भारत की सबसे पुरानी म्युचुअल फंड- यूटीआई एसेट मैनेजमेंट कंपनी अपनी 26 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के लिए रणनीतिक साझेदारों की तलाश कर रही है।
सूत्रों का कहना है कि कंपनी इसके लिए तीन प्रमुख म्युचुअल फंड कंपनियों से बात कर रही है। इनमें अमेरिकी कंपनी टी रो प्राइस और वेनगार्ड म्युचुअल फंड शामिल हैं। हालांकि हिस्सेदारी बेचने की बात अभी शुरुआती चरण में है।
जानकारों का कहना है कि टी रो प्राइस हिस्सेदारी खरीदने की दौड़ में सबसे आगे है। यूटीआई की 26 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के लिए कंपनी को करीब 1,500 से 1,800 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे।
प्रस्तवित सौदे के तहत यूटीआई एएमसी कोई नया शेयर जारी नहीं करेगी। यूटीआई म्युचुअल फंड के चारों प्रवर्तकों- भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और भारतीय जीवन बीमा निगम भी अपनी हिस्सेदारी बेच सकती है। उल्लेखनीय है कि इन सरकारी वित्तीय संस्थानों के पास कंपनी की 25-25 फीसदी हिस्सेदारी है।
हिस्सेदारी बेचने की बात पूछने पर यूटीआई एएमसी के अधिकारी ने कुछ भी कहने से मना कर दिया। सूत्रों के मुताबिक, यूटीआई हिस्सेदारी बेचने के लिए तीन कंपनियों से बात कर रही है, लेकिन अभी तक किसी के साथ सौदा पक्का नहीं हुआ है।
वर्ष 2007 में एटॉन पार्क ने रिलायंस म्युचुअल फंड में 5 फीसदी हिस्सेदारी करीब 500 करोड़ रुपये में खरीदी थी। उस समय रिलायंस म्युचुअल फंड के कारोबार का मूल्य करीब 10,000 करोड़ रुपये था। मौजूदा समय में यूटीआई म्युचुअल फंड की कुल एसेट मैनेजमेट में 15 फीसदी हिस्सेदारी है।
मौजूदा समय में कुल फंड हाउसों की कीमतों में गिरावट आई है। नवंबर 2008 तक यूटीआई म्युचुअल फंड की कुल परिसंपत्ति 38,000 करोड़ रुपये थी, जबकि दिसंबर 2007 में इसकी कीमत करीब 56,854 करोड़ रुपये थी।
सूत्रों का कहना है कि यूटीआई म्युचुअल फंड मौजूदा समय में काफी मुनाफे वाली कंपनी है। मार्च 2008 में यूटीआई एएमसी को करीब 150 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ था।
यूटीआई की कुल परिसंपत्ति
38,358.12 करोड़ रुपये
इक्विटी फंड (ओपन एंडेड)
24
डेट फंड (ओपन एंडेड)
33
अल्पकालिक डेट फंड
8
हाइब्रिड फंड
9
क्लोज एंडेड फंड
77
(स्रोत : वैल्यू रिसर्च)