रोजमर्रा इस्तेमाल होने वाली उपभोक्ता वस्तुएं बनाने वाली एफएमसीजी कंपनियां भी अपने आप को आईटी तकनीक से लैस करने की पुरजोर कोशिश में लगी हुई हैं।
इस साल एफएमसीजी कंपनियां नई तकनीकों के जरिए अपने उत्पादन स्तर और अपनी क्षमता के स्तर में 10 से 20 प्रतिशत सुधार की गुंजाइश बनाने की कोशिश कर रही हैं। कंपनियां अपने प्रोडक्ट के विस्तार, उपभोक्ता वस्तुओं के निर्माण की जगह के अलावा भंडारण के लिए गोदाम बनाने के मुकाबले आईटी तकनीक से खुद को लैस करने की तैयारियों में जुटी हैं।
अब एफएमसीजी कंपनियों का यह फैसला है कि वे अपनी मुनाफे की 10 से 15 प्रतिशत कमाई नई आधुनिक तकनीक पर खर्च करेंगी। आईटीसी लिमिटेड, इमामी और मैरिको जैसी कंपनियां एफएमसीजी सेक्टर के अलग-अलग कारोबार में अपने पांव जमाने की कोशिश कर रही हैं। इसकी वजह से केवल सप्लाई चेन में ही तेजी से विस्तार ही नहीं हुआ है बल्कि इससे काफी दिक्कतें भी बढ़ी हैं।
अब आईटीसी के उत्पाद जिन जगहों पर बनते हैं उनकी संख्या भी बढ़कर लगभग 200 हो गई है जबकि अलग कारोबार से संबंधित निर्माण सुविधाएं मुहैया कराने के लिए वे पहले लगभग एक दर्जन की संख्या में थे। इन मैन्यूफैक्चरिंग लोकेशंस के अलावा आईटीसी ने पिछले कुछ सालों में अपने गोदाम के विस्तार पर भी ध्यान दिया है। इमामी ने हाल ही में आईटी में निवेश किया है, इसकी वजह से कंपनी की बैलेंसशीट 60 दिनों के बजाए 35 दिनों में ही तैयार की जाने लगी है।
इमामी के निदेशक मोहन गोयनका का कहना है, ‘हमलोगों को यह उम्मीद है कि 2008-09 वित्तीय वर्ष में इमामी के उत्पादन और क्षमता के स्तर में 10 फीसदी के सुधार की गुंजाइश जरूर होगी। हम ऐसे लक्ष्य को बिक्री और परिचालन की योजनाओं, मांग के प्रबंधन और वितरण के साधनों की योजनाओं को लागू करके पूरा कर सकते हैं। इसके जरिए हम अपने ग्राहकों की मांग के निर्धारित समय पर भी खरे उतर सकते हैं।’
मैरिको इंटरप्राइज पोर्टल, वाई-फाई सुविधाओं से लैस दफ्तर और यूनिफाइड कम्यूनिकेशन के जरिए बेहतर कनेक्टिविटी के लिए बड़े पैमाने पर निवेश कर रहा है। मैरिको ने कई काम मसलन राइटआफ्स, बीमा के दावे का निपटारा, और मीडिया के लिए मैनेजमेंट पोर्टल जैसे काम को ऑटोमेटिक बनाने के लिए खर्च करना शुरू किया है।
मैरिको के बिजनेस एप्लीकेशन के प्रमुख उदयराज प्रभु का कहना है, ‘हमलोगों ने प्रोजेक्ट एज से एक पहल की शुरुआत की है। इसका मकसद बजट, नियोजन और समीक्षा प्रणाली में सुधार लाना है।’ इसकी वजह से हमारी बजट, योजनां और मूल्यांकन की प्रक्रिया में भी तेजी आएगी और उनमें गलतियों की गुंजाइश कम होगी। इसकी वजह से इस तरह के काम में जुटे लोगों के समय की बचत भी होगी।’
इस कंपनी ने एचआर पोर्टल प्लेटफार्म लॉन्च किया है ताकि संगठन के अंदर बेहतर संवाद की प्रक्रिया कायम हो सके। आईटीसी लिमिटेड एक आईटी इन्फ्रास्ट्रक्चर बना रही है ताकि उसके कारखानों में तैयार होने वाले उत्पादों का अपना एक बार कोड हो।
इसके जरिए आईटीसी अपने सामान के बनने में लगने वाले समय पर नजर रखने में मदद मिलेगी और इसका फायदा पहले सामान तैयार करना और उसे पहले बाजार में लाने की रणनीति पर काम करने में जरूर होगा। आईटीसी अपने उत्पादों की बेहतर बिक्री के मद्देनजर अपने दूसरे प्रोजेक्ट में भी पुश तकनीक को लागू करेगी।
आईटीसी के मुख्य सूचना अधिकारी वीवीआर बाबू का कहना है, ‘हर एक सेल्समैन को खास जगहों पर काम करने के लिए रखा गया है और उन्हें बिक्री और किसी जगह के स्थानीय दुकानों की जरूरतों पर नजर रखना होता है। हम इंटीग्रेटेड आईटी व्यवस्था पर काम कर रहे हैं जिसके जरिए हमारे सेल्समैन के लैपटॉप पर भी सारी सूचनाएं मौजूद हो जाएंगी।
इसकी वजह से उन्हें कंपनी पोर्टल पर ज्यादा नजर रखने की जरूरत नहीं पड़ती और समय की भी बचत होती है। मिसाल के तौर पर अगर कोई सेल्समैन किसी क्षेत्र के 10 आउटलेट पर अपनी निगाह रख रहा है तो उसे अपने लैपटॉप पर बिक्री, वितरण और उस क्षेत्र की जरूरत का पूरा आंकड़ा रखना पड़ता है, और इस आंकड़े को आईटीसी सिस्टम पर अपडेट किया जाता है। इस तरह से वहा केलक्ष्य को पूरा करने के लिए कार्रवाई की जाती है।’