देश के सबसे बड़े म्युचुअल फंड (एमएफ) वितरक एनजे इंडिया ने अब परिसंपत्ति प्रबंधन के क्षेत्र में भी कदम रख दिया है। वह अक्टूबर में अपनी पहली योजना पेश करने वाली है। भावी योजनाओं के बारे में एनजे एएमसी के मुख्य कार्याधिकारी राजीव शास्त्री से चिराग मडिया ने बात की। पेश हैं संपादित अंश:
एनजे म्युचुअल फंड जल्द ही अपनी पहली योजना शुरू करने वाली है। यह किस तरह की होगी?
हमारी पहली योजना एनजे बैलेंस्ड एडवांटेज फंड होगी। हम नियम-आधारित सक्रिय निवेश नजरिया रखते हैं। यह निष्क्रिय निवेश के साथ-साथ परंपरागत विवेकाधीन सक्रिय निवेश से भी काफी अलग है। हम शेयरों, बाजारों एवं अर्थव्यवस्था के लिए स्थापित संकेतकों एवं लक्षणों की पहचान करते हैं जो निवेश प्रदर्शन को सकारात्मक रूप से प्रभावित करें। मसलन, स्टॉक के चयन में हम गुणवत्ता, मूल्य, निम्न उठापटक और मोमेंटम पर ध्यान देते हैं। हमने स्टॉक में इन लक्षणों की पहचान के लिए कई नियम बनाए हैं। हम अपने नियमों के आधार पर स्टॉक चुनेंगे और उसी के हिसाब से उन्हें भारांक दिया जाएगा।
लागत के संदर्भ में यह पेशकश किस तरह की होगी?
नियम-आधारित सक्रिय फंड को निष्क्रिय फंड नहीं माना जाता है। निष्क्रिय फंड किसी प्रयास या विशेषज्ञता के बगैर एक बाहरी बेंचमार्क को दर्शाता है और यह स्वाभाविक है कि उनका खर्च अनुपात प्रयास एवं विशेषज्ञता की गैरमौजूदगी को दर्शाए। नियम-आधारित सक्रिय एमएफ उत्पाद में डेटा के विश्लेषण, नियम चिह्नित करने और उनके प्रदर्शन को जांचने में खासी मेहनत लगती है। इसके अलावा उन्हें लगातार बेहतर करने में भी बहुत कोशिश करनी पड़ती है। लेकिन हमारा खर्च अनुपात परंपरागत विवेकाधीन सक्रिय फंड से कम ही रहेगा।
एनजे फिलहाल देश का सबसे बड़ा एमएफ वितरक है। क्या परिसंपत्ति प्रबंधन में कदम रखने से हितों का कोई टकराव होगा?
फंडों की हमारी स्थिति दूसरे फंड हाउस से एकदम अलग है। हमें परंपरागत विवेकाधीन इक्विटी बाजार का हिस्सा बनने की कोई वजह नहीं नजर आती है। हमारी मौजूदा स्थिति सुनिश्चित करती है कि एनजे ग्रुप की एमएफ वितरक और परिसंपत्ति प्रबंधन में हितों का कोई टकराव न हो। हम पूरक उत्पाद पेश कर रहे हैं, न कि एक दूसरे के प्रतिस्पर्धी।
क्या आपका ध्यान इक्विटी पर ही बना रहेगा या फिर आप डेट एवं विदेशी फंडों का भी रुख करेंगे?
हम निश्चित रूप से डेट एवं अंतरराष्ट्रीय फंड भी लाना चाहेंगे लेकिन यह इस पर निर्भर करता है कि हमारे बाजार किस तरह परिपक्व होते हैं। अगर हमें पर्याप्त कारण न दिखे तो हम केवल ऐसे उत्पाद पेश करने के लिए ऐसा नहीं करने जा रहे हैं। वैसे हम आगे चलकर एक इक्विटी-लिंक्ड बचत योजना (ईएलएसएस) और अंतरराष्ट्रीय फंड पेश करने के बारे में सोच सकते हैं।
फिलहाल 80 फीसदी बाजार शीर्ष 10 एएमसी के पास ही है। आप जैसी नई कंपनी के लिए यह कितना चुनौतीपूर्ण है?
यह सच है कि बड़े फंड हाउस के पास बाजार का बड़ा हिस्सा है। लेकिन यह भी सही है कि शीर्ष 5 एवं शीर्ष 10 कंपनियों का संयोजन बदलता रहता है। शीर्ष 10 की सूची में तीन नई कंपनियां भी शामिल हैं। इसलिए मैं इसे लेकर ज्यादा फिक्रमंद नहीं हूं। अगर हम निवेशकों की अच्छी सेवा दे पाते हैं तो इस समूह का हिस्सा नहीं बन पाने का कोई कारण मुझे नहीं नजर आता है।