कोलकाता की एक महिला को सुनहरे कल के सपने दिखा कर अमेरिका ले जाया गया। लेकिन वहां उसकी मुलाकात हुई एक बुरे सपने के साथ।
उसे एक घर में नौकरानी बना दिया गया, जहां वेतन के नाम पर उसे दिया जाता है केवल एक वक्त का खाना। यह बुरी गत केवल वहां नौकरानी का काम करने वाली औरतों की ही नहीं है। पश्चिम बंगाल से अपने पति के साथ गई एक औरत को तो उसका पति पोर्न फिल्में देखने के लिए मजबूर करता है।
महिलाओं को परदेस में जुल्मों से बचाने के लिए कोलकाता की एक एनजीओ, ‘अपने आप वुमेन वर्ल्डवाइड’ ने शहर में स्थित अमेरिकी महावाणिज्य दूतावास के साथ गठजोड़ किया है।
‘अपने आप वुमेन वर्ल्डवाइड’ की स्थापना 2002 में मुंबई के एक रेड लाइट एरिया में हुई थी। आज इसका दायरा महाराष्ट्र, दिल्ली, बिहार और पश्चिम बंगाल में करीब 4800 महिलाओं, लड़कियों और बच्चों के बीच फैल चुका है। उसने मानव तस्करी को रोकने के लिए रेड लाइट इलाकों और झुग्गी-झोपड़ियों में अपने पांच यूनिट बनाए हैं। यह एनजीओ इस बारे में जागरुकता फैलाने के लिए जल्दी ही एक कैंपेन चलाने वाली है।
अमेरिका का महावाणिज्य दूतावास मानव तस्करी रोकने में इस संस्था का हाथ बंटाएगी। साथ ही, वह इसे जरूरत पड़ने पर वित्तीय सहायता भी देगी। दूतावास में कॉन्स्युलर सेवाओं के प्रमुख डेबरोह मिलर का कहना है कि, ‘इंसानों की तस्करी आज हमारे सामने एक बड़ी प्रोब्लम है। अमेरिका जाने वाले कुछ लोग र्दुव्यवहार के शिकार हो जाते हैं।
इस कैंपेन से कोलकाता और यहां से बाहर रहने वाली महिलाओं को कम से कम यह तो पता चल जाएगा कि उन्हें सहायता के लिए किससे संपर्क करना है। अगर किसी महिला के साथी पर यौन र्दुव्यवहार, घरेलू हिंसा और गुलामी कराने का आरोप लगाया जाता है, तो उस आदमी को कभी अमेरिका का वीजा नहीं दिया जाएगा।’