नवरात्र उत्सव के दौरान होने वाले गरबा और डांडिया नृत्य के आयोजकों को इन आयोजनों से होने वाली आय पर कर देना होगा।
महाराष्ट्र सरकार ने डांडिया आयोजकों को इस बात का ध्यान दिला है कि 2000 रुपये से 3000 रुपये तक 10 दिन के लिए वसूलने वालों को मनोरंजन कर के रूप में अपनी आय का 25 फीसदी सरकार को देना होगा।
मंत्रालय में हुई एक बैठक के बाद राजस्व मंत्री नारायण राणे ने कहा कि सभी व्यावसायिक डांडिया पंडालों को बॉम्बे इंटरटेनमेंट डयूटी एक्ट 1923 के आधार पर कर देना होगा। इसकी अधिसूचना महाराष्ट्र सरकार ने 2001 में ही जारी कर दी थी। इस समय कई ऐसे डांडिया समूह है जिनकी नवरात्र उत्सव के दौरान आय करोड़ रुपये में पहुंच जाती है।
ऐसे में उन्हें सरकारी कर देने में कोई ऐतराज नहीं होना चाहिए। सरकार के इस बयान पर कुछ आयोजकों का कहना है कि यह तो धार्मिक परंपरा है इसमें टैक्स लेना तो सही नहीं है। इस सवाल पर सरकार का कहना है कि मुंबई में रहने वाला हर आदमी जानता है कि बडे-बड़े डांडिया पंडालों में नृत्य के लिए प्रवेश करने पर लोगों को 250 रुपये से 500 रुपये प्रतिदिन के लिए देने होते हैं। ऐसे में ये आयोजन धार्मिक न होकर मनोरंजन के लिए किए जा रहे है,इसलिए इनको मनोरंजन कर देना ही होगा।