नैशनल स्टॉक एक्सचेंज पर ब्लू चिप कंपनियों के वायदा अनुबंध की कीमतों में मंगलवार को असामान्य उछाल दर्ज की गई। एनएसई के आंकड़ों के मुताबिक, एचडीएफसी, भारती एयरटेल, एचडीएफसी बैंक, टीसीएस और रिलायंस इंडस्ट्रीज के वायदा अनुबंध की कीमतें कारोबार की शुरुआत में 10-10 फीसदी तक चढ़ गईं। ये उछाल सितंबर में एक्सपायर होने वाले अनुबंधों और अक्टूबर सीरीज के अनुबंधों में देखी गई। एचडीएफसी और एचडीएफसी बैक के मामले में तो नवंबर के अनुबंध पर भी असर दिखा।
उदाहरण के लिए एचडीएफसी के वायदा अनुबंध की कीमत बढ़कर 3,135 रुपये पर पहुंच गई जबकि हाजिर बाजार में कीमतें करीब 2,850 रुपये के स्तर पर थी। इसी तरह आरआईएल के अनुबंध का भाव 2,616 रुपये पर पहुंच गया जबकि हाजिर बाजार में कीमतें करीब 2,370 रुपये थी। नकदी बाजार में पांचों शेयरों की कीमतें फ्रीक ट्रेड के कारण प्रभावित नहीं हुई।
एनएसई ने एक ट्वीट में कहा, कुछ असामान्य कारोबार आज देखे गए, जिसे एक ट्रेडिंग मेंबर ने अंजाम दिया था। एक्सचेंज की नियामकीय टीम ने इसकी जांच की है। ये ट्रेड एक्सचेंज की अनुमति वाले ऑपरेटिंग रेंज में हुए। बाजार के विशेषज्ञों ने ऐसे असामान्य ट्रेड के लिए कम नकदी को जिम्मेदार ठहराया, जिसकी वजह उच्च मार्जिन के नए नियम थी।
एडलवाइस ऑल्टरनेटिव रिसर्च के सहायक उपाध्यक्ष अभिलाष पगारिया ने कहा, इस महीने से बाजार 100 फीसदी पीक मार्जिन की ओर बढ़ चला है। इसके परिणामस्वरूप ट्रेड की शुरुआत के समय सिस्टम में काफी ज्यादा लंबित ऑर्डर नहीं थे। कीमत बिगाडऩे वाले लार्ज बास्केट ट्रेड का जोखिम बढ़ गया है क्योंकि शुरुआती दौर में नकदी कम होती है।
मार्जिन के नए नियमों ने इंट्रा डे ट्रेडरों के लिए पूंजी की जरूरत बढ़ा दी है। विशेषज्ञों ने कहा, इसने सिस्टम में कुल मिलाकर लिवरेज घटा दिया है। साथ ही ब्रोकरेज फर्मों को इक्विटी व डेरिवेटिव ट्रेडिंग के लिए अतिरिक्त इंट्रा डे लिवरेज मुहैया कराने से रोक दिया गया है। इसके परिणास्वरूप इंट्रा डे ट्रेड के लिए न्यूनतम मार्जिन अपनी जेब से देना होता है।
पगारिया ने कहा, कई गैर-संस्थागत ट्रेडर ऑप्शन सेगमेंट की ओर बढ़ गए हैं क्योंकि फ्यूचर सेगमेंट में लॉट साइज बढ़ गया है। इससे फ्यूचर सेगमेंट में नकदी कम हो गई है। मुझे लगता है कि बाजार नई व्यवस्था का अभ्यस्त हो जाएगा और फ्रीक ट्रेड घट जाएगा। हाल के दिनों व हफ्तों में कई ट्रेडरों ने ऑप्शन सेगमेंट में असामान्य कीमत बढ़ोतरी की शिकायत की थी।