को निर्वाह करने में उनकी लगन और जिम्मेदारियों के आधार पर नंबर देते हैं। यहां उनकी बोर्ड बैठक में हिस्सेदारी और उपस्थिति के आधार पर भी नंबर दिए जाते हैं।

मुल्क में एक और हिस्से को अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है, वह है निदेशकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम। स्पेंसर स्टुअर्ट के मुताबिक ऐसा इसलिए जरूरी है क्योंकि अच्छी कॉर्पोरेट गवनर्स नीति एक ही जगह स्थिर रहने वाली चीज नहीं है।

निदेशकों को वापस बुनियादी बातें सीखने के लिए भेजना कोई बुरा विचार नहीं है। इस बात से स्पेंसर स्चुअर्ट का अमेरिका के लिए बोर्ड इंडेक्स भी इत्तेफाक रखता है।

इस इंडेक्स के मुताबिक स्टैंडर्ड ऐंड पूअर्स 500 की सूची में शामिल कंपनियों के स्वतंत्र निदेशकों में करीब 25 फीसदी लोग पहली बार बोर्ड रूम का हिस्सा बने हैं।

हालांकि, भारत में अब भी स्वतंत्र निदेशक की कुर्सी जान पहचान वाले लोगों को ही दी जाती है, जिनमें से कई दसियों बोर्ड में स्वतंत्र निदेशक की कुर्सी पर रह चुके हैं।

लेकिन जैसे-जैसे कार्यकुशल और अच्छे स्वतंत्र निदेशकों की मांग बढ़ेगी, हमें पहली बार निदेशक की कुर्सी पर बैठने वालों लोगों की तादाद में इजाफा देखने को मिलेगा। ऐसा आज नहीं तो कल तो होना ही है।

there should be restricition on independent CEO
FacebookTwitterLinkedInWhatsAppEmail

संबंधित पोस्ट

  • संबंधित पोस्ट
  • More from author
आज का अखबार

देरी से लिया गया निर्णय

February 6, 2023 12:12 AM IST0
आज का अखबार

रोजगार के लिए शिक्षा के स्तर से जुड़ी चुनौतियां

February 5, 2023 11:04 PM IST0
आज का अखबार

भारतीय पूंजीवाद के लिए परीक्षा की अहम घड़ी

February 5, 2023 10:55 PM IST0
आज का अखबार

काफी कुछ दांव पर

February 3, 2023 10:57 PM IST0
आज का अखबार

निवेश के सही सबूत समय से दें, ज्यादा टीडीएस से बचें

February 6, 2023 12:04 AM IST0
अंतरराष्ट्रीय

पाकिस्तान का एक जनरल जो बन गया तानाशाह

February 6, 2023 12:03 AM IST0
अंतरराष्ट्रीय

कोयले के दामों में कमी चाह रहा बांग्लादेश

February 5, 2023 11:01 PM IST0
अंतरराष्ट्रीय

मुशर्रफ का पार्थिव शरीर पाकिस्तान लाया जाएगा

February 5, 2023 8:39 PM IST0
अंतरराष्ट्रीय

Russian Crude Oil: रूस से डीजल खरीदने पर यूरोपीय देशों ने रोक लगाई

February 5, 2023 8:14 PM IST0
अंतरराष्ट्रीय

चीन से कुछ अहम कच्चे माल के आयात पर निर्भरता कम करने की जरूरत: NITI Aayog

February 5, 2023 5:04 PM IST0

Trending Topics


  • Rupee vs Dollar
  • Stock Market Update
  • Adani vs Hindenburg
  • Electric Vehicles
  • Stocks To Watch
  • Foreign Trade Policy
  • Old vs New Tax Regime
  • Mutual Fund Industry
  • Pervez Musharraf Death

सबकी नजर


ट्रेन में खाने की व्यवस्था और होगी आसान, व्हाट्सऐप के जरिये कर सकेंगे ऑर्डर

February 6, 2023 7:01 PM IST

SEBI: कारोबारी दिवस के अंत में निवेशकों का पैसा नहीं रख सकेंगे ब्रोकर, नियम का प्रस्ताव

February 6, 2023 6:43 PM IST

INR vs USD: रुपया 65 पैसे की गिरावट के साथ 82.73 प्रति डॉलर पर बंद

February 6, 2023 6:24 PM IST

Adani Transmission Q3 results: मुनाफा 73 फीसदी बढ़कर 478 करोड़ रुपये पर पहुंचा

February 6, 2023 6:09 PM IST

आने वाले समय में कुछ ही क्रिकेट लीग बची रहेंगी, बाकी खत्म हो जायेंगी : गांगुली

February 6, 2023 5:46 PM IST

Latest News


  • ट्रेन में खाने की व्यवस्था और होगी आसान, व्हाट्सऐप के जरिये कर सकेंगे ऑर्डर
    by भाषा
    February 6, 2023
  • SEBI: कारोबारी दिवस के अंत में निवेशकों का पैसा नहीं रख सकेंगे ब्रोकर, नियम का प्रस्ताव
    by भाषा
    February 6, 2023
  • INR vs USD: रुपया 65 पैसे की गिरावट के साथ 82.73 प्रति डॉलर पर बंद
    by भाषा
    February 6, 2023
  • Adani Transmission Q3 results: मुनाफा 73 फीसदी बढ़कर 478 करोड़ रुपये पर पहुंचा
    by भाषा
    February 6, 2023
  • आने वाले समय में कुछ ही क्रिकेट लीग बची रहेंगी, बाकी खत्म हो जायेंगी : गांगुली
    by भाषा
    February 6, 2023
  • चार्ट
  • आज का बाजार
60506.90 
IndicesLastChange Chg(%)
सेंसेक्स60507
-3350.55%
निफ्टी60507
-3350%
सीएनएक्स 50014934
-280.19%
रुपया-डॉलर81.91
--
सोना(रु./10ग्रा.)51317.00
0.00-
चांदी (रु./किग्रा.)66740.00
0.00-

  • BSE
  • NSE
CompanyLast (Rs)Gain %
Vodafone Idea8.2619.88
P & G Health Ltd4719.1015.19
Indus Towers161.9512.98
Adani Ports546.059.46
Zydus Lifesci.470.158.33
M & M Fin. Serv.262.107.86
आगे पढ़े  
CompanyLast (Rs)Gain %
Vodafone Idea8.2520.44
P & G Health Ltd4702.7014.63
Indus Towers162.0512.81
Adani Ports545.459.34
Elgi Equipments412.358.31
Zydus Lifesci.470.158.17
आगे पढ़े  

# TRENDING

Rupee vs DollarStock Market UpdateAdani vs HindenburgElectric VehiclesStocks To WatchForeign Trade PolicyOld vs New Tax RegimeMutual Fund IndustryPervez Musharraf Death
© Copyright 2023, All Rights Reserved
  • About Us
  • Authors
  • Partner with us
  • Jobs@BS
  • Advertise With Us
  • Terms & Conditions
  • Contact Us