अमेरिका के 44वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने वाले बराक हुसैन ओबामा पहले ऐसे अश्वेत अमेरिकी नागरिक हैं जिन्होंने व्हाइट हाउस पहुंच कर मार्टिन लूथर किंग के सपने को लोगों की उम्मीदों से पहले ही साकार कर दिया।
ओबामा ने अपने जीवन की शुरुआत अल्पकालिक सामुदायिक कामगार के रूप में की और वह देखते ही देखते दुनिया के सबसे शक्तिशाली पद पर आसीन हो गए।
फलक की ओर
भारत के साथ मजबूत संबंध बनाए रखने के पक्षधर 47 वर्षीय ओबामा ने हार्वर्ड विश्वविद्यालय से पढ़ाई की। पेशे से वकील ओबामा ने नागरिक अधिकारों के अश्वेत नेता मार्टिन लूथर किंग द्वारा अमेरिकियों से समानता का अधिकार अपनाने का आह्वान किए जाने के 45 वर्ष बाद इस शीर्ष पद को सुशोभित किया है।
ओमाबा के पिता केन्या के हैं जबकि उनकी मां श्वेत अमेरिकी हैं। उन्हें अपनी नस्ल और नाम के कारण राष्ट्रपति चयनित होने के बड़े काम को लेकर कोई शंका नहीं थी। यह बात उनकी इस टिप्पणी में झलकती है कि व्हाइट हाउस के लिए निर्वाचित होना एक ‘बड़ी छलांग’ होगा।
करिश्माई डेमोक्रेट नेता ओबामा ने 4 नवंबर को राष्ट्रपति का चुनाव जीता था। इससे पूर्व 21 माह तक चले लंबे प्रचार अभियान में उन्हें विख्यात डेमोक्रेट हिलेरी क्लिंटन और वियतनाम युध्द में भाग ले चुके रिपब्लिकन उम्मीदवार जॉन मैकेन से कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा।
ओबामा को पहली बार बड़ी चुनावी सफलता 1996 में मिली जबकि उन्होंने इलिनोई राज्य से सीनेट में प्रवेश किया। बाद में वह 2004 में भारी मतों से जीत कर संघीय सीनेट में आए।
कई लोगों का मानना है कि ओबामा के पास सामुदायिक कार्यों का जो अनुभव है, उससे उन्हें अमेरिकी राष्ट्रपति बनने में कोई मदद नहीं मिली ।
जबकि विश्लेषकों का मानना है कि इससे अश्वेत अमेरिकी नेता को अपने प्रचार के दौरान अपने मतदाताओं से सीधा संपर्क बनाने में मदद मिली।
ओबामा ने अपनी रैलियों में लाख या इससे अधिक लोगों की भीड़ जुटाकर अपनी क्षमता को साबित किया जबकि अमेरिका की राजनीति में प्राय: ऐसा देखने को नहीं मिलता।
उन्होंने व्हाइट हाउस पहुंचने की अपनी यात्रा में महात्मा गांधी की आत्मकथा ‘स्टोरी ऑफ माई एक्सपेरिमेंट्स विद ट्रुथ’, टेलर ब्रांच द्वारा लिखी गई मार्टिन लूथर किंग जूनियर की जीवनी और अपने राजनीतिक आदर्श अब्राहम लिंकन के लेखन को अपना प्रेरणास्रोत बनाया।
राष्ट्रपति का पहला भाषण
राष्ट्रपति चुनाव जीतने के कुछ ही समय बाद उन्होंने अपने गृह नगर शिकागो में एक बैठक को संबोधित किया। ओबामा ने कहा,’इसमें काफी लंबा समय लगा। लेकिन आज रात हमने इस दिन, इस चुनाव में और इस निर्णायक क्षण में जो किया उसके कारण अमेरिका में बदलाव आया है।’
विश्व के सबसे ताकतवर पद संभालने के बाद उनके पास दो अहम काम है। पहला, अमेरिका को कई दशकों के बाद आए वित्तीय संकट से उबारना और दूसरा, विदेश नीति के लिए नया मार्ग प्रशस्त करना ताकि पिछले आठ साल के शासन में जार्ज डब्ल्यू बुश की नुकसान पहुंचाने वाली नीतियों से खुद को अलग किया जा सके।
उन्होंने लोगों को आगे आने वाले कठोर दिनों के बारे में पहले से ही आगाह कर दिया है और त्याग के लिए तैयार रहने का अनुरोध किया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि ओबामा के अमेरिका के लोगों से फिलहाल जो अच्छे संबंध हैं, उससे उन्हें संकट से पार पाने तथा अमेरिकियों को मुस्कान के साथ अड़चनों का सामना करने के लिए प्रेरित करने में मदद मिलेगी।