बराक ओबामा की पहली प्राथमिकता अमेरिकी अर्थव्यवस्था को मजबूत करना, अमेरिका में रोजगार के ज्यादा से ज्यादा अवसर पैदा करना और बेहतर वित्तीय अनुशासन को बरकरार रखना है। इस लिहाज से आउटसोर्सिंग इन सारे लक्ष्यों को प्राप्त करने का एक अच्छा जरिया है।
इसके जरिये उत्पादों और नई सेवाओं का सृजन किया जाता है और ग्राहकों के लिए एक प्रतिस्पर्द्धी माहौल तैयार किया जाता है, ताकि ज्यादा से ज्यादा विदेशी निवेश संभव हो सके। इसलिए इस तरह के माहौल में अगर कोई यह सोच रहा है कि अमेरिका वैश्वीकरण के सिद्धांतों को ताक पर रख देगा, तो यह थोड़ा अटपटा है।
वैसे भी बराक काफी प्रगतिशील और परिवर्तनकारी सोच के हैं और वे हर अच्छी व्यवस्था को बरकरार रखने की पूरी कोशिश करेंगे। हालांकि बराक ओबामा ने बीपीओ से जुड़े कुछ अहम मुद्दों को जरूर उठाया था, लेकिन जहां तक मेरा मानना है, वे वैश्विक अर्थव्यवस्था की मांग को पूरा करेंगे और व्यापार संतुलन की स्थिति को बरकरार रखेंगे। जब वे काम शुरू करेंगे, तो उन्हें यह एहसास हो जाएगा कि आउटसोर्सिंग निहायत जरूरी है।
बातचीत : कुमार नरोत्तम