Skip to content
  गुरूवार 30 मार्च 2023
Trending
March 30, 2023AI वरदान या अभिशाप ! Elon Musk समेत इन टेक दिग्गजों में घबराहट, नए प्रोजेक्ट पर रोक लगाने की लगाई गुहारMarch 30, 2023तीन-चार साल में 23 अरब डॉलर का कर्ज चुका देगा अदाणी समूह, जताई उम्मीदMarch 30, 2023स्टेनलेस स्टील की बढ़ रही मांग, वित्त वर्ष-25 तक सालाना 9 फीसदी की दर से बढ़ोतरी का अनुमानMarch 30, 2023छोटे शेयरों के लिए बुरा रहा 2022-23, बड़ी कंपनियों के मुकाबले हुआ ज्यादा नुकसानMarch 30, 2023डायरेक्ट सेलिंग उद्योग की वृद्धि वित्त वर्ष-22 में 5.3 फीसदी घटी, महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा कारोबारMarch 30, 2023बिल्डरों और ग्राहकों के लिए कर्ज हो जाएगा महंगा, RBI और न बढ़ाए रीपो रेट : CredaiMarch 30, 2023ब्रिटेन के साथ मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत जारी: पीयूष गोयलMarch 30, 2023SpiceJet के प्रमुख अजय सिंह ने ASSOCHAM के अध्यक्ष का कार्यभार संभालाMarch 30, 2023रूस में जासूसी के आरोप में अमेरिका के ‘Wall Street Journal’ का पत्रकार गिरफ्तारMarch 30, 2023फीकी पड़ी IPO की चमक ! जुटाई गई राशि 50 फीसदी से अधिक घटी
बिज़नेस स्टैंडर्ड
  • होम
  • बजट 2023
  • अर्थव्यवस्था
  • बाजार
    • शेयर बाजार
    • म्युचुअल फंड
    • आईपीओ
    • समाचार
  • कंपनियां
    • स्टार्ट-अप
    • रियल एस्टेट
    • टेलीकॉम
    • तेल-गैस
    • एफएमसीजी
    • उद्योग
    • समाचार
  • पॉलिटिक्स
  • लेख
    • संपादकीय
  • आपका पैसा
  • भारत
    • उत्तर प्रदेश
    • महाराष्ट्र
    • मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़
    • बिहार व झारखण्ड
    • राजस्थान
    • अन्य
  • मल्टीमीडिया
    • वीडियो
  • टेक-ऑटो
  • विविध
    • मनोरंजन
    • ट्रैवल-टूरिज्म
    • शिक्षा
    • स्वास्थ्य
  • अन्य
    • विशेष
    • आज का अखबार
    • ताजा खबरें
    • अंतरराष्ट्रीय
    • वित्त-बीमा
      • फिनटेक
      • बीमा
      • बैंक
      • बॉन्ड
      • समाचार
    • कमोडिटी
    • खेल
    • BS E-Paper
बिज़नेस स्टैंडर्ड
बिज़नेस स्टैंडर्ड
  • होम
  • अर्थव्यवस्था
  • बजट 2023
  • बाजार
    • शेयर बाजार
    • म्युचुअल फंड
    • आईपीओ
    • समाचार
  • कंपनियां
    • स्टार्ट-अप
    • रियल एस्टेट
    • टेलीकॉम
    • तेल-गैस
    • एफएमसीजी
    • उद्योग
    • समाचार
  • पॉलिटिक्स
  • लेख
    • संपादकीय
  • आपका पैसा
  • भारत
    • उत्तर प्रदेश
    • महाराष्ट्र
    • मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़
    • बिहार व झारखण्ड
    • राजस्थान
    • अन्य
  • मल्टीमीडिया
    • वीडियो
  • टेक-ऑटो
  • विशेष
  • विविध
    • मनोरंजन
    • ट्रैवल-टूरिज्म
    • शिक्षा
    • स्वास्थ्य
  • अन्य
  • आज का अखबार
  • ताजा खबरें
  • खेल
  • वित्त-बीमा
    • बैंक
    • बीमा
    • फिनटेक
    • बॉन्ड
  • BS E-Paper
बिज़नेस स्टैंडर्ड
  लेख  ममतामय हो गया है बंगाल का राजनीतिक माहौल
लेख

ममतामय हो गया है बंगाल का राजनीतिक माहौल

बीएस संवाददाता बीएस संवाददाता —October 31, 2008 10:03 PM IST
FacebookTwitterLinkedInWhatsAppEmail

तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी का यश पश्चिम बंगाल के हर कोने में पहुंच गया। बल्कि यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि बंगाल का राजनीतिक माहौल ममतामय हो गया है।


वामदलों के नेताओं को ममता की तलाश है, उन पर कंबल डालकर पिटाई करने के लिए। कांग्रेस को उनकी तलाश है, उनसे हाथ मिलाने के लिए। एकला चलो रे का राग अलापने वाले अस्पताल में बीमार चल रहे हैं। पश्चिम बंगाल में राजनीतिक मौसम बदलने वाला है।

पिछले कुछ वर्षों से ममता बनर्जी बंगाल के वामदलों के लिए सफेद उल्लू मानी जाने लगी थीं। जिस तरह से सफेद उल्लू सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है, उसी तरह ममता बनर्जी की करतूतें वामदलों के गठबंधन के लिए शुभ सिध्द होंगी, ऐसा बंगाल में कहा जाने लगा था। और ऐसा क्यों, इसका कारण खोजने ज्यादा दूर जाने की जरूरत भी नहीं थी।

जब ज्योति बसु बंगाल के मुख्यमंत्री थे, तब ममता बनर्जी राइटर्स बिल्डिंग में बसु के दफ्तर में घुस गईं। वहां उन्होंने धरना देने की कोशिश की। सवाल था दो महिलाओं के साथ बलात्कार का। ज्योति बसु दफ्तर से निकले। एक नजर बनर्जी पर डाली और पुलिस वालों से कहा- इन्हें बाहर कर दीजिए। ममता बनर्जी को उठाकर बाहर फेंकना पड़ा।

कुछ माह बाद वाम दल गठबंधन को उखाड़ फेंको का नारा देकर फिर उन्होंने राइटर्स बिल्डिंग पर धावा बोला। इस बार पुलिस ने गोलियां चलाईं। कुछ लोग मारे भी गए। फिर कुछ साल बाद ममता बनर्जी ने झल्लाकर अपनी मोटर की बोनट पर चढ़कर ऐलान किया कि वह आत्महत्या करने वाली हैं- सरकार के खिलाफ नहीं, अपने समर्थकों की भीड़ पर काबू पाने के लिए, जो उन्होंने बुलाई थी।

संसद में लोकसभा के उपसभापति, चरणजीत सिंह अटवाल के ऊपर एक बार उन्होंने अपने सारे कागज फेंक दिए थे। तब से अटवाल साहब उनसे दूर बैठते हैं। और अभी सिंगुर में चल रहे आंदोलन को लेकर जब उन्होंने सभा की, तो रास्ता तो रोका ही, साथ ही समर्थकों को कैंची और टाटा नमक (पाठकों को याद होगा: शुध्द नमक) साथ लाने को कहा।

फिर भाषणों के बाद उन्होंने नारा दिया कि जिस तरह गांधी जी ने नमक आंदोलन चलाया था, उसी तरह वह टाटा का नमक बेकार कर उनके खिलाफ आंदोलन चलाने वाली हैं। फिर उन्होंने और उनके समर्थकों ने पूरे हाइवे पर टाटा नमक के पैकेट काटकर नमक छिड़का। वामदलों ने हंस-हंसकर पेट पकड़ लिया।

लेकिन यदि देश-काल को एक मिनट परे रखें तो इसमें कोई दो राय नहीं कि ममता बनर्जी कांग्रेस के उन नेताओं में से एक हैं, जो दिल से वामदलों से घृणा करती हैं। एक जमाने में बंगाल पर राज करने वाली कांग्रेस पिछले कुछ दशकों में दो हिस्सों में बंट गई है।

ममता बनर्जी के पीछे वह धड़ा है जो वामदलों के खिलाफ है और प्रणव मुखर्जी तथा प्रियरंजन  दासमुंशी के पीछे वह धड़ा जो देखने में वामदलों के खिलाफ है लेकिन मन ही मन ममता बनर्जी को बाहर रखने के लिए वाम दलों से हाथ मिलाने के लिए हमेशा तैयार खड़ा रहता है। बंगाल में इस गुट को व्यंग्य से तरबूज कहा जाता है: बाहर से हरा, लेकिन काटो तो लाल।

ममता की कारस्तानियों की वजह से तरबूज गुट कांग्रेस में हावी रहा है। लेकिन इससे कांग्रेस को नुकसान ही हुआ है, फायदा नहीं। खिन्न और निराश होकर ममता ने 1998 में जब तृणमूल कांग्रेस की स्थापना की तो भारतीय जनता पार्टी (जो उस समय सहयोगी ढूंढ़ रही थी) ने उसे अच्छा साथी पाया। लेकिन तृणमूल का 2006 के विधानसभा चुनाव में सफाया होने के बाद ममता और भाजपा की दूरी बढ़ती गई।

जब टाटा के लिए राज्य सरकार ने सिंगुर में भूमि अधिग्रहण शुरू किया तो ममता बनर्जी ने नोट कर लिया कि जमीन खोने वाले अधिकतर काश्तकार मुसलमान थे। अत: काश्तकारों और मुसलमानों की जमीन के अधिग्रहण के खिलाफ आंदोलन करने में दोगुना फायदा था। इसीलिए भविष्य में भी शायद ही ममता बनर्जी , लालकृष्ण आडवाणी और अरुण जेटली के साथ मंच पर आएंगी।

अब जब ममता बनर्जी नैनो और टाटा को बंगाल से बाहर धकेलने में सफल हो चुकी हैं, और उन्हें उद्योग विरोधी की संज्ञा दी जा चुकी है, तब लग रहा है कि उनके पास और कोई विकल्प भी नहीं है- सिवाय कांग्रेस के साथ जाने का। गत चुनावों के नतीजों ने यह सिध्द कर दिया है कि बंगाल में वामदलों की सरकार को तभी खदेड़कर बाहर निकाला जा सकता है जब कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस एकजुट होकर चुनाव लड़े।

विधानसभा का चुनाव 2011 में है। उससे पहले एक और बड़ी चुनौती से कांग्रेस को जूझना होगा: ममता बनर्जी के साथ लोकसभा चुनाव या उनके बिना? एक तरफ खाई है तो दूसरी तरफ गङ्ढा। यदि बनर्जी के बिना चुनाव लड़ेंगे तो पिछली लोकसभा से भी कम सीटें आएंगी (इस लोकसभा में 42 सीटों में से 6 पर कांग्रेस विजयी हुई थी) लेकिन यदि अगली लोकसभा में वामदलों से मिलकर भाजपा को बाहर रखने के लिए सरकार बनानी पड़ी तो फिर?

जिस सरकार या पार्टी में ममता बनर्जी सहयोगी हैं, उसका तो मुंह भी वामदल नहीं देखेंगे। कांग्रेस के साथ परिणय सूत्र में ममता बनर्जी बंधने को तैयार भी हों तो सोनिया गांधी इसके लिए राजी होंगी या नहीं, इस पर सवालिया निशान है। लेकिन घड़ी की सुई भागी चली जा रही है। समय ज्यादा नहीं है और मौसम बदल रहा है।

political atmosphere of bengal is in favour of mamta
FacebookTwitterLinkedInWhatsAppEmail

संबंधित पोस्ट

  • संबंधित पोस्ट
  • More from author
आज का अखबार

नियमन पर नजर

March 30, 2023 12:07 AM IST
आज का अखबार

प्रतिबंध के बाद भी ‘टिकटॉक जोखिम’ बरकरार

March 30, 2023 12:02 AM IST
आज का अखबार

भारतीय रिजर्व बैंक के इतिहास की बात

March 28, 2023 11:20 PM IST
आज का अखबार

ग्राहकों के साथ उचित व्यवहार करें बैंक

March 28, 2023 11:15 PM IST
अंतरराष्ट्रीय

विदेशी तेल कंपनियों को लाइसेंस देने के बावजूद श्रीलंका की मदद जारी रखेगा भारत

March 29, 2023 11:59 PM IST
अंतरराष्ट्रीय

क्रेडिट सुइस डील के साथ Ermotti की UBS में होगी वापसी, संभालेंगे CEO का पद

March 29, 2023 3:35 PM IST
आपका पैसा

इस साल सभी सेक्टर्स में एवरेज वेतन वृद्धि घटकर 9.1 प्रतिशत रहने का अनुमान

March 29, 2023 3:34 PM IST
अंतरराष्ट्रीय

Russia-Ukraine War: रूस की किसी भी तरह की जीत खतरनाक हो सकती है – जेलेंस्की

March 29, 2023 2:41 PM IST
अंतरराष्ट्रीय

ताइवानी राष्ट्रपति साई और यूएस हाउस स्पीकर की भेंट पर तिलमिलाया चीन, दी जवाबी कार्रवाई की धमकी

March 29, 2023 1:49 PM IST
अंतरराष्ट्रीय

World Bank ने रूरल वाटर सप्लाई प्रोग्राम के लिए कर्नाटक को 36.3 करोड़ अमेरिकी डॉलर की मंजूरी दी

March 29, 2023 1:26 PM IST

Trending Topics


  • Happy Ram Navami 2023
  • Stock Market Today
  • Karvy | SEBI
  • Karnataka Election Schedule 2023
  • COVID-19 Update
  • H-1B visa
  • Air India
  • Adani Group

सबकी नजर


AI वरदान या अभिशाप ! Elon Musk समेत इन टेक दिग्गजों में घबराहट, नए प्रोजेक्ट पर रोक लगाने की लगाई गुहार

March 30, 2023 7:01 PM IST

तीन-चार साल में 23 अरब डॉलर का कर्ज चुका देगा अदाणी समूह, जताई उम्मीद

March 30, 2023 6:52 PM IST

स्टेनलेस स्टील की बढ़ रही मांग, वित्त वर्ष-25 तक सालाना 9 फीसदी की दर से बढ़ोतरी का अनुमान

March 30, 2023 6:46 PM IST

छोटे शेयरों के लिए बुरा रहा 2022-23, बड़ी कंपनियों के मुकाबले हुआ ज्यादा नुकसान

March 30, 2023 6:30 PM IST

डायरेक्ट सेलिंग उद्योग की वृद्धि वित्त वर्ष-22 में 5.3 फीसदी घटी, महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा कारोबार

March 30, 2023 6:28 PM IST

Latest News


  • AI वरदान या अभिशाप ! Elon Musk समेत इन टेक दिग्गजों में घबराहट, नए प्रोजेक्ट पर रोक लगाने की लगाई गुहार
    by बीएस वेब टीम
    March 30, 2023
  • तीन-चार साल में 23 अरब डॉलर का कर्ज चुका देगा अदाणी समूह, जताई उम्मीद
    by भाषा
    March 30, 2023
  • स्टेनलेस स्टील की बढ़ रही मांग, वित्त वर्ष-25 तक सालाना 9 फीसदी की दर से बढ़ोतरी का अनुमान
    by भाषा
    March 30, 2023
  • छोटे शेयरों के लिए बुरा रहा 2022-23, बड़ी कंपनियों के मुकाबले हुआ ज्यादा नुकसान
    by भाषा
    March 30, 2023
  • डायरेक्ट सेलिंग उद्योग की वृद्धि वित्त वर्ष-22 में 5.3 फीसदी घटी, महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा कारोबार
    by भाषा
    March 30, 2023
  • चार्ट
  • आज का बाजार
57960.09 
IndicesLastChange Chg(%)
सेंसेक्स57960
3460.6%
निफ्टी57960
3460%
सीएनएक्स 50014346
1340.94%
रुपया-डॉलर82.23
--
सोना(रु./10ग्रा.)51317.00
0.00-
चांदी (रु./किग्रा.)66740.00
0.00-

  • BSE
  • NSE
CompanyLast (Rs)Gain %
Suzlon Energy7.9512.29
NBCC34.8411.92
Cochin Shipyard459.3010.36
Macrotech Devel.865.809.98
UCO Bank24.558.92
Adani Enterp.1741.658.75
आगे पढ़े  
CompanyLast (Rs)Gain %
NBCC35.2513.34
Suzlon Energy7.9512.77
Macrotech Devel.866.509.98
Cochin Shipyard459.009.95
UCO Bank24.558.87
Adani Enterp.1740.408.72
आगे पढ़े  

# TRENDING

Happy Ram Navami 2023Stock Market TodayKarvy | SEBIKarnataka Election Schedule 2023COVID-19 UpdateH-1B visaAir IndiaAdani Group
© Copyright 2023, All Rights Reserved
  • About Us
  • Authors
  • Partner with us
  • Jobs@BS
  • Advertise With Us
  • Terms & Conditions
  • Contact Us