हमारे आयात के लिए विक्रेता ने बिल ऑफ लैडिंग के एवज में 40 फीसदी अग्रिम भुगतान और 60 फीसदी बैलेंस की मांग की है।
हमें यह समझ में नहीं आ रहा है कि क्या हम भुगतान की इस शर्त को स्वीकार कर सकते हैं या नहीं। कृपया हमें यह बताएं कि क्या इस भुगतान को लेकर किसी तरह की बंदिश है और हमें कौन सी सावधानियां बरतनी चाहिए?
आमतौर पर शिपिंग दस्तावेज के एवज में बैंक आपकी ओर से भुगतान कर सकते हैं। पर अगर आप 1 लाख डॉलर तक का अग्रिम भुगतान करना चाहते हैं तो बैंक से आपको इसकी सुविधा भी मिल सकती है।
इसके लिए आपको विक्रेता से कुछ ऐसा हासिल करना होगा जिसे आप बैंकों के पास गारंटी के तौर पर रख सकें। पर विशेष स्थितियों में अगर बैंक आपके पुराने रिकार्ड से खुश है तो बिना किसी गारंटी के भी 10 लाख डॉलर तक का अग्रिम भुगतान बैंक आपकी ओर से करने को तैयार होगा। हालांकि, सार्वजनिक क्षेत्र और सरकारी विभागों की ओर से कच्चे हीरे और एविएशन संबंधित आयात के लिए प्रावधान कुछ अलग हैं।
इसकी अधिक जानकारी आप रिजर्व बैंक के मास्टर सर्कुलर नंबर 82007-08, दिनांक 2 जुलाई, 2007 से ले सकते हैं। हालांकि भुगतान सीधे सप्लायर को किया जाना होता है। भारत में भौतिक वस्तुओं का आयात छह महीने के अंदर किया जाना चाहिए और यह अवधि खत्म होने के 15 दिनों के भीतर संबंधित दस्तावेज बैंक को सौंप दिए जाने चाहिए। जहां तक सावधानी की बात है तो जो सावधानी आप किसी को भी अग्रिम भुगतान के दौरान बरतते हैं वह यहां भी लागू होती है।