केरल की मशहूर हाउसबोट का लुत्फ अब महाराष्ट्र में भी उठाया जा सकता है।
पड़ोसी राज्य गोवा में सैलानियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए महाराष्ट्र पर्यटन विकास निगम (एमटीडीसी) ने अपने राज्य में केरल की जैसी हाउसबोट की व्यवस्था की है।
केरल की हाउसबोट को केट्टूवल्लोम नाम से जाना जाता है और यह लक्जरी सुविधाओं से युक्त होती है। निगम ने 1.2 करोड़ रुपये के निवेश के साथ पहले 2 हाउसबोट खरीदे। इन हाउसबोट को गोवा के उत्तर में 60 किलोमीटर दूर एक तटवर्ती गांव तारकरली के पास क्रीक में घुमाया गया।
यह सूरज की रोशनी से भरा हुआ बीच है, जो सभी जगह से मन को उमंगों से भर देता है। यही कारण है कि पिछले कुछ सालों के दौरान तटीय पर्यटन स्थल पर पर्यटकों की संख्या में भारी बढ़ोतरी हुई है। इन हाउसबोटों को मिली सफलता को देखते हुए निगम ने चार और हाउसबोट खरीदने का निश्चय किया।
निगम के महाप्रंबधक विजय चव्हाण का कहना है कि ‘कम समय के दौरान ही इन हाउसबोटों में उपस्थिति की सामान्य दर 60 फीसदी हो गई है। सप्ताह के अंत में तो ये बोट पर्यटकों से भरी रहती है। खासकर गोवा में घूमने आने वाले विदेशी पर्यटकों से, जो यहां एक या दो दिन के लिए रुकने के लिए आते है।’
पर्यटकों की संख्या में हो रही बढ़ोतरी को देखते हुए हमने गोवा और तारकरली के मध्य में अरोंडा क्रीक में बोटों की संख्या में दो की बढ़ोतरी करने की योजना बनाई है। इन हाउसबोट में प्रत्येक में दो बेडरुम है, जिनमें तीन सितारा होटलों की सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं।
पर्यटकों को खाने के लिए यहां के मालवानी भोजन का स्वाद चखाया जाता है, ताकि वे यहां की यादों को अपने जेहन में काफी समय तक संजोए रखे। मालवा शहर यहां से पांच किलोमीटर की दूरी पर ही है। यहां पर शिवाजी ने सिंधु दुर्ग का निर्माण कराया था। चव्हाण कहते है कि केरल के बाद कोंकण एक नए पर्यटन के केंद्र के तौर पर उभर रहा है। हम इसके लिए और हाउसबोट के इस्तेमाल की योजना भी बना रहे हैं।
मुख्य बातें
सैलानियों को आकर्षित करने के लिए महाराष्ट्र पर्यटन बोर्ड ने केरल की जैसी हाउसबोट की व्यवस्था की है
गोवा एवं तारकरली के मध्य में अरोंडा क्रीक में बोटों में दो की बढ़ोतरी करने की योजना बनाई
