लेमन ट्री होटल्स और स्पाइसजेट (जिनमें पिछले महीने के दौरान 69-92 प्रतिशत तक की तेजी दर्ज की गई) के नेतृत्व में विमानन और होटल क्षेत्र के शेयर इस अवधि के दौरान सबसे ज्यादा चढऩे वाले शेयर रहे। अगले साल के शुरू में टीके की उपलब्धता, लीजर ट्रैवल में तेजी, लोड फैक्टर पर सीमा में वृद्घि और बड़ी कंपनियों के लिए बाजार भागीदारी में संभावित सुधार से इन दो क्षेत्रों में तेजी को बढ़ावा मिला है। रिलायंस सिक्योरिटीज के बिनोद मोदी का कहना है कि कोविड टीके की संभावना में सुधार से इन क्षेत्रों में बदलाव दिखा, जो महामारी के प्रभाव से विलंब से उबरने की चिंताओं के साथ दबाव में बने हुए थे।
होटल सेक्टर के लिए, ऑक्यूपेंसी (ग्राहकों के ठहरने की दर) अप्रैल के 10 प्रतिशत से बढ़कर मौजूदा समय में 30 प्रतिशत से ज्यादा हो गई है और इसे घरेलू लीजर ट्रैवल से मदद मिली है। सीजनल मांग (शादियों) और स्थानीय यात्रा के अलावा, ऑक्यूपेंसी में सुधार आने की संभावना है, क्योंकि यात्री अंतरराष्ट्रीय यात्रा पर प्रतिबंध की वजह से घरेलू स्थानों पर जाना पसंद कर रहे हैं। ब्रोकरेज फर्मों का मानना है कि ऑक्यूपेंसी और होटल कंपनियों के प्रति मौजूद कमरे का राजस्व तिमाही आधार पर सुधरेगा और इसे टीका पेश किए जाने के बाद अगले साल जून तिमाही में व्यवसाय/प्रदर्शनी संबंधित गतिविधियों में सुधार आने से लीजर ट्रैवल से मदद मिलेगी।
जहां वित्त वर्ष 2021 के लिए आय कमजोर रहने की आशंका है, वहीं मोतीलाल ओसवाल रिसर्च के विश्लेषकों का मानना है कि वित्त वर्ष 2022 में अच्छी रिकवरी होगी। इसे औसत कमरा किराये, ऑक्यूपेंसी में सुधार, लागत को तर्कसंगत बनाए जाने और फूड एवं बेवरेज आय में वृद्घि होने से मदद मिलेगी। उन्हें प्रबंधन अनुबंधों से ऊंची आय प्राप्त होने की संभावना है और इससे संपूर्ण राजस्व में मदद मिलेगी।
विमानन क्षेत्र के लिए, अल्पावधि तेजी को पिछले सप्ताह सरकार द्वारा क्षमता सीमा 70 प्रतिशत से ढ़ाकर कोविड-पूर्व स्तरों के 80 प्रतिशत पर किए जाने के निर्णय से भी मदद मिली। कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के विश्लेषकों का मानना है कि रेल से बाजार भागीदारी में वृद्घि ने हवाई यातायात की बिक्री को बढ़ावा दिया है। भले ही लोड फैक्टर में ज्यादातर वृद्घि लीजर या विजिटिंग फ्रेंड्स या फैमिली श्रेणी से संबंधित है। जहां मजबूत लोड फैक्टर और औसत कीमतों से रिकवरी में मदद मिल सकती है, वहीं कच्चे तेल की कीमतों में तेजी से मुनाफे पर दबाव पड़ सकता है।
मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज के वीपी (इक्विटी एडवायजरी) राहुल शाह का मानना है कि दो क्षेत्रों, खासकर होटल कंपनियों के शेयरों में अल्पावधि में तेजी आएगी, क्योंकि ऑक्यूपेंसी में इजाफा देखा जा रहा है और साथ ही मूल्यांकन भी महंगा नहीं है।
इंटरग्लोब और इंडियन होटल्स को छोड़कर तेजी के बावजूद इन दोनों क्षेत्रों में प्रमुख सूचीबद्घ कंपनियों के शेयर अपने 52 सप्ताह के ऊंचे स्तरों से अभी भी 24-90 प्रतिशत दूर बने हुए हैं।
हालांकि अन्य विश्लेषकों का मानना है कि जहां बुनियादी आधार में सुधार दिख रहा है, वहीं तेजी अल्पावधि तेजी के तौर पर दिखी है। रेनासां इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स के पंकज मुरारका कहते हैं कि तेजी दबी हुई मांग और मौसमी मांग की वजह से आई थी। बड़ी कंपनियों द्वारा अपनी बाजार भागीदारी मजबूत बनाए जाने की संभावना है, क्योंकि छोटी कंपनियों को प्रतिस्पर्धा में डटे रहना काफी मुश्किल होगा। हालांकि उनका मानना है कि कोविड से पहले जैसे हालात की वापसी में कम से कम एक-डेढ़ वर्ष का समय लगेगा। उनका कहना है कि वित्त वर्ष 2021 में दबाव के बाद वित्त वर्ष 2022 में इस क्षेत्र में मजबूती आने की संभावना है और मजबूत आय सुधार वित्त वर्ष 2023 में संभव होगा।
