हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि आर्थिक मंदी की आग में दुनियाभर के देश जल रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद भारत अभी भी इससे बहुत ज्यादा प्रभावित नहीं हुआ है।
यहां कि अर्थव्यवस्था स्थायी बनी हुई है। इससे स्पष्ट है कि भारत की जो आर्थिक नीतियां हैं, वह बेहद मजबूत है। इसमें कोई शक नहीं कि हमारी पुरानी आर्थिक नीतियां आज की आधार बनी हुई हैं।
जब अमेरिका में तमाम बड़े बैंक धराशायी होने लगे, तो वहां की सरकार ने बैंकों को बचाने और सुरक्षा प्रदान करने के लिए राष्ट्रीयकृत करने का मन बनाया है। तो सवाल यह उठता है कि जब अमेरिका ही भारत की राह पर चलते हुए अपनी आर्थिक नीतियों में बदलाव ला रहा है, तो भारत को उनकी आर्थिक नीतियों को अपनाने का सवाल कहां पैदा होता है।
यही नहीं, उनकी नीतियों से भी भारत को कोई खास फर्क नहीं पड़ने वाला है। एक बात यह भी कि अमेरिका का बाजार तो भारत ही है, तो ऐसे में भला वे भारत विरोधी नीतियां बनाकर स्थायी कैसे रह सकते हैं। भारत सभी देशों का एक बड़ा बाजार है। जहां तक ओबामा का सवाल है, तो मेरे विचार से वे भारत के लिए बुश से सही साबित होंगे।
बातचीत : पवन सिन्हा