अगर आप इंटरनेट का इस्तेमाल धड़ल्ले से करते हैं तो आपको थोड़ा सावधान होकर काम करना होगा।
अब इंटरनेट पर कई फर्जी विज्ञापन और ईमेल से आपका सामना हो सकता है जिसमें आपसे यह गुजारिश की जा सकती है कि आप किसी सोशल नेटवर्किंग में शामिल हो जाएं। जी हां, आपको इंटरनेट पर राइज, लिंकडिन, झूस, फ्रेन्डस्टर, बेबो और बिगअड्डा जैसी सोशल नेटवर्किंग साइट खूब मिलेंगी जो आपको अपने नेटवर्क में शामिल होने के लिए कहेंगी।
श्रुति सिंघल कई सोशल नेटवर्किंग साइट मसलन फेसबुक, माईस्पेस, ऑर्कुट और फ्रॉपर जैसी साइट की रजिस्टर्ड यूजर हैं। उन्हें यह बेहद आश्चर्य हुआ जब उन्हें क्लासमेट डॉट कॉम और झूस जैसी नेटवर्किंग साइट से मेल आने लगी जिसके जरिए यह संदेश दिया जाता था कि वह उनमें शामिल होकर अपने दोस्तों से भी संपर्क कर सकती हैं।
श्रुति का कहना है, ‘मैंने समझा कि यह कोई स्पैम मेल है क्योंकि मेरे दोस्तों ने मुझे कभी भी इस तरह की डेटिंग साइट के लिए आमंत्रित नहीं किया था।’ सिंघल इस तरह के फर्जी विज्ञापन की ही एक भुक्तभोगी हैं।
हाल ही में इसी तरह की सोशल नेटवर्किंग साइट क्लासमेट डॉट कॉम पर एक रजिस्टर्ड यूजर ने मुकदमा दायर कर दिया है। इसकी वजह यह थी कि यूजर को उस साइट ने मेंबरशिप अपग्रेड करने के लिए और अपने पुराने दोस्तों से संपर्क करने के लिए पैसे लेकर धोखा दिया।
कुछ साइट ऐसी हैं जैसे कि डेटिंग साइट, अगर आप उसके सदस्य बनने के लिए पैसे चुका देते हैं तो फिर आपके लिए और भी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। यानी आप जो काम मुफ्त में करते थे उसके लिए भी आपको पैसे चुकाने पड़ेंगे।
मिसाल के तौर पर अगर आप किसी प्रोफाइल को देखना चाहते हैं या फिर किसी दूसरे सदस्य के मैसेज को पढ़ना चाहते हैं तब यूजर को पहले गोल्ड मेंबरशिप पाने के बाद ही ऐसा करने की इजाजत मिलेगी। अगर आपको यह गोल्ड मेंबरशिप पाना है तो आपको पहले कुछ कीमत चुकानी होगी।
सदस्य बनने के बाद आपको ऐसी ही मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है। मुल्क की कई बड़ी सोशल नेटवर्किंग साइट इस बात से इनकार करती है कि इस तरह से पैसे बनाने के लिए इस तरह की मार्केटिंग की जा रही है।
बिगअड्डा के मुख्य तकनीकी अधिकारी निखिल सोमन का कहना है, ‘केवल रजिस्टर्ड यूजर ही अपने संपर्क के लोगों को बिगअड्डा में शामिल होने के लिए न्योता भेज सकते हैं। अगर आमंत्रित किए गए लोग अब तक इसमें शामिल नहीं हुए हैं तो फिर वही रजिस्टर्ड यूजर उनको याद दिलाने के लिए रिमाइंडर भेज सकते हैं। हमारे पास 30 लाख पंजीकृत ग्राहक हैं, इसी वजह से हमारा डाटाबेस भी बड़ा है लेकिन हम इसका कोई इस्तेमाल नहीं करते।’
बिगअड्डा रिलायंस के बिग इंटरटेनमेंट का ही एक हिस्सा है। इसके लक्षित यूजर वैसे लोग हैं जो गूगल जैसे सर्च इंजन का इस्तेमाल करते हैं। इनके लक्षित समूह में 18-34 साल के लोग शामिल हैं। बिगअड्डा समय-समय पर कई तरह की मार्केटिंग से जुड़ी गतिविधियां करती रहती है।
मसलन टेलीविजन पर विज्ञापन, प्रिंट विज्ञापन, आउटडोर विज्ञापन और जमीनी स्तर से जुड़े प्रचार-प्रसार के जरिए भावी यूजर को जोड़ने की कवायद की जाती है। देश में अब हर तरह की खास नेटवर्किंग साइट जैसे मूवी, म्यूजिक, आईटी और बिजनेस नेटवर्किंग साइट बनाई जा रही है।
इसी तरह की एक साइट है फ्रॉपर डॉट कॉम जो खुद को सोशल नेटवर्किंग साइट और डेटिंग साइट के तौर पर पेश करती है। इस साइट के बिजनेस प्रमुख नवीन मित्तल का कहना है, ‘क्लासमेट्स डॉट कॉम ने तो अपने यूजर को भ्रमित करने की अपनी सारी सीमाओं को पार कर दिया है।’
फ्रॉपर भी अपने यूजर से सदस्यता के लिए पैसे लेती है लेकिन उसका दावा है कि अगर किसी ग्राहक को किसी बात की असंतुष्टि होती है तो उनके पैसे वापस भी कर दिए जाते हैं। मित्तल का कहना है, ‘तीन महीने की सदस्यता के लिए 990 रुपये फीस के तौर पर लिए जाते हैं। इसके तहत उपभोक्ताओं को प्रीमियम सुविधाएं मसलन किसी से चैटिंग, ईमेल और एसएमएस भेजने की इजाजत भी मिलती है।’
इसी बीच बिगअड्डा रोजाना औसतन 12,000-15,000 यूजर को अपनी साइट से जोड़ रही है। उनकी कोशिश यह है कि मोबाइल उपभोक्ताओं को भी कुछ वैल्यू ऐडेड सेवाएं मुहैया कराई जाए। सोमन का कहना है, ‘कुछ समय बाद ही हमारे एक करोड़ उपभोक्ता होंगे। अब बिगअड्डा मोबाइल अड्डा के तौर पर मोबाइल फोन के लिए एक नए विकल्प के तौर पर मौजूद होगा।’
मजा भी है, सजा भी
मेंबरशिप अपग्रेड करने और पुराने दोस्तों से संपर्क कराने के लिए पैसे लेकर देते हैं धोखा
अतिरिक्त सुविधाओं के लिए गोल्ड मेंबरशिप के नाम पर वसूलते हैं पैसा
देश में बन रही है अब तरह की खास नेटवर्किंग साइट- जैसे मूवी, म्यूजिक, आईटी, बिजनेस
इंटरनेट पर राइज, लिंकडिन, झूस, फ्रे न्डस्टर, बेबो और बिग अड्डा जैसी सोशल नेटवर्किंग साइट देती हैं सदस्यता का आमंत्रण