पिछले छह महीनों में अल्ट्राटेक के शेयरों में लगभग 60 प्रतिशत की तेजी देखी गई जबकि बाजार का अनुमान था कि आर्थिक मंदी के इस दौर में सीमेंट कंपनियों के शेयरों का प्रदर्शन बुरा रहेगा।
अभी भी उद्योग पर निगाह रखने वालों का मानना है कि अगले छह से आठ महीनों में सीमेंट की आपूर्ति मांग से कहीं अधिक होगी जिससे कीमतों पर दबाव बना रह सकता है। हालांकि, अभी तक कीमतों से किसी तरह का समझौता नहीं किया गया है, इसके ठीक विपरीत कुछ खास क्षेत्रों में कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। कारोबार भी बेहतर ही रहा है।
अल्ट्राटेक के मार्च 2009 की तिमाही के आंकड़ों से यह स्पष्ट होता है कि इसका प्रदर्शन उम्दा रहा है। सालाना आधार पर इसके शुध्द लाभ में 9.4 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई और कोयले की कीमत कम होने से कारोबार में दहाई अंकों में बढ़ोतरी हुई। वर्तमान वर्ष में विश्लेषकों का अनुमान है कि अल्ट्राटेक को लगभग 7,000 करोड रुपये का लाभ होगा।
यह बढ़ोतरी 10 प्रतिशत से थोड़ा कम है। हालांकि, शुध्द लाभ 1,100 करोड रुपये के दायरे में रहने का अनुमान है, पिछले साल की तुलना में यह लगभग 12 प्रतिशत अधिक है। ऐसा इसलिए क्योंकि, ईबीआईटीडीए मार्जिन पिछले साल के 26.7 फीसदी की तुलना में एक प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है।
कोयले की औसत कीमत मार्च 2009 की कीमतों की तुलना में पहले ही कम हो गई हैं और 85 डॉलर प्रति टन के स्तर पर आ गई हैं। इससे लागत में महत्वपूर्ण रूप से कमी आनी चाहिए। इसलिए, अगर बिक्री में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं भी होती है तो कंपनी का मार्जिन सुरक्षित रहना चाहिए।
567 रुपये पर इसके शेयरों का कारोबार साल 2009-10 की अनुमानित आय के छह गुना पर किया जा रहा है जो खर्चीला नहीं है। हालांकि, माहौल चुनौतीपूर्ण बने रहने का अनुमान है। मेरिल लिंच के अनुसार अधिक आपूर्ति का जोखिम यहां अधिक है।
साल 2008-09 में सीमेंट की लदाई में 8.3 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी। यह संकेत देता है कि एक तरफ जहां रियल एस्टेट क्षेत्र सीमेंट का अधिक इस्तेमाल नहीं कर रहा, लकिन निस्संदेह देश में निर्माण का काम जारी है। वर्तमान वर्ष में सीमेंट की मांग मात्र 7 फीसदी बढ़ने की उम्मीद है।
जी एंटरटेनमेंट: प्रदर्शन रहा निराशाजनक
विज्ञापन से होने वाली आय 7 फीसदी घट जाने से मार्च 2009 की तिमाही में जी एंटरटेनमेंट के आंकड़े निराशाजनक रहे। यद्यपि, सब्सक्रिप्शन बिक्री में इजाफा हुआ था लेकिन कुल् राजस्व घट कर 513.74 करोड़ रुपये हो गया।
परिणामस्वरूप, लागत कुल मिलाकर थोड़ा अधिक या सपाट रहा लेकिन परिचालन मार्जिन घट कर 122 करोड़ रुपये के स्तर पर आ गया। विज्ञापन से होने वाली आय का भविष्य इस कमजोर आर्थिक वातावरण में उतना उज्ज्वल नहीं होने के साथ ही साल 2009-10 जी एंटरटेनमेंट के लिए दूसरा कठिन साल होगा जो अब हिंदी जनरल एंटरटेनमेंट चैनल की श्रेणी में तीसरे स्थान पर है।
जून 2009 की तिमाही में विज्ञापन आईपीएल टूर्नामेंट और आम चुनाव से प्रभावित होंगे। जी एंटरटेनमेंट का कहना है कि यह रेटिंग प्वाइंट के लिए केवल प्रोग्रामिंग पर खर्च नहीं करना चाहता है और इसने अपने तीन प्रोग्राम केवल इसलिए समेट लिए क्योंकि उनका प्रदर्शन बढ़िया नहीं था।
विज्ञापन से होने वाली आय 7 फीसदी घट जाने से मार्च 2009 की तिमाही में कंपनी के आंकड़े निराशाजनक रहे। यद्यपि, सब्सक्रिप्शन बिक्री में इजाफा हुआ था लेकिन कुल राजस्व घट कर 513.74 करोड़ रुपये हो गया। परिणामस्वरूप, लागत कुल मिलाकर थोड़ा अधिक या सपाट रहा लेकिल परिचालन मार्जिन घट कर 122 करोड़ रुपये के स्तर पर आ गया।
विज्ञापन से होने वाली आय का भविष्य इस कमजोर आर्थिक वातावरण में उतना उज्ज्वल नहीं होने के साथ ही साल 2009-10 कंपनी के लिए दूसरा कठिन साल होगा जो अब हिंदी जनरल एंटरटेनमेंट चैनल की श्रेणी में तीसरे स्थान पर है। जून 2009 की तिमाही में विज्ञापन आईपीएल टूर्नामेंट और आम चुनाव से प्रभावित होंगे।
जी एंटरटेनमेंट का कहना है कि यह रेटिंग प्वाइंट के लिए केवल प्रोग्रामिंग पर खर्च नहीं करना चाहता है और इसने अपने तीन प्रोग्राम केवल इसलिए समेट लिए क्योंकि उनका प्रदर्शन बढ़िया नहीं था। चैनल का दावा है कि पछली तिमाही में चैनल की हिस्सेदारी बढ़ी और शीर्ष 100 में से वर्तमान में जी के 32 प्रोग्राम शामिल हैं।
जी की योजना लागत घटाने की है जिसमें विक्रय और वितरण के खर्चे शामिल हैं। पिछले साल जी की आय में लगभग 18.5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी और यह 2,173 करोड़ रुपये था। इस साल कम बढ़ोतरी की उम्मीद है।
