डेल भगवागर एक पेशकश को सुनकर निरुत्तर हो गए। भगवागर कई फिल्मी सितारों के लिए जनसंपर्क प्रबंधन का काम करते हैं।
एक लोकप्रिय कपड़ों के ब्रांड ने एक काम के लिए उनकी एजेंसी को नियुक्त किया। यह ब्रांड चाहता है कि हिंदी फिल्मों का एक सबसे चमकता सितारा किसी राजनीतिक पार्टी का प्रचार करे।
इन दिनों पैसा कमाना और बहाना दोनों काफी मुश्किल हो गए हैं और चुनाव आयोग पार्टियों के खर्चे पर बाज की तरह नजर रखे हुए है। इसलिए कंपनी ने अभिनेता को पैसों के बजाए एक अनूठी पेशकश कर दी। उसे एक नहीं 20 शेरवानियों की पेशकश की गई।
आम चुनावों के चलते भगवागर ज्यादा नहीं तो हर दिन 10 से 12 ऐसे ऑफर तो सुनते ही हैं। उनका कहना है, ‘अभी मैं काफी व्यस्त हूं और राजनीतिक पार्टियों से अभी तक सबसे ज्यादा 35 से 40 लाख रुपये तक की पेशकश मिल चुकी है।’
बताया जा रहा है कि यह पेशकश ऋतिक रोशन के लिए की गई थी, जिसे उन्होंने स्वीकार नहीं किया। हालांकि उनका मानना है कि जितना वक्त वे इन कामों में लगा रहे हैं, उन्हें उतना बढ़िया रिटर्न नहीं मिल रहा है।
लेकिन सलमान खान और कोयना मित्रा सरीखे फिल्मी सितारे और यहां तक कि छोटे परदे के वरुण बडोला आदि कलाकारों को इस दौरान लगातार राजनीतिक पार्टियों की रैलियों में देखा जा रहा है। इस साल आम चुनावों में खान फिल्म उद्योग के सबसे बड़े अभियानकर्ता रहे।
सलमान खान ने कांग्रेस के साथ-साथ भारतीय जनता पार्टी के लिए अलग-अलग जगह और अलग-अलग समय पर अभियान में शिरकत की। और ऐसा माना जा रहा है कि हर बार अभियान में शामिल होने के लिए उन्होंने 20 लाख रुपये लिए हैं।
फिल्मी सितारे पार्टी के घोषणा पत्र से वाकिफ हैं या नहीं, इससे कोई मतलब नहीं है। मिसाल के तौर पर कोयना मित्रा, जिन्हें उस पार्टी की कोई जानकारी नहीं है, जिसका वे प्रतिनिधित्व कर रही हैं। मित्रा को हर बार अभियान में शामिल होने के लिए लगभग 10 लाख से 12 लाख रुपये मिल रहे हैं।
उन्हीं की तरह महिमा चौधरी और जीनत अमान को भी राजनीतिक पार्टियों के अभियान में शिरकत करने का मौका मिल रहा है, लेकिन उनके लिए अभियान की कीमत कुछ कम 5 लाख रुपये से 7 लाख रुपये है। उनके लिए हवाई टिकट (बिजनेस श्रेणी) और होटल में रहने का इंतजाम भी पार्टी के खर्च में है।
टेलीविजन कलाकारों को इस साल चुनावी अभियान में अपनी पार्टी का चेहरा बनाने वाली राजनीतिक पार्टियों के इन ऑफर्स लेने वाले एक प्रबंधक का कहना है, ‘वे न तो भाषण देते हैं और न ही लोगों से मिलने की भावना के साथ अभियानों में उतरते हैं। वे यह सब पैसे की खातिर कर रहे हैं।’
प्रबंधक का कहना है, ‘उन्हें बढ़िया जगह पर पर्यटन टूर का वादा दिया जाता है, पार्टियां टीवी सितारों को आभूषण देने को तैयार है, यहां तक कि घर पर गैजेट्स जैसे एलसीडी भी लगवाए जा रहे हैं। पार्टियां बहुत चीजें दे रही हैं, लेकिन ये तो सिर्फ सब्जी के साथ सलाद है। नकदी तो हमेशा से केंद्र में रही है।’
उनके मुताबिक ‘कहानी घर घर की’ की साक्षी तंवर को न सिर्फ अभियान का हिस्सा बनने की बल्कि भाजपा की राजस्थान से टिकट पर लड़ने की पेशकश भी हुई थी। उनका कहना है, ‘पार्टी ने उन्हें 10 लाख रुपये का ऑफर दिया था, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया।’
वहीं कई ऐसे टीवी जगत के सितारे हैं जिन्हें 3 लाख रुपये से 5 लाख रुपये के साथ पसंदीदा जगह पर छुट्टियां, गैजेट और डिजाइनर कपड़ों की पेशकश हुई है। भागवागर का कहना है, ‘चुनावी अभियानों में सितारों को धूप में तपते हुए पसीना बहाने की जरूरत है। किसी कार्यक्रम में शिरकत करने से काफी मुश्किल है चुनावी अभियानों में शामिल होना और यही वजह है कि इसके लिए उन्हें मोटी रकम मिल रही है।’
