वैश्विक समस्याओं के दौर का प्रभाव कैलेंडर वर्ष 2022 के शुरू से ही वैश्विक इक्विटी बाजारों पर बना हुआ है। रूस-यूक्रेन संकट के साथ, धारणा और ज्यादा कमजोर हो गई है, क्योंकि निवेशक आपूर्ति किल्लत की आशंका की वजह से बढ़ती जिंस कीमतों के बीच सतर्कता बरत रहे हैं।
विश्लेषकों का कहना है कि बढ़ती अस्थिरता से घरेलू इक्विटी बाजार भी नहीं बच पाए हैं, जिनमें पिछले कुछ सप्ताहों में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिला है और यह रुझान अल्पावधि में या भूराजनीतिक तनाव दूर नहीं होने तक बना रह सकता है।
वैश्विक मोर्चे पर अनिश्चितताओं की तीव्रता को देखते हुए बाजारों में फरवरी में भारी गिरावट आई और सेंसेक्स तथा निफ्टी-50 सूचकांक करीब 5 प्रतिशत गिर गए थे। एसीई इक्विटी के आंकड़े से पता चलता है कि तुलनात्मक तौर पर, प्रमुख सूचकांकों में भारी गिरावट दर्ज की गई है और इस अवधि में मिडकैप तथा स्मॉलकैप में 6 प्रतिशत और 10 प्रतिशत की कमजोरी आई है। साल में अब तक गिरावट काफी अधिक रही है।
अस्थिरता को देखते हुए, विश्लेषकों ने निवेशकों को सतर्कता के साथ शेयर चयन करने का सुझाव दिया है और आईटी, एफएमसीजी और हेल्थकेयर क्षेत्र में रक्षात्मक दांव पर ध्यान देने की सलाह दी है। उनका मानना है कि मौजूदा परिवेश में ये क्षेत्र निवेशकों के लिए सुरक्षित दांव साबित हो सकते हैं।
साल में अब तक (वाईटीडी) के आधार पर, बीएसई आईटी इंडेक्स 12 प्रतिशत गिरा है, जबकि बीएसई एफएमसीजी सूचकांक ने बेहतर प्रदर्शन किया है। इस बीच, बीएसई हेल्थकेयर सूचकांक में इस साल अब तक 11 प्रतिशत की गिरावट आई है। तुलनात्मक तौर पर, सेंसेक्स 4 प्रतिशत कमजोर हुआ है।
आईडीबीआई कैपिटल के शोध प्रमुख ए के प्रभाकर का कहना है, ‘रक्षात्मक शेयरों पर ध्यान केंद्रित करने के लिहाज से यह अच्छी रणनीति है। निवेशक धीरे धीरे खरीदारी शुरू कर सकते हैं। फार्मास्युटिकल और एफएमसीजी शेयरों को खराब खबरों का सामना करना पड़ रहा है। जिंस कीमतों में भारी तेजी भी अब चर्चित है। एफएमसीजी शेयरों में गिरावट अगले कुछ दिनों में निवेश का अच्छा अवसर प्रदान कर सकती है।’
प्रमुख कच्चे माल की कीमतों पिछले कुछ सप्ताहों और महीनों में लगातार बढ़ी हैं। पाम और कच्चे तेल दोनों ने साल के ऊंचे स्तर छुए हैं और ये दिसंबर तिमाही के स्तरों से ऊपर हैं।
विश्लेषकों का कहना है कि उत्पाद कीमतों में वृद्घि बरकरार रह सकती है, जिससे संभावित बिक्री वृद्घि में सुधार की रफ्तार में विलंब हो सकता है। जेफरीज के विश्लेषकों का मानना है कि इसके अलावा समय (उत्पादन लागत संबंधित मुद्रास्फीति बनाम उत्पाद कीमत वृद्घि) में असमानता का दबाव सकल मार्जिन पर पड़ेगा।
जेफरीज के विश्लेषकों ने एक ताजा रिपोर्ट में लिखा है, ‘स्टैपल शेयरों में अपने 52 सप्ताह के ऊंचे स्तरों से 15-30 प्रतिशत की गिरावट आई है। वहीं कुछ आय डाउनग्रेड दर्ज किए गए हैं और मूल्यांकन अभी भी कमजोर हैं जो मौजूदा अनुमानों के आधार पर कई कंपनियों के लिए पांच वर्षीय औसत के नजदीक हैं।’ वहीं उन्होंने हिंदुस्तान यूनिलीवर, आईटीसी, गोदरेज कंज्यूमर, ब्रिटानिया, कोलगेट-पामोलिव, वरुण बेवरेज और इमामी के लिए खरीदारी रेटिंग बरकरार रखी है।
प्रभाकर ने एफएमसीजी सेक्टर में डाबर, एचयूएल और ब्रिटानिया, हेल्थकेयर श्रेणी में ग्लैंड फार्मा, बायोकॉन और सन फार्मास्युटिकल इंडस्ट्रीज, और आईटी क्षेत्र में जेनसार, विप्रो, और एचसीएल टेक्नोलॉजीज को पसंद किया है। इस बीच, एड्रॉयट फाइनैंशियल सर्विसेज के पोर्टफोलियो मैनेजर अमित कुमार गुप्ता हेल्थकेयर श्रेणी में अस्पताल कंपनियों पर उत्साहित हैं। उनका मानना है कि ये कंपनियां मौजूदा समस्याओं और आगामी ब्याज दर वृद्घि से संबंधित चुनौतियों से अलग बनी रहेंगी।
