सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी (सीएमआईई) के कंज्यूमर पिरामिड्स हाउसहोल्ड सर्वे (सीपीएचएस) के मुताबिक सितंबर 2021 में सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) और सूचना प्रौद्योगिकी सक्षम सेवाओं (आईटीईएस) में कुल मिलाकर 17.8 लाख लोग रोजगारशुदा थे। सितंबर 2021 में समाप्त तिमाही का औसत 17.4 लाख के साथ इससे कम था। यह जून 2021 तिमाही में इस उद्योग में रोजगारशुदा लोगों के 19 लाख के औसत से भी कम था। आईटी और आईटीईएस उद्योग में रोजगार जून 2021 में 22.3 लाख के साथ उच्चतम स्तर पर था।
आईटी और/अथवा आईटीईएस उद्योग एक छोटा नियोक्ता है। करीब 20 लाख कर्मचारियों के साथ यह देश के कुल रोजगार का बमुश्किल आधा फीसदी है। लेकिन यह निजी क्षेत्र के सर्वाधिक बेहतर रोजगारों में से एक प्रदान करता है। बड़ी कंपनियों में आईटी और आईटीईएस पेशेवरों की मांग लगातार बढ़ रही है। कंपनियां आक्रामक तरीके से भर्तियां कर रही हैं। लेकिन छंटनी की दर में भी तेजी आई है। इससे संकेत मिलता है कि कंपनियों द्वारा की जाने वाली भर्तियों में बड़ा हिस्सा उद्योग के भीतर ही होने वाली भर्तियों का है। नए स्नातकों को बहुत कम प्राथमिकता दी जा रही है। ऐसा इसलिए हो सकता है कि कोविड-19 के कारण लगे कड़े लॉकडाउन के चलते नए प्रत्याशियों की काबिलियत भी संदेह के दायरे में है।
इस क्षेत्र में देश की चुनिंदा सर्वश्रेष्ठ कंपनियां ही रोजगार मुहैया कराती हैं। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज में करीब पांच लाख कर्मचारी हैं। इस उद्योग के अनुमानित रोजगार में यह एक तिहाई से अधिक की हिस्सेदारी है। इन्फोसिस दूसरे नंबर पर है और वह करीब 2.80 लाख लोगों को रोजगार मुहैया कराती है। इसके बाद एचसीएल टेक्रॉलजीज और विप्रो का नंबर है और दोनों में दो लाख से कुछ कम कर्मचारी हैं। विप्रो में विविधता ज्यादा है और उसके रोजगार में से कुछ गैर आईटी कारोबार में है। विप्रो अन्य सूचीबद्ध आईटी कंपनियों की तरह रोजगार के ब्योरे नहीं देती। हमने वेतन बिल को संदर्भ बिंदु मानकर रोजगार का अनुमान लगाया है।
देश की सभी शीर्ष आईटी सेवा प्रदाता कंपनियां सूचीबद्ध हैं। कुछ बड़ी गैर सूचीबद्ध आईटी कंपनियां भी हैं। मसलन एक्सेंचर सॉल्युशंस, माइक्रोसॉफ्ट कॉर्पोरेशन, एसएपी इंडिया आदि। इनमें से कुछ जहां हजारों लोगों को रोजगार दे रही हैं, वहीं इनमें से कोई भी रोजगार के मामले में चार शीर्ष कंपनियों के सामने नहीं टिकती। सीएमआईई द्वारा प्रबंधित दो आंकड़े देश में आईटी और/अथवा आईटीईएस कंपनियों के रोजगार के तुलनात्मक आंकड़े दर्शाते हैं। सीपीएचएस का अनुमान है कि इस उद्योग में 20 लाख लोग रोजगारशुदा हैं। यह आंकड़ा एक बड़े घरेलू सर्वेक्षण से निकला है। सीएमआईई के आंकड़ों के आधार पर लगाए गए स्वतंत्र अनुमानों के मुताबिक आईटी और/अथवा आईटीईएस कंपनियों में करीब 15 लाख लोग काम करते हैं। इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि गैर सूचीबद्ध कंपनियों में पांच लाख या उससे अधिक कर्मचारी हो सकते हैं। जबकि इतने कर्मचारी अकेले टीसीएस में हैं।
भारतीय कंपनियां अपने कर्मचारियों की तादाद बताने के बारे में बहुत अच्छी नहीं हैं। सूचीबद्ध कंपनियां भी तिमाही आधार पर कर्मचारियों के आंकड़े नहीं देतीं। हमने वेतन और मेहनताने के आंकड़ों के आधार पर अनुमान लगाए हैं क्योंकि सूचीबद्ध कंपनियों की ओर से यह जानकारी तिमाही आधार पर उपलब्ध रहती है। चुनिंदा कंपनियां अपने आंकड़े पेश भी करती हैं जिनको मिलाकर रोजगार के ये अनुमानित आंकड़े प्राप्त किए गए हैं। देश में 300 सूचीबद्ध और/अथवा आईटीईएस कंपनियां हैं। जून 2021 तिमाही में इनमें से केवल 10 के रोजगार के आंकड़े उपलब्ध थे। इनमें से छह तो 10 शीर्ष कंपनियों में शामिल हैं। हम इनका तथा इससे पहले की तिमाहियों के आंकड़ों तथा कंपनियों के वेतन भत्तों के बिल का इस्तेमाल करके शीर्ष 10 आईटी और/अथवा आईटीईएस कंपनियों की औसत वेतन दर निकालते हैं। रोजगार के आंकड़े मुहैया कराने वाली चुनिंदा कंपनियों तथा कुल वेतन बिल प्रकाशित करने वाली व्यक्तिगत कंपनियों के आंकड़ों के आधार पर हम प्रत्येक कंपनी के रोजगार का अनुमान लगाते हैं। अनुमान के मुताबिक शीर्ष 10 सूचीबद्ध आईटी और/अथवा आईटीईएस कंपनियों में जून 2021 में 14.6 लाख लोग कार्यरत थे। जबकि शेष 130 कंपनियों में बमुश्किल 1.30 लाख लोग कार्यरत हैं। देश में आईटी और/अथवा आईटीईएस उद्योग के आकार का ठोस आकलन कंपनियों द्वारा मुहैया कराए जाने वाले वेतन बिल पर आधारित है। जिन 140 सूचीबद्ध कंपनियों के जून 2021 के वित्तीय दस्तावेज उपलब्ध हैं उनका वेतन बिल 536 अरब रुपये था। इनमें से शीर्ष 10 कंपनियों का वेतन बिल 495 अरब रुपये था और शेष 130 कंपनियों का वेतन बिल केवल 41 अरब रुपये था। आईटी और/अथवा आईटीईएस क्षेत्र के कुल रोजगार में 91 फीसदी शीर्ष 10 कंपनियों में हैं। कुल वेतन भुगतान में उनका योगदान 92.4 फीसदी है। शीर्ष 10 कंपनियों में वेतन भत्ते भी अधिक हैं।
जून 2021 में समाप्त तिमाही में इन कंपनियों का कुल वेतन बिल एक वर्ष पहले की समान अवधि की तुलना में 15 फीसदी अधिक था। इससे पहले की चार तिमाहियों में वृद्धि दर 4.7 फीसदी और 6.3 फीसदी के बीच थी। जून 2021 तिमाही में 15 फीसदी की वृद्धि दिसंबर 2018 तिमाही के बाद की सर्वश्रेष्ठ थी। जिन 10 कंपनियों ने सितंबर 2021 में समाप्त तिमाही के आंकड़े पेश किए हैं उनके मुताबिक तो वेतन बिल की वृद्धि बढ़कर 17.4 फीसदी हो चुकी है। ये आमतौर पर शीर्ष कंपनियां हैं।
स्पष्ट है कि सितंबर 2021 में समाप्त तिमाही के दौरान आईटी और/अथवा आईटीईएस कंपनियों में श्रमिकों की मांग बढ़ी लेकिन सीपीएचएस में सितंबर 2021 में कुल रोजगार में वृद्धि नजर नहीं आने से पता चलता है कि बड़ी कंपनियां पहले से मौजूद कर्मचारियों को लेकर ही खींचतान कर रही हैं। नए श्रमिकों की मांग सीमित है। छोटी कंपनियों में मानव संसाधन की जो कमी हो रही है, उसकी जगह नए लोगों की भर्ती भी नहीं की जा रही है।
