पहले बियर स्टर्न्स, फ्रेडी और फैनी, अब मेरिल लिंच और लीमन ब्रदर्स और शायद उसके बाद अमेरिका की बीमा क्षेत्र की बड़ी कंपनी एआईजी जल्द ही इन नामों में जुड़ जाए।
अमेरिकी वित्त बाजार इस समय बहुत बुरे दौर से गुजर रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति के लोग स्थिति को संभालने की कोशिश कर रहे हैं। कई मर्तबा शेख के लोग भी इस बुरे दौर में बचाव के लिए आगे आए हैं। आखिर इस बात का अनुमान किसने लगाया था कि जार्ज बुश के कंजरवेटिव शासन के कार्यकाल के अंतिम दौर में अमेरिकी वित्तीय पूंजीवाद की ऐसी हालत होगी?
यह विपदा, सही कहें तो यह विपदा अवश्यंभावी नहीं थी। ऐसा नहीं था कि इस वित्तीय गिरावट ने अंधेरे में दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया। यह गिरावट ऐसी थी कि इसकी भविष्यवाणी की जा सकती थी और की भी गई थी।
बहुत लोगों ने इसकी भविष्यवाणी की थी- उनमें से ही एक येल विश्वविद्यालय के रॉबर्ट शिलर भी थे। उनके ‘बिवेयर द बबल इन द हाउसिंग मार्केट’ में इस हमले का संकेत मिलता है। पहले हमले की चेतावनी, जो उन्होंने दी थी उसका असर स्टॉक मार्केट की तेजी पर पड़ा और 2000 में साफ्टवेयर और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र का बुलबुला फूटा।
लेकिन रौद्र भविष्यवाणी के त्रुटिहीन आंकड़े, शिलर की उपलब्धियों की तुलना में कम हैं। शेलर ने अन्य विश्लेषणों में हाउसिंग में तेजी के बुलबुले और उसके उपचारों का भी विश्लेषण किया है। यही प्रमुख बात है जो उनकी नई और उम्दा पुस्तक ‘द सबप्राइम सॉल्यूशन: हाऊ टुडेज ग्लोबल फाइनैंशियल क्राइसिस हैप्पंड ऐंड ह्वाट टु डू एबाउट इट’ में आई है।
मकान की कीमतों पर आखिर जोरदार मार क्यों पड़ी? इसके बारे में दिया जा रहा स्पष्टीकरण और इसके लिए दोषी लोगों के बारे में कहे जाने के बारे बहुत कुछ कहा गया और इसके बारे में सभी लोग जानते हैं। आक्रामक रूप से और कभी कभी मूर्खतापूर्ण ढंग से कर्ज लेने वालों ने मॉर्गेज लोन को बहुत ही दुखद बना दिया और सबप्राइम कर्ज लेने वाले लोगों की संख्या बढ़ा दी।
जब रियल एस्टेट के आधार पर दिए जाने वाले कर्ज के बारे में आकलन किया गया और उसे सिक्योरिटी के तौर पर निवेशकों को बेचा गया तो रेटिंग एजेंसियों ने लापरवाहीपूर्वक उसकी ग्रेडिंग की और उन्हें उच्च गुणवत्ता वाला बताया। नियामकों ने इस बात की अनदेखी की।
उधारी और फिर से उधारी की इस प्रवृत्ति को ज्यादा प्रोत्साहित किया गया और सस्ते दरों पर पैसा उपलब्ध कराया गया, जो बाद में चलकर दुखदायी हो गया और अमेरिकियों ने इसे एक सिरे से खारिज कर दिया कि एक दूसरे को मकान बेचकर संपत्ति नहीं इकट्ठा की जा सकती है। यह प्रक्रिया होम टाउनशिप विकसित करने के लिए शुरू की गई थी, खासकर कम आय वाले लोगों के बीच।
यह प्रचारित किया गया कि नई सदी में जीवन, स्वतंत्रता और उनमें आने वाली खुशियों को न केवल एसयूपी की जरूरत होती है, बल्कि मकान की भी भूमिका होती है। शिलर के योगदान में यहां इन सभी तथ्यों पर विचार किया गया है, जो महत्वपूर्ण हैं, लेकिन केवल यही पर्याप्त नहीं है।
उनके मुताबिक इसकी प्रमुख वजह यह है कि एक मनोवैज्ञानिक बुलबुला तैयार किया गया, जिसमें यह विश्वास दिलाया गया कि मकान की कीमतें केवल एक दिशा में चलती हैं। एक ऐसा विश्वास बनाया गया कि आने वाले कुछ वर्षों में मकानों की कीमतें बढ़ती ही रहेंगी। यह विश्लेषण अपनी ओर क्यों खींचता है?
क्योंकि जो भी रणनीति तैयार की गई, मकानों के मूल्यांकन में सुस्ती, नियामकों की अनदेखी, संदिग्ध रेटिंग के आधार पर हुई। यह इसलिए चली क्योंकि शिलर के मुताबिक इस तरह का सामाजिक संक्रमण फैलाया गया कि मकानों की कीमतें कभी नहीं गिरेंगी।
शिलर ने उन मूल सिध्दांतों पर प्रकाश डाला है जो सृजनात्मक और वास्तविक निदान है। विभिन्न तरह के संदिग्धों और अनुमानित कारणों की पहचान करें, जिसके बारे में मुख्यधारा के विश्लेषकों ने देखा है। उसके बाद बेहतर नियामक के माध्यम से इसका व्यापक उपचार किया जाना चाहिए।
इस बात को दरकिनार कर दिया जाना चाहिए कि इसे व्यवहार में कैसे लाया जाएगा, इतिहास बताता है कि ट्युलिप, आर्ट, स्टॉक या जमीन के मामले में काल्पनिक उछाल के बुलबुले को दबाने के लिए बनाए गए नियामक या नियम अकेले असफल साबित होते हैं। दुख की बात है कि इस तरह के बुलबुले, निर्माताओं के लालच से प्रेरित लेख, लालच, खंडन और आत्मतुष्टि से बनते हैं।
शिलर ने बहुत ही धारदार ढंग से लिखा है कि वित्तीय लोकतंत्र को बढ़ावा देते हुए सभी वित्तीय उपभोक्ताओं को ताकतवर और शिक्षित बनाना चाहिए जिससे वे ठोस वित्तीय फैसले ले सकें, जिससे वे सहज स्थिति में बने रहें। इससे वित्तीय तंत्र मजबूत होगा और बुलबुले के मनोविज्ञान को रोका जा सकता है।
शिलर के लिए यह समाधान बाजार और नियमों के लिए चयन का मामला नहीं है बल्कि वित्त की असली ताकत है। इससे भेद्यता कम होती है। इससे न केवल नियामक या बाजार के स्तर पर विश्वास जगेगा बल्कि इससे ग्राहकों का वित्तीय ज्ञान भी बढ़ेगा। इसके अलावा भी कुछ सुधारात्मक कदम हैं जो जरूरी हैं।
इसमें कम दरों पर ग्राहकों को वित्तीय सलाह देना और वित्तीय उत्पाद सुरक्षा आयोग बनाना शामिल है, जो वित्तीय उत्पादों की गुणवत्ता पर नजर रखे और ग्राहकों को सुरक्षा प्रदान करे। खासकर दो प्रस्ताव विशेष आकर्षक हैं। व्यावहारिक वित्त में अंदर से उधारी के बारे में शिलर सलाह देते हैं कि मार्गेज के लिए कुछ नियत डिफॉल्ट आप्शन होने चाहिए।
यह सामान्य होना चाहिए जिससे ग्राहकों को बुरे चयन जैसे अधिक ब्याज दरों से सुरक्षा मिल सके और जीरो इंट्रेस्ट फाइनैंसिंग और अन्य आकर्षक वित्तीय समझौतों की जटिलता से निकाल सके। इसके अलावा एक सुझाव यह भी है कि बास्केट जैसी लोकप्रिय इकाइयों का गठन किया जाना चाहिए, जिससे महंगाई की स्थिति में ग्राहक अपनी सुविधा के मुताबिक परिवर्तन कर सकें।
इसके अलावा भी अन्य सुधारात्मक विचार हैं जिसमंज होम इक्विटी इश्योरेंस और घाटे की स्थिति के लिए बीमा जैसे क्षेत्रों के लिए नए वित्तीय बाजार तैयार करना शामिल है। शिलर यह मानते हुए प्रतीत होते हैं कि वित्त एक समस्या है, लेकिन ज्यादा सुधारात्मक वित्त और बेहतर संस्थागत वित्त निश्चित रूप से इसे आगे का रास्ता दिखाते हैं।