देश की सबसे कीमती कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) का शेयर आज करीब 9 प्रतिशत लुढ़क गया। सितंबर तिमाही में कंपनी का शुद्ध मुनाफा कम रहा था, जिसके बाद शेयर धड़ाम हो गया और कंपनी का बाजार पूंजीकरण एक ही दिन में 16 अरब डॉलर (1.2 लाख करोड़ रुपये) कम हो गया। कंपनी के प्रवर्तक मुकेश अंबानी की निजी संपत्ति में भी 6 अरब डॉलर से ज्यादा की चपत लग गई। कारोबार खत्म होने पर कंपनी का शेयर तीन महीने के निचले स्तर 1,876 रुपये पर बंद हुआ। उसका आंशिक रूप से चुकता शेयर 10 प्रतिशत गिरावट के साथ 1,065 रुपये पर बंद हुआ।
कंपनी के दूरसंचार और खुदरा कारोबार ने अच्छा प्रदर्शन किया मगर तेल एवं गैस कारोबार पर गहराते बादल इन आंकड़ों पर भारी पड़े। कंपनी का मुनाफा कम होने से निवेशकों को झटका लगा और विश्लेषकों ने भविष्य के लिए उम्मीद कम कर दी।
आरआईएल का सकल रिफाइनिंग मार्जिन सितंबर तिमाही में 5.7 डॉलर प्रति बैरल रह गया, जो 11 साल का सबसे निचला स्तर है। साल भर पहले की जुलाई-सितंबर तिमाही में यह मार्जिन 9.4 डॉलर था। दुनिया भर में लॉकडाउन और दूसरी पाबंदियों के कारण ईंधन की मांग कम हुई, जिससे कंपनी के ऊर्जा कारोबार को तगड़ा झटका लगा।
आरआईएल ने ऊर्जा कारोबार पर ज्यादा निर्भरता कम करने की कोशिश शुरू कर दी है मगर विश्लेषक मानते हैं कि कंपनी की कमाई में तेल एवं गैस कारोबार का मोटा योगदान अभी कम होता नहीं दिख रहा है। ब्रोकरेज कंपनी मैक्वारी ने अपनी टिप्पणी में कहा कि सकल रिफाइनिंग मार्जिन में 1 डॉलर प्रति बैरल की कमी से आरआईएल की कमाई में 5 प्रतिशत तक गिरावट आ जाएगी। उसका अनुमान है कि अगली दो तिमाहियों में यह मार्जिन सुधरकर 8 से 9 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकता है, लेकिन वित्त वर्ष 2018 में मिले 12 डॉलर प्रति बैरल से कम ही रहेगा।
नतीजे आने से पहले ही आरआईएल का शेयर सितंबर के अपने उच्चतम स्तर से 10 प्रतिशत से अधिक लुढ़क चुका था। लेकिन विश्लेषकों को लगता है कि शेयर में अब और गिरावट नहीं आनी चाहिए। इक्विनॉमिक्स के संस्थापक जी चोकालिंगम कहते हैं, ‘तेल एवं गैस कारोबार का अपेक्षाकृत कमजोर प्रदर्शन शेयर पर भारी पड़ा है। लेकिन खुदरा एवं दूरसंचार क्षेत्रों में कंपनी के लिए काफी संभावनाएं हैं, इसलिए शेयर में गिरावट जल्द ही थम जाएगी।’
आरआईएल के शेयर में गिरावट से बाजार भी हिल गया। उदाहरण के लिए 14 अक्टूबर के बाद इस शेयर का सेंसेक्स में योगदान घटा है और उस दौरान सेंसेक्स भी 975 अंक तक फिसल चुका है। इस साल तेजी के बाद सेंसेक्स में आरआईएल का भरांश 15 प्रतिशत तक पहुंच गया था, लेकिन इस शेयर पर बाजार की जरूरत से ज्यादा निर्भरता विश्लेषकों को परेशान नहीं कर रही। आईआईएफएल में शोध प्रमुख अभिमन्यु थोराट कहते हैं, ‘आरआईएल के तीन प्रमुख कारोबार हैं। किसी एक कारोबार को लेकर उत्साह घटा तो भी ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि बाकी दोनों कारोबार मामला संभाल लेंगे।’
