शक्ति की उपासना का महापर्व नवरात्र में नौ दिनों तक श्रद्धालु भक्ति और श्रद्धा में सराबोर रहते हैं। भक्ति के साथ ही चलता है नौ दिनों तक संगीत और नृत्य का दौर।
मुंबई में माता की जयकारों के साथ सुनाई देती है गरबा और डांडिया की गूंज और थिरकते पैरों की आवाज। ये थिरकते पैर कहीं बहक न जाए, इस बात का डर घर के बड़े बुजर्गों को रहता है और इस डर की वजह से इन नौ दिनों के दौरान निजी जासूसों की भारी मांग रहती है जिनकी फीस लाखों रुपये तक होती है।
निजी जासूस लडक़ी या लड़के की हर गतिविधि पर नजर रखते है। इनके साथ नाचना, खाना, घूमना के साथ हर वह काम करना जो वे करते है। टॉपस ग्रुप के कार्यकारी निदेशक रमेश अय्यर कहते हैं कि पिछले साल की अपेक्षा इस बार सुरक्षा गार्डों और जासूसों की मांग 15 से 20 फीसदी बढ़ गई है।
इन दिनों जासूसों की ज्यादात्तर मांग पैसे वाले लोग अपनी लड़कियों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए करते हैं। जासूसों की फीस तय होती है लड़की के स्टेटस के आधार पर, लेकिन इस समय नौ दिन केलिए एक जासूस की फीस 50 हजार से एक लाख के बीच रहती है।
आतंकी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए पुलिस बल की कमी के चलते निजी सुरक्षा एजेंसियों की भी बल्ले-बल्ले हो चली है। मुंबई में करीब 400 कंपनियां रजिस्टर्ड हैं। जिनके पास इस वक्त जवानों की कमी है जिसकी वजह से इनका चार्ज भी बढ़ गया है।
पिछले साल नवरात्र के दौरान एक सुरक्षा गार्ड के लिए 400 रुपये देने पड़ रहे थे जबकि इस बार लगभग 600 रुपये देने पड़ रहे हैं। इसके अलावा बंदूक सहित सुरक्षा गार्ड के लिए 1500 रुपये से 2000 रुपये प्रति दिन के लिए देने पड़ रहे हैं।
हालांकि मुंबई पुलिस के 65 हजार जवान, आर एफ के 1500 ,पैरामिलेटरी के 3500 जवानों , होमगार्ड एवं अन्य के 5000 कर्मचारी के अलावा केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल की 5 बटालियन नवरात्र उत्सव को सफल बनाने के लिए लगे हुए हैं लेकिन इसकेबावजूद सभी पांडलों और सोसाइटियों में निजी सुरक्षा गार्डों की अहम भूमिका है।