सन फार्मा को अमेरिकी बाजार में जेनरिक दवा टोपेमेक्स बेचने की उनमति मिल गई है।
यही नहीं, कंपनी को जाइडस कैडिला सहित कुछ अन्य दवाओं को भी अमेरिकी बाजर में बेचने की अनुमति मिली है। लेकिन इसके बाद भी इस बात के आसार व्यक्त किए जा रहे हैं कि इससे कंपनी को सीमित फायदा ही मिल सकता है।
3,290 करोड रुपये वाली सन फार्मा टोपेमेक्स को चार श्रेणियों, 25 एमजी से लेकर 200 एमजी के दायरे में बेचती है जिसका कि अनुमानित कारोबार 2.5 अरब डॉलर बताया जा रहा है। यह बात पूरी तरह साफ है कि पेटेंट धारक ऑर्थोमैकनिल जानसेन के साथ कंपनी का कोई कानूनी विवाद नहीं है।
सन फार्मा के कंसोलिडेट बिक्री में अमेरिकी बाजार का अच्छा-खासा योगदान होता है। आंकड़ों पर नजर डालें तो अमेरिकी बाजार का कंपनी की कंसोलिडेट बिक्री में 40 फीसदी योगदान होता है। लेकिन कंपनी ने अमेरिकी बाजार से पिछले कुछ सालों में जो राजस्व की प्राप्ति की है, उसमें कुछ हद तक गिरावट आने की संभावना जताई जा रही है।
कंपनी के लिए दुखद बात यह है कि इसकी सहायक कंपनी केराको को अमेरिकी दवा नियामक से कथित तौर पर बेहतर मानदंडों के इस्तेमाल नहीं किए जाने के कारण पहले ही फटकार मिल चुकी है। मालूम हो कि केराको में सन फार्मा की 72 फीसदी हिस्सेदारी है लेकिन दिसंबर 2008 की तिमाही में इसकी बिक्री में 32 फीसदी की गिरावट आई है।
साथ ही इस बात की भी चिंता जताई जा रही है कि वित्त वर्ष 2008-09 में कंपनी का राजस्व अधिक आकर्ष नहीं हो सकता है और इसके सपाट रहने की बात कही जा रही है। इस वजह से वर्ष 2008 में मजबूत प्रदर्शन करने के बाद भी सन फार्मा के शेयरों में का कारोबार उम्मीद से कम रहा है।
जब तक घरेलू बाजार में कंपनी के कारोबार में तेजी नहीं आती तब तक इस साल टॉपलाइन में मात्र 17-18 फीसदी की तेजी बनी रह सकती है। टॉपलाइन में अपेक्षाकृत कम तेजी रहने के कारण कंपनी को नुकसान उठाना पड़ सकता है। इस वजह से कंपनी के मुनाफे पर भी खतरे के मंडराने लगे हैं। हालांकि रुपये के कमजोर पडने की स्थिति में इसे फायदा मिल सकता है।
सन फार्मा के राजस्व में घरेलू कारोबार का योदान 50 फीसदी तक का होता है लेकिन दिसंबर 2000 की तिमाही में इसमें 15 फीसदी की ही बढ़ोतरी हुई जबकि पिछली दो तिमाहियों में राजस्व में 20 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी।
हालांकि सन फार्मा को एक सक्षम कंपनी मानी जाती है जो खर्च पर नियंत्रण करने में सक्षम मानी जाती है। शायद यही वजह है जिससे कि इसका परिचालन मुनाफा मार्जिन सबसे बढ़ियां रहा है। दिसंबर 2008 की तिमाही सन फार्मा के काफी सुखद रहा और इस अवधि के दौरान इसके परिचालन मुनाफा मार्जिन में 250 आधार अंकों की बढ़ोतरी हुई और यह 45 फीसदी के स्तर पर रहा।
अपने मार्जिन को बरकरार रखने के लिए सन फार्मा को अमेरिकी बाजार में अधिक से अधिक जेनरिक दवाओं को बेचने की जरूरत है। लेकिन इस समय कंपनी को ऐसा कर पाने में काफी दिक्कत महसूस हो रही है।
