स्वतंत्र निदेशकों को आईपीओ मूल्य निर्धारण तय करने के संबंध में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) का निर्देश उनके लिए समस्या पैदा कर सकता है। इस बदलाव के लिए स्वतंत्र निदेशकों को प्रशिक्षित करने या बाहरी एजेंसियों पर निर्भर रहने की जरूरत होगी। सेबी का नया कदम उन कई नियामकीय बदलावों में से एक है जिनसे जवाबदेही बढ़ती है और स्वतंत्र निदेशकों पर अतिरिक्त जिम्मेदारी आती है।
विश्लेषकों के अनुसार, कंपनी के बोर्ड में कई स्वतंत्र निदेशक विभिन्न गैर-वित्तीय क्षेत्रों से आते हैं। विश्लेषकों का कहना है कि सेबी का कदम उन्हें खास मामलों में ऐसी जिम्मेदारियां लेने से रोक सकता है, क्योंकि वे आईपीओ मूल्य निर्धारण तय करने के लिए दक्षता, प्रशासनिक कुशता से सक्षम नहीं हो सकते हैं।
सेबी ने पिछले महीने जारी अपनी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘स्वतंत्र निदेशकों की समिति को यह सुझाव देना चाहिए कि प्राथमिक निर्गम या सेकंडरी ट्रांजेक्शन का कीमत दायरा वेटेड एवरेज कोस्ट ऑफ एक्वीजिशन (डब्ल्यूएसीए) के मुकाबले प्रमुख प्रदर्शन संकेतकों (केपीआई) पर आधारित हो।’ नया ढांचा उस वक्त प्रभावी हो जाएगा जब बाजार नियामक नियमों में संशोधन कर देगा, जिसकी अगले महीने संभावना है।
सेबी ने आईपीओ के लिए मानक सख्त भी बनाए हैं और कंपनियों से अपने वित्तीय विवरणों के साथ साथ केपीआई का खुलासा करने को भी कहा है। स्वतंत्र निदेशकों को इन केपीआई के आधार पर मूल्य निर्धारण का निर्णय लेना होगा।
उद्योग के विश्लेषकों का मानना है कि इससे लोगों को भारतीय कंपनियों के बोर्ड में शामिल होने की राह में एक और बाधा पैदा होगी, क्योंकि उद्योग जगत पहले से स्वतंत्र निदेशकों की कम संख्या की समस्या से जूझ रहा है।
बीएसई के पूर्व चेयरमैन एवं रवि राजन ऐंड कंपनी के संस्थापक सेतुरामन रवि ने कहा, ‘एक तरफ जहां हम विभिन्न अनुभव वाले लोगों के साथ कंपनियों के बोर्ड में विविधता लाना चाहते हैं, वहीं दूसरी तरफ, हम उन्हें निर्गम कीमत उचित बनाने के लिए कुशल बनाना भी चाहेंगे। आपके पास सभी क्षेत्रों का संपूर्ण अनुभव नहीं हो सकता है।
किसी कृषि या निर्माण कंपनी में भी स्वतंत्र निदेशकों जैसी दक्षता वाले लोग हो सकते हैं। ‘ स्वतंत्र निदेशक एक तरह से नियामक के तौर पर काम करते हैं, और कॉरपोरेट प्रशासन तथा विभिन्न जोखिमों पर नजर रखते हैं। प्राइम डेटाबेस के आंकड़े के अनुसार 1,970 एनएसई-सूचीबद्ध कंपनियों में 7,991 स्वतंत्र निदेशक पदों पर 6,266 लोग काम कर रहे हैं। इनमें 104 विदेशी हैं।