facebookmetapixel
Editorial: भारत-भूटान संबंधों में नई ऊर्जा, चीन की बढ़त रोकने की रणनीतिक पहलगेहूं उत्पादों के निर्यात की अनुमति की मांग ने पकड़ी रफ्तार, उपभोक्ता मंत्रालय ने DGFT से किया अनुरोधAI बूम या पुराना बुलबुला? क्यों अमेरिकी शेयर बाजार की तेजी खतरनाक रूप से जानी-पहचानी लग रही हैGST घटने के बाद जीवन व स्वास्थ्य बीमा में तेजी, IRDAI ने कहा: लोगों में बढ़ रही है रुचिRBI ने कहा: हम आर्थिक पूंजी और मजबूत बहीखाते के सहारे सार्वजनिक नीति दायित्व निभाने में सक्षमकेंद्र ने QCO सुधारों पर दिखाई तेजी, 200 उत्पादों पर आदेश हटाने की तैयारियां से उद्योग को बड़ी राहत के संकेतअमेरिकी शुल्क तनाव के बीच RBI ने निर्यातकों को दी बड़ी राहत, निर्यात क्रेडिट 450 दिन तक बढ़ायाटाटा ग्रुप का तूफान थमा? बड़े शेयरधारक को मिली कानूनी बढ़तBihar Election Result: मैथिली ठाकुर ने रचा इतिहास, बनीं बिहार की सबसे युवा विधायकBihar Election Result: 95% स्ट्राइक रेट के सहारे बिहार में NDA की प्रचंड जीत, महागठबंधन का मजबूत मोर्चे ढहा

घट सकता है मेरीन इंश्योरेंस से अर्जित प्रीमियम

Last Updated- December 08, 2022 | 7:41 AM IST

कमोडिटी की कीमतों में आई गिरावट के चलते भारतीय सामान्य बीमा कंपनियों को समुद्री बीमा प्रीमियम से होने वाली आय में गिरावट आ सकती है।


यह बात इस उद्योग से जुड़े विशेषज्ञों ने कही है। ज्ञातव्य है कि वैश्विक बाजार में कमोडिटी की कीमतों और मांग में कमी आई है। इससे समुद्र के रास्ते होने वाले कारोबार में कमी आई है। साथ ही माल ढुलाई की दरें भी गिरी हैं।

बॉल्टिक ड्रॉई सूचकांक जो कमोडिटियों की शिपिंग लागत का मानक है, मई के 11,793 के स्तर से 90 फीसदी गिर चुका है। सामान्य बीमा परिषद के महासचिव के. एन. भंडारी ने बताया कि समुद्री बीमा के जरिए होने वाली पूरी तरह से नीचे आएगी।

वर्ष 2006-07 में सामान्य बीमा कंपनियों की प्रीमियम आय में समुद्री प्रीमियम का योगदान सात फीसदी रहा था जिनमें दावे का अनुपात सरकारी कंपनियों के लिए 80.5 फीसदी और प्राइवेट कंपनियों के लिए 112.57 फीसदी रहा। यह बात बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीए) के आंकड़ों में कही गई है।

हालांकि इसके बाद भी अगले साल बीमा कंपनियां अपनी प्रीमियम की दर को बढाने जा रही हैं। क्योंकि अर्थव्यवस्था में आ रही मंदी के कारण भुगतान न करने  की समस्या और मुकदमेबाजी बढ़ गई है। हालांकि ब्याज दरों में हुए इजाफे से कवर की मांग बढ़ी है।

भारती ग्रुप और फ्रांस के एक्सए के संयुक्त उपक्रम भारती एक्सए जनरल इंश्यारेंस कंपनी के उपाध्यक्ष मिलिंद जोशी ने बताया कि दरों में बहुत अधिक इजाफा नहीं हुआ है।

ऐसी स्थिति में जब अर्थव्यवस्था मंदी की ओर जा रही है, हमें फर्म की बीमा क्षमता का भी ध्यान रखना होगा।

दो साल पहले बीमा कंपनियों को पालिसी की कीमत तय करने के और अधिकार दिए जाने के बाद से प्रीमियम दर घटी है।

First Published - December 5, 2008 | 9:21 PM IST

संबंधित पोस्ट