जब तक ओबामा सरकार की आर्थिक नीतियों की घोषणा नहीं होती है तब तक निष्कर्ष निकालना जल्दबाजी होगी।
जहां तक वहां की नई डेमोक्रेट सरकार की बात है तो जार्ज बुश (रिपब्लिकन पार्टी) से पहले क्लिंटन (जोकि डेमोक्रेटिक पार्टी) के शासन काल में भारत से आर्थिक गठजोड़ काफी अच्छे थे।
वास्तव में भारत और अमेरिका के बीच आर्थिक नीतियों में सुधार डेमोक्रेटिक पार्टी में ही बेहतर देखने को मिले हैं। हालांकि इस वक्त सिर्फ यही कहा जा सकता है कि वे पिछली सरकार के अपेक्षा दूसरे देशों के लिए ज्यादा संरक्षणात्मक नहीं होंगे, जोकि दुनियाभर के अन्य देशों सहित भारत के लिए सही नहीं है।
जैसा कि ओबामा ने कहा है कि वे अपने देश में लोगों की नौकरियां सुरक्षित करने के लिए आउटसोर्सिंग पर लगाम लगाएंगे, इससे निस्संदेह भारत की सूचना प्रौद्योगिकी और बीपीओ व केपीओ आदि क्षेत्रों में समस्या उत्पन्न हो सकती है। बहरहाल, अगर ओबामा सरकार वैसी नीतियां बनाती है जो कि भारत के हित में नहीं होगा तो भारत उनकी आर्थिक नीतियों का विरोध करेगा।
बातचीत : पवन सिन्हा