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बाजार को हमेशा नए उत्पाद देने की कोशिश करते हैं हम

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 08, 2022 | 8:48 AM IST

आईडीबीआई फोर्टिस लाइफ इंश्योरेंस ने वर्ष 2008 में बीमा कारोबार में कदम रखा है।


आईडीबीआई फोर्टिस लाइफ इंश्यारेंस आईडीबीआई बैंक, फेडरल बैंक ओर यूरोप की बैंकिंग एवं बीमा कंपनी फोर्टिस के बीच  संयुक्त उपक्रम है।

बीमा कारोबार में उतरी इस कंपनी को कुछ ही दिन हुए हैं लेकिन अपनी विकास संभावनाओं को लेकर यह काफी उत्साहित है।

शिल्पी सिन्हा से  कंपनी के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी नागेश्वर राव ने मंदी के इस दौर में कंपनी की रणनीति ?और इनसे जुड़े अन्य मुद्दों और कंपनी के सामने चुनौतियों पर विस्तार से बातचीत की । पेश हैं मुख्य अंश:

बीमा कारोबार में कई दिग्गज पहले से ही हैं। इनको देखते हुए आपकी मौजूदा रणनीति क्या है?

बीमा कारोबार में कदम रखनेवाले हम 18 वीं कंपनी हैं। इस लिहाज से हमने कुछ नए उत्पादों को बाजार में उतारने की चेष्टा की जो ग्राहकों की विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुरूप हो।

एक कहावत है कि अगर आप किसी उत्पाद को बाजार में सबसे पहले नहीं उतार पाए हैं तो फिर इसे उस तरह से डिजाइन कि आप नंबर एक बन सके।

उत्पादों में अंतर हमेशा से रहा है। मिसाल के तौर पर जिस तरह से मार्लबोरो ने मैस्कुलिन सिगरेट को बाजार में उतारा, उसी तर्ज पर बाजार में विभिन्न तरह के उत्पादों को हमने लाने की कोशिश की है। हमने जिन उत्पादों को फिर से डिजाइन किया है उसमें स्वास्थ्य बीमा से जुड़े उत्पाद हैं।

क्या जीवन बीमा पॉलिसी के प्रीमियम की दरों में बढोतरी हो रही है?

हाल में ही मुंबई में हुए आतंकी हमलों के कारण प्रीमियम की दरों में बढाेतरी नहीं होगी। हमारे पास पहले से ही आतंकवादी हमलों के कारण हुए मौत को लेकर बीमा सुरक्षा है, इसीलिए हम इस क्षेत्र में और किसी उत्पाद की शुरुआत नहीं करने जा रहे हैं।

भारतीय बाजारों में मंद कारोबार को देखते हुए फोर्टिस, बीमा विधेयक पास हो जाने के बाद अपनी हिस्सेदारी को बढ़ाकर 49 फीसदी तक करेगी?

यह प्रश्न पूर्वानोमानों पर आधारित है। इन सवालोंका जबाव देना अभी किसी भी लिहाज से ठीक नहीं माना जा सकता है।
जब इस तरह की कोई बात सामने आएगी तो इस पर गंभीरता से विचार किया जाएगा।

हम इन मुद्दों पर तभी बात कर सकते हैं जबकि इस तरह की बातें सामनें आएंगी। अभी तक फोर्टिस के अंतरराष्ट्रीय कारोबार का असर हमारे संयुक्त उपक्रम पर नहीं पडा है।

आपके कारोबार में यूलिप का कितना योगदान होता है?

हमारे कारोबार में यूलिप्स का योगदान 09 फीसदी का है। अभी तक हमने 200 करोड़ रुपये का प्रीमियम जुटाएं हैं।

हमारे द्वारा बेची गई 50,000 पॉलिसियों में 95 फीसदी वेल्थ एश्यारेंस उत्पाद हैं। अभी तक हमने 15,000 करोड रुपये से ज्यादा का बीमा किया है।

हमने पाया है कि हमारे ग्राहकों में से करीब 60 फीसदी फिक्स्ड-एश्योर्ड प्रोडक्ट रिटर्न का चयन करते हैं जबकि 40 फीसदी इक्विटी रिटर्न को ज्यादा अहमियत देते हैं।

मौजूदा वित्त वर्ष केलिए कितने प्रीमियम का लक्ष्य रखा गया है?

इस बारे में हम फिलहाल कोई आंकड़े बताने केपक्ष में नही हैं क्योंकि इससे पहले हमने अपने अनुमानित आंकड़ों से अधिक का कारोबार किया है।

एक महीनों से कम की अवधि में हम एक नया उत्पाद बाजार में उतारने जा रहे हैं जो यूलिप्स और परंपरागत उत्पादों का अनोखा सम्मिश्रण होगा।इसके अलावा हमारी दो या तीन और उत्पादों को बाजार में उतारने की योजना है।

बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण विलय और अधिग्रहण को लेकर कुछ नए दिशानिर्देश तय करने पर काम कर रहे हैं। बीमा कंपनियों की इस पर क्या प्रतिक्रिया होगी?

नए दिशानिर्देशों को लेकर सक्रिय होने और इस पर अपनी प्रतिक्रिया देने में कुछ समय लगेगा। फिलहाल बाजार में 21 बीमा कंपनियां हैं जिनमें कई ने अभी अपना कारोबार शुरू किया है।

First Published : December 12, 2008 | 9:39 PM IST