Skip to content
  मंगलवार 31 जनवरी 2023
Trending
January 31, 2023Air India urination case: आरोपी शंकर मिश्रा को जमानत मिलीJanuary 31, 2023Economic Survey 2023 : भारत का इन्फ्लेशन मैनेजमेंट सराहनीयJanuary 31, 2023Economic Survey 2023: घरेलू अर्थव्यवस्था मजबूत, पर निर्यात के मोर्चे पर चुनौती से धीमी पड़ सकती है रफ्तारJanuary 31, 2023Economic Survey 2023: क्रेडिट ग्रोथ की रफ्तार रहेगी मजबूतJanuary 31, 2023केंद्र और राज्य मिलकर बनाएं एक नयी ट्रेड पॉलिसीJanuary 31, 2023India’s Fiscal Deficit: दिसंबर के अंत तक फिस्कल डेफिसिट बजट अनुमान के 60 फीसदी पर पहुंचाJanuary 31, 2023महाराष्ट्र फिर से रेलवे परियोजनाओं में 50 फीसदी खर्च उठाने को तैयारJanuary 31, 2023Economic Survey 2023: कृषि क्षेत्र का प्रदर्शन अच्छा, पर नई दिशा देने की जरूरतJanuary 31, 2023रिलायंस की बिस्कुट सेक्टर में एंट्री, श्रीलंका की बिस्कुट कंपनी के साथ साझेदारीJanuary 31, 2023मप्र में उद्योगों को हर मंजूरी और जांच से तीन साल की छूट
बिज़नेस स्टैंडर्ड
  • होम
  • बजट 2023
  • अर्थव्यवस्था
  • बाजार
    • शेयर बाजार
    • म्युचुअल फंड
    • आईपीओ
    • समाचार
  • कंपनियां
    • स्टार्ट-अप
    • रियल एस्टेट
    • टेलीकॉम
    • तेल-गैस
    • एफएमसीजी
    • उद्योग
    • समाचार
  • पॉलिटिक्स
  • लेख
    • संपादकीय
  • आपका पैसा
  • भारत
    • उत्तर प्रदेश
    • महाराष्ट्र
    • मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़
    • बिहार व झारखण्ड
    • राजस्थान
    • अन्य
  • मल्टीमीडिया
    • वीडियो
  • टेक-ऑटो
  • विविध
    • मनोरंजन
    • ट्रैवल-टूरिज्म
    • शिक्षा
    • स्वास्थ्य
  • अन्य
    • विशेष
    • आज का अखबार
    • ताजा खबरें
    • अंतरराष्ट्रीय
    • वित्त-बीमा
      • फिनटेक
      • बीमा
      • बैंक
      • बॉन्ड
      • समाचार
    • कमोडिटी
    • खेल
    • BS E-Paper
बिज़नेस स्टैंडर्ड
बिज़नेस स्टैंडर्ड
  • होम
  • अर्थव्यवस्था
  • बजट 2023
  • बाजार
    • शेयर बाजार
    • म्युचुअल फंड
    • आईपीओ
    • समाचार
  • कंपनियां
    • स्टार्ट-अप
    • रियल एस्टेट
    • टेलीकॉम
    • तेल-गैस
    • एफएमसीजी
    • उद्योग
    • समाचार
  • पॉलिटिक्स
  • लेख
    • संपादकीय
  • आपका पैसा
  • भारत
    • उत्तर प्रदेश
    • महाराष्ट्र
    • मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़
    • बिहार व झारखण्ड
    • राजस्थान
    • अन्य
  • मल्टीमीडिया
    • वीडियो
  • टेक-ऑटो
  • विशेष
  • विविध
    • मनोरंजन
    • ट्रैवल-टूरिज्म
    • शिक्षा
    • स्वास्थ्य
  • अन्य
  • आज का अखबार
  • ताजा खबरें
  • खेल
  • वित्त-बीमा
    • बैंक
    • बीमा
    • फिनटेक
    • बॉन्ड
  • BS E-Paper
बिज़नेस स्टैंडर्ड
  लेख  चल गया मालविंदर का जादू
लेख

चल गया मालविंदर का जादू

बीएस संवाददाता बीएस संवाददाता —May 5, 2008 10:31 PM IST0
FacebookTwitterLinkedInWhatsAppEmail

मालविंदर मोहन सिंह को टीशर्ट में ऑफिस आना बिल्कुल बुरा नहीं लगता। जब हमने उनकी तस्वीर लेने की बात की तो उन्हें कैमरे के सामने आने में जरा सी भी झिझक नहीं हुई।


वो तो प्यारी सी मुस्कान के साथ तस्वीर खिंचवाने के लिए तैयार हो गए। वैसे, आजकल उन्हें अक्सर होठों पर मुस्कान देखी जा सकती है। एक वजह तो यह है कि हाल के हफ्तों में वो अपनी कमर को चार इंच पतली कर चुके हैं।


जिस दिन यह फोटोग्राफ ली गई, उस दिन अहले सुबह वह 90 दंड पेले थे। वैसे, यही एकलौती वजह नहीं है, जिसकी वजह से मालव (जानने वाले उन्हें एमएमएस या मालव के नाम से ही बुलाते हैं) से आजकल खूब मुस्कुरा रहे हैं। उनके पास तो आज मुस्कुराने के लिए वजहों की भरमार है।


फन एट वर्क


उनकी दवा कंपनी के शेयरों की कीमत आजकल 500 रुपये के आस-पास चल रही है। यह कीमत तो कंपनी के लिए ऐतिहासिक है, इससे पहले रैनबैक्सी के शेयर कभी इस ऊंचाई पर नहीं पहुंच सके थे। सिटी ग्लोबल की मानें तो इसके शेयर को अभी और भी ऊंचाइयों को छूना है। दुनिया की इस नामी-गिरामी वित्तीय संस्था का कहना है कि रैनबैक्सी के शेयर की कीमत तो 620 रुपये प्रति शेयर तक जा सकते हैं।


साथ ही, इसका घरेलू बाजार में दबदबा भी काफी बढ़ चुका है। देसी बाजार के 5.05 फीसदी हिस्से पर आज मालव की इस कंपनी की मजबूत पकड़ बन चुकी है। क्या कहा, यह तो काफी छोटा हिस्सा है? हुजूर अगर हम आप यह बताएं कि देसी दवा उद्योग में 100 या 200 नहीं, बल्कि पूरे 20 हजार कंपनियां हैं तब तो आप इसे एक अच्छी-खासी उपलब्धि मानेंगे।


आपको यह जानकर हैरानी होगी, रैनबैक्सी के दफ्तर में अब तो अक्सर ही कुकरी कम्पीटिशन और बर्थडे पार्टिज का आयोजन होता है। हाल ही में आयोजित हुए एक फैंसी ड्रेस में तो सिंह ने दलेर मेंहदी का भेष धरा था। उनके ऑफिस में एक कट ऑउट लगा है, जिस पर लिखा है ‘रैनबैक्सीफन एट वर्क’। इसे तो उन्होंने रजिस्टर्ड भी करवा रखा है।


सही इलाज


वैसे, जब मालविंदर सिंह ने जनवरी, 2006 में बतौर मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) कंपनी की बागडोर संभाली थी, तब सबकुछ इतना अच्छा नहीं था। 2005 में रैनबैक्सी का शुध्द लाभ 62 फीसदी तक गिर चुका था। सेल्स बढ़ नहीं रहे थे। वहीं लगाई गई कुल पूंजी पर केवल 5.3 फीसदी का रिटर्न मिल रहा था। दूसरी तरफ, कुल कीमत पर रिटर्न यानी रिटर्न ऑन नेट वर्थ भी केवल 10.6 फीसदी पर था।


कंपनी कमाई के लिए अमेरिका पर काफी ज्यादा आश्रित हुआ थी। इसका तो 45 फीसदी बाजार अमेरिका में ही हुआ करता था। मर्ज गंभीर था, इसलिए सिंह ने बिना जरा भी वक्त गंवाए मुल्क की इस सबसे बड़ी दवा कंपनी के बीमार बिजनेस मॉडल का इलाज शुरू किया ताकि जोखिम को कम से कम किया जा सके। उनकी डाइग्नोसिस गजब की थी और इलाज तो कमाल का निकाला।


उन्हीं के इलाज का नतीजा है कि आज उनकी कंपनी के शेयरों की कीमत आसमान छू रही है। साथ ही, कुल पूंजी पर रिटर्न भी आज लंबी छलांग मारकर तीन गुना हो चुका है। वहीं, रिटर्न ऑन नेट वर्थ भी ढाई गुना की छलांग मार चुका है। आज कंपनी का व्यवसाय कई नई जमीन पर झंडे गाड़ रहा है।  आज रैनबैक्सी को होने वाली कुल कमाई में नए बाजारों का हिस्सा 55 फीसदी पर है, जबकि इसमें अमेरिकी कारोबार का हिस्सा घटकर 25 फीसदी पर आ चुका है।


गजब का चेक अप


सिंह कहते हैं, ‘जब मैंने बतौर सीईओ कंपनी की बागडोर संभाली थी, तो इस बात के लिए मैं पूरी तरह से तैयार था कि हमें अपनी रणनीति में फेरबदल करनी पडेग़ी। हम पर हर काम खुद करने का जुनून सा सवार हुआ करता था। हम हर किसी के साथ लड़ रहे थे। हम अपने संसाधनों का सही इस्तेमाल नहीं कर रहे थे और हममें जरूरत थी अपनी रफ्तार को बढ़ाने की।’ इसके बाद उन्होंने अपनी कंपनी को दिन दुनी, रात चौगुनी रफ्तार से बढ़ाया।


बतौर सीईओ उनका पहला साल काफी दौड़-भाग से भरा रहा। उन्होंने अपनी कंपनी का रुतबा बढ़ाने के लिए कई विदेशी कंपनियों का अधिग्रहण किया। मार्च, 2006 के आखिर के चार दिनों में रैनबैक्सी ने तीन विदेशी अधिग्रहण किए। पहले तो उसने ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन की इटली में कंपनी एलेन स्पा के अनब्रांडेड जेनरिक दवाओं के कारोबार को खरीदा।


फिर बारी आई रोमानिया की दवा कंपनी टेरापिया और बेल्जियम की जेनरिक दवा कंपनी ईथीमेड एनवी की। सिंह ने उसी साल जुलाई में स्पेन में ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन की जेनरिक दवाओं के बिजनेस मुंडोजेन को भी खरीद लिया। फिर दिसंबर में इसने दक्षिण अफ्रीकी बी-टैब्स फार्मा का भी टेक ओवर कर लिया।


वैसे, 2007 में सिंह कुछ ठंडे पड़ गए। उस उन्होंने अपनी कंपनी के लिए केवल एक बड़ा अधिग्रहण किया। वह अधिग्रहण था ब्रिस्टॉल मेयर्स स्कियूब के 13 उत्पादों को अमेरिका में बेचने का अधिकार। यह उन्होंने पिछले साल मई में खरीदा था। उन्होंने हमेशा लड़ने और खरीदने को तैयार रैनबैक्सी को एक नया रूप दिया। यह रूप था एक ऐसी कंपनी का, जो साझेदारी और कोर्ट के बाहर भी समझौते करना जानती है।


इसने ग्लैक्सो के साथ 2003 में दवाओं के विकास के लिए किए गए समझौते को आगे बढ़ाने के लिए सहमति पत्र पर दस्खत किए। दूसरी तरफ, वैलट्रैक्स दवा के मुद्दे पर उन्होंने ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन के साथ कोर्ट के बाहर समझौता कर लिया। अब अगले साल रैनबैक्सी इस दवा के साथ 2009 में अमेरिकी बाजार में पहले जेनरिक कंपनी के रूप में उतरने वाली है।


उसके पास इस दवा को छह महीने तक बेचने का एकाधिकार है। इसने टैमसोल्यूशिन कैप्सूल की जेनरिक दवा फ्लोमैक्स के मामले में भी निर्माता कंपनी के साथ भी समझौता कर लिया है। पिछले महीने तो इसने आस्ट्राजेनाका के साथ भी हाथ मिलने की घोषणा की है, जिसके तहत उसे 2014 में जेनरिक दवा नेक्सिम को बेचने का खास अधिकार मिल जाएगा।


फायदे का सौदा


इन सभी समझौतों से कंपनी को काफी फायदा हुआ है। एचएसबीसी ग्लोबल रिसर्च का कहना है कि, ‘हमें लगता है कि नैक्सिम से प्रति शेयर रैनबैक्सी को 51 रुपये का फायदा होगा।’ कंपनी के इस नए रवैये से उस पर लोगों का भरोसा बढ़ा है और उसके मामले में स्थिरता आई है। सिंह का कहना है कि, ‘बड़ी फार्मा कंपनियों के साथ मामलों के निपटारे से हमें अमेरिकी बाजार में अपने उत्पादों को उतराने में काफी मदद मिली है।


कानूनी झमलों में हमेशा से ही अनिश्चितता होती है। आपका पक्ष काफी मजबूत हो सकता है, फिर भी आप केस हार जाएंगे। हमारा अमेरिकी जेनरिक दवाओं के बाजार में टेवा के बाद दूसरा सबसे बड़ा नेटवर्क है। रैनबैक्सी इकलौती कंपनी है, जो हर साल कम से कम एक जेनरिक दवा के लिए अप्लीकेशन दायर करती है। ऐसी दवाओं का बाजार भी अरबों डॉलर का होता है।’


अमेरिका में रैनबैक्सी के 98 एब्ब्रीब्रेटिटेड न्यू ड्रग अप्लीकेशन (एएनडीए) दायर कर रखे हैं। इसमें 19 जेनरिक दवाओं के अप्लीकेशन है, जिसका कुल बाजार 27 अरब डॉलर का है। एएनडीए की वजह से जेनरिक दवा उत्पादकों को इन दवाओं के बॉयोलॉजिक टेस्ट करने की जरूरत नहीं पड़ती।


इसकी वजह से उत्पादक यह दलील दे सकते हैं, दोनों दवाओं का असर एक सा ही होता है, इस वजह से दोनों मानव शरीर के लिए सुरक्षित हो जाती है। अगर कंपनियों की दलील को मान लिया जाता है, तो उन्हें उस जेनरिक दवा का छह महीने के लिए मार्केटिंग राइट मिल जाता है।


सिटीग्रुप ग्लोबल का तो कहना है कि, ‘रैनबैक्सी अपने आप को उद्योग में हो रहे बदलावों के मुताबिक अच्छी तरीके से बदल रहा है। उसकी रिसर्च फैस्लिटी और मार्केटिंग दोनों काफी जबरदस्त है। साथ ही, ज्यादा कार्यकुशल बिजनेस मॉडल को लागू करने की वजह हमें मानते हैं कि वह छोटी अवधि और लंबी अवधि दोनों में अच्छा रिटर्न देगा।


नई गणित


मालविंदर के ‘शासन काल’ में रैनबैक्सी ने केवल परदेस में ही कामयाबी के झंडे नहीं गाड़े। इसने अपनी देसी जमीन पर भी सफलताओं की नई कहानियां गढ़ी। मालविंदर को रैनबैक्सी की बागडोर संभाले दो महीने भी नहीं हुए थे और रैनबैक्सी ने जेनोटेक लैब्स में सात फीसदी शेयर खरीद कर एक नई साझेदारी में कदम रखा था। इस साझीदारी के तहत रैनबैक्सी ने जेनोटेक के ऑनकोलोजी साइटोटॉक्सिक इंजेक्टेबल प्रोडक्ट्स को अपने लैबल के तहत बेचने का फैसला किया।


आज की तारीख में इस कंपनी में रैनबैक्सी की भागीदारी 48 फीसदी तक पहुंच चुकी है। वैसे, इसका कामकाज आज भी इसके प्रोमोटर ही देख रहे हैं। इसके कुछ ही महीने बाद इसने अपनी ग्वालियर की कार्डिनल ड्रग्स का अधिग्रहण कर अपनी मैन्युफैक्चरिंग क्षमता में भी काफी इजाफा किया। जनवरी, 2007 में इसने क्रब्स बॉयोकेमिकल्स में 14.9 फीसदी की हिस्सेदारी खरीदी, जिससे रैनबैक्सी को उसके प्रतिष्ठानों को इस्तेमाल करने का अधिकार मिल गया।


वैसे, सिंह ने तो अपना अब तक का अपना सबसे चर्चित कदम तब चला, जब उन्होंने चेन्नई की एंटीबॉयोटिक्स कंपनी ऑर्किड फार्मा में 14.7 फीसदी के लिए सफल बोली लगाई। वैसे, यह काम उन्होंने रैनबैक्सी नहीं, सोलरेक्स के जरिये किया। हालांकि, इस बारे में कुछ भी कहने से इनकार करके सबको हैरत में डाल दिया। रैनबैक्सी इस कंपनी में इतनी रुचि देखकर लोग-बाग हैरान ही रह गए। इस कारण आर्किड के शेयरों में खूब उछाल आ गया।


इस वजह से कंपनी के लिए यह सौदा थोड़ा महंगा भी साबित हो गया। वैसे, सिंह का कहना है कि, ‘हमने इस मामले में आपना फायदा ही देखा। इसलिए हमने वही किया, जो हमें करना चाहिए था। जब हमें लगा कि हम बात करने के लिए तैयार हैं, हमने इस बारे में सबको बता भी दिया। हमने सस्ते में वे शेयर खरीदे थे। वैसे, जब आप मार्केट लीडर बनते हैं तो मार्केट की दशा और दिशा तय करने की जिम्मेदारी आप पर ही आ जाती है।’


सिंह इज किंग  – 2006


जनवरी : मालविंदर मोहन सिंह बने रैनबैक्सी के सीईओ
मार्च : जेनोटेक लैब के साथ की साझीदारी
मार्च : इटली में एलेन स्पा का किया अधिग्रहण
मार्च : रोमानिया की टेरापिया को खरीदा
मार्च : बेल्जियम की इथीमेड को खरीदा
जुलाई : जीएसके के मुंडोजेन जेनरिक बिजनेस को खरीदा
दिसंबर : द. अफ्रीका की बी-टैब्स का अधिग्रहण


2007


फरवरी: जीएसके के साथ 2003 में किए गए समझौते को आगे बढ़ाया
मार्च: पीपीडी को नोवेल सैटिन का लाइसेंस दिया
मई : ब्रिस्टॉल मेयर्स रिक्यूब के 13 उत्पादों को अमेरिका में बेचने का अधिकार खरीदा
जुलाई: ग्लैक्सोस्मिथ क्लाइन के साथ किया समझौता
नवंबर : फ्लोमैक्स के मामले में भी निर्माता कंपनी के साथ किया समझौता


2008


जनवरी : एक और दवा के मामले में जीएसके के साथ समझौता किया।
फरवरी : नए ड्रग डिस्कवरी यूनिट में काम शुरू हुआ। इससे कम होगा रिस्क और कंपनी बचा पाएगी करीब 2.5 करोड़ डॉलर हर साल
अप्रैल : जेनरिक दवा नेक्सिम का 2014 में मिला एक्सक्लूसिव मार्केटिंग राइट
अप्रैल : आर्किड  में खरीदी 14.7 फीसदी की हिस्सेदारी

magic of malvinder has worked
FacebookTwitterLinkedInWhatsAppEmail

संबंधित पोस्ट

  • संबंधित पोस्ट
  • More from author
आज का अखबार

यात्रा से परे

January 30, 2023 10:48 PM IST0
आज का अखबार

आ​खिर कौन सी बातें सामने आएं बजट में

January 30, 2023 10:37 PM IST0
आज का अखबार

पीछा नहीं छोड़ रहा हिंडनबर्ग हादसा

January 30, 2023 10:26 PM IST0
आज का अखबार

मु​स्लिमों की सियासी और सामाजिक वापसी

January 29, 2023 11:14 PM IST0
आज का अखबार

महामारी के बाद अटल पेंशन की मांग में इजाफा

January 29, 2023 11:50 PM IST0
आज का अखबार

Section 54-54 GB: निवेश की मियाद बढ़ी पर मुश्किल अब भी

January 29, 2023 11:17 PM IST0
आज का अखबार

अमेरिका में दर कटौती की आस में चमका सोना

January 29, 2023 11:16 PM IST0
अंतरराष्ट्रीय

आटे के बाद पाकिस्तान में पेट्रोल-डीजल भी महंगा, एक झटके में 35 रुपये लीटर बढ़ी कीमतें

January 29, 2023 6:28 PM IST0
अंतरराष्ट्रीय

Netherlands बना भारत का तीसरा सबसे बड़ा एक्सपोर्ट डेस्टिनेशन, इन देशों को छोड़ा पीछे

January 29, 2023 2:33 PM IST0
अंतरराष्ट्रीय

तीन साल में दूसरी बार दिवालिया हुई ब्रिटेन की यह कंपनी

January 28, 2023 7:30 PM IST0

Trending Topics


  • Stocks to Watch Today
  • Budget 2023 Wishlist
  • GDP Growth
  • Share Market Update
  • बजट सत्र 2023 LIVE
  • Adani Share Crash
  • Economic Survey 2023
  • Rupee vs Dollar
  • Union Budget 2023

सबकी नजर


Air India urination case: आरोपी शंकर मिश्रा को जमानत मिली

January 31, 2023 8:36 PM IST

Economic Survey 2023 : भारत का इन्फ्लेशन मैनेजमेंट सराहनीय

January 31, 2023 8:22 PM IST

Economic Survey 2023: घरेलू अर्थव्यवस्था मजबूत, पर निर्यात के मोर्चे पर चुनौती से धीमी पड़ सकती है रफ्तार

January 31, 2023 8:14 PM IST

Economic Survey 2023: क्रेडिट ग्रोथ की रफ्तार रहेगी मजबूत

January 31, 2023 8:09 PM IST

केंद्र और राज्य मिलकर बनाएं एक नयी ट्रेड पॉलिसी

January 31, 2023 7:59 PM IST

Latest News


  • Air India urination case: आरोपी शंकर मिश्रा को जमानत मिली
    by भाषा
    January 31, 2023
  • Economic Survey 2023 : भारत का इन्फ्लेशन मैनेजमेंट सराहनीय
    by मनोजित साहा
    January 31, 2023
  • Economic Survey 2023: घरेलू अर्थव्यवस्था मजबूत, पर निर्यात के मोर्चे पर चुनौती से धीमी पड़ सकती है रफ्तार
    by भाषा
    January 31, 2023
  • Economic Survey 2023: क्रेडिट ग्रोथ की रफ्तार रहेगी मजबूत
    by भास्कर दत्ता
    January 31, 2023
  • केंद्र और राज्य मिलकर बनाएं एक नयी ट्रेड पॉलिसी
    by सुशील मिश्र
    January 31, 2023
  • चार्ट
  • आज का बाजार
59549.90 
IndicesLastChange Chg(%)
सेंसेक्स59550
490.08%
निफ्टी59550
490%
सीएनएक्स 50014936
810.55%
रुपया-डॉलर81.51
--
सोना(रु./10ग्रा.)51317.00
0.00-
चांदी (रु./किग्रा.)66740.00
0.00-

  • BSE
  • NSE
CompanyLast (Rs)Gain %
Guj. Ambuja Exp257.6512.71
Kalyan Jewellers118.0512.32
EID Parry542.6011.81
IIFL Finance514.459.45
Suzlon Energy9.809.38
Asahi India Glas510.108.38
आगे पढ़े  
CompanyLast (Rs)Gain %
Guj. Ambuja Exp257.9012.62
Kalyan Jewellers117.9512.33
EID Parry543.8512.20
Suzlon Energy9.809.50
IIFL Finance513.359.22
Trident34.458.33
आगे पढ़े  

# TRENDING

Stocks to Watch TodayBudget 2023 WishlistGDP Growth Share Market Updateबजट सत्र 2023 LIVEAdani Share CrashEconomic Survey 2023Rupee vs DollarUnion Budget 2023
© Copyright 2023, All Rights Reserved
  • About Us
  • Authors
  • Partner with us
  • Jobs@BS
  • Advertise With Us
  • Terms & Conditions
  • Contact Us