विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) का समर्थन करने वाले समूह एशिया सिक्योरिटीज इंडस्ट्रीज ऐंड फाइनैंशियल मार्केट्स एसोसिएशन (आसिफमा) ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) को पत्र लिखकर केवाईसी विवरणों के खुलासे से संबंधित चुनौतियों को पुन: दोहराया है, जिनमें डिपोजिटरी के लिए मोबाइल नंबर, ईमेल और आय विवरण के खुलासे मुख्य रूप से शामिल हैं।
6 केवाईसी विवरणों (नाम, पता और पैन नंबर का विवरण शामिल) के खुलासे की जरूरत शुरू में 1 जून, 2021 से नए खातों के लिए अनिवार्य बनाई गई थी, लेकिन बाद में इसे एक महीने तक आगे बढ़ा दिया गया।
माना जा रहा है कि काले धन को वैध बनाने पर रोक के मकसद से ये जानकारियां मांगी गई हैं, और कथित समय-सीमा तक इनके न मिलने से विदेशी निवेशकों के खाते ब्लॉक किए जा सकते हैं।
आसिफमा ने अनुरोध किया है कि इनमें से कुछ विवरण कस्टोडियन द्वारा सेवा से जुड़े संस्थागत ग्राहकों के लिए गैर-अनिवार्य बनाए जाएं।
आसिफमा ने एक रिपोर्ट में कहा है, ‘कुछ विवरण के लिए, जिनमें जानकारी उपलब्ध हो, लाभार्थी मालिक के खाते के संबंध में विवरण अपडेट किए गए हैं, जबकि कुछ जानकारियां उपलब्ध नहीं हैं और ग्राहक डेटा गोपनीयता की समस्या के कारण इसे मुहैया कराना नहीं चाहते हैं।’
रिपोर्ट में कहा गया है कि उदाहरण के लिए, नाम, पता और पैन की जानकारी पहले से ही उपलब्ध होती है, और संबद्घ खातों में इन्हें अपडेट किया जाता है।
उद्योग संगठन ने सेबी से अनुरोध किया है कि मोबाइल नंबरों के बजाय अधिकारियों के लैंडलाइन नंबर अपडेट किए जाने की अनुमति दी जानी चाहिए। उसने कहा है, ‘कई अंतरराष्ट्रीय निवेशक मोबाइल फोन इस्तेमाल के लिए प्रोटोकॉल से जुड़े होते हैं और वे आधिकारिक उद्देश्य के लिए व्यक्तिगत मोबाइल नंबर साझा करने की अनुमति नहीं देते हैं। विदेशी निवेशकों ने अपने स्वयं के कानूनों के तहत डेटा निजता के संदर्भ में यह जानकारी साझा करने को लेकर चिंता जताई है। व्यक्तिगत नंबर साझा करने से उस स्थिति में समस्या पैदा हो सकती है जब कर्मचारी नौकरी छोड़ दे और उसका विवरण आधिकारिक रिकॉर्ड में लगातार मौजूद रहे।’
मौजूदा समय में कस्टोडियन का ईमेल आईडी अकाउंट में अपडेट किया जाता है। इससे सुनिश्चित होता है कि जारीकर्ता से प्राप्त सूचनाओं की निगरानी की जाती है और इसे कस्टोडियन द्वारा सही तरीके से रखा जाता है। आसिफमा का कहना है कि एफपीआई और एफवीसीआई के लिए, अनुपालन अधिकारी की जानकारी उनकी पंजीकरण जरूरत के तहत उपलब्ध होती है।
