लेकिन ओबामा को इंटरनेट पर उपलब्ध रहने की कीमत भी चुकानी पड़ रही है। इस वक्त इंटरनेट साइट्स पर सबसे ज्यादा स्पैम यानी रद्दी संदेशों में भी ओबामा का ही नाम शामिल है।
चुनाव से जुड़े स्पैम में तकरीबन 80 प्रतिशत ऑनलाइन रद्दी ऐसी है, जिसमें ओबामा का नाम शामिल रहता है। इन स्पैम संदेशों के शीर्षक भी बेमिसाल हैं। दिलचस्प है कि इन संदेशों के विषय और शीर्षक चुनावी लड़ाई से दूर की बातें भी सोचते रहते हैं।
मसलन किसी को लगता है कि ओबामा ने मैकेन को बहस में सबक सिखा दिया, तो कोई ओबामा के निजी वीडियो को दिखाने पर आमादा है। किसी को ओबामा की अब तक की सबसे बड़ी गलती इंटरनेट पर याद आ रही है, तो कोई मैकेन को ओबामा पर इक्कीस पड़ते दिखा रहा है।
सेक्योर कंप्यूटिंग कंपनी की एक रिपोर्ट के मुताबिक इनसे लोगों को खरीदारी के लिए लुभाया जा रहा है। कई जगह तो ओबामा और मैकेन दवाएं खरीदने के लिए लोगों को बढ़ावा दे रहे हैं। मैकेन के बारे में स्पैम क्लिक करें, तो आप तुरंत कैनेडियन फार्मेसी कंपनी की वेबसाइट पर पहुंच जाएंगे।
इस कंपनी का दावा है कि स्पैम में मैकेन को ज्यादा निशाना बनाया जा रहा है। किसी जमाने में सैन्य अधिकारी रह चुके स्वस्थ मैकेनशायद दवा कंपनियों को एक मॉडल के तौर पर ओबामा के मुकाबले ज्यादा आकर्षित करते हैं।
मैकेन के चुनाव प्रचार अभियान के दौरान पूर्व मिस यूनिवर्स, हॉलीवुड अभिनेता और कैलिफोर्निया के मौजूदा गवर्नर अरनॉल्ड श्वाजनेगर भी यह बात कह चुके हैं। मैकेन के पक्ष में प्रचार करने उतरे अरनॉल्ड ने एक सभा के दौरान कहा था कि अमेरिका को मैकेन जैसा मजबूत और ठोस राष्ट्रपति चाहिए, न कि ओबामा जैसा राष्ट्रपति जिसकी टांगें देश का बोझ ठीक से उठा भी नहीं सकतीं।
इस बात को शायद स्पैम के बाजीगरों और दवा कंपनियों ने कुछ ज्यादा ही गंभीरता के साथ लिया है।?यही वजह है कि ओबामा के मुकाबले मैकेन का नाम आपको 20 फीसद ज्यादा फार्मास्युटिकल वेबसाइट तक पहुंचाएगा। अगर आप मैकेन को ई मेल भी करना चाहें, तो निराशा हाथ लग सकती है क्योंकि ऐसे में एक बार फिर आप कैनेडियन फार्मेसी की वेबसाइट तक पहुंच जाएंगे।