उर्वरक कंपनियों के लिए बकाया सब्सिडी निपटान की केंद्र सरकार की ताजा कोशिश इन कंपनियों की शेयर कीमतों में तेजी लाने में विफल रही है। सरकार के इस कदम से इन शेयरों में तेजी की उम्मीद की जा रही थी।
हालांकि उर्वरक कंपनियों के शेयरों ने पिछले दो सप्ताहों में बीएसई सेंसेक्स के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया है, लेकिन उद्योग का प्रदर्शन इस महीने अब तक प्रमुख सूचकांक के अनुरूप रहा है। बिजनेस स्टैंडर्ड के सैम्पल में शामिल 10 उर्वरक निर्माताओं का संयुक्त बाजार पूंजीकरण नवंबर में अब तक 10 प्रतिशत चढ़ा है जबकि समान अवधि के दौरान सेंसेक्स में 12 प्रतिशत की तेजी दर्ज की गई है।
करीब दो सप्ताह पहले, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारत की आर्थिक वृद्घि में सुधार के लिए वित्तीय प्रोत्साहनों के ताजा राउंड की घोषणा की थी। भारत की अर्थव्यवस्था कोविड-19 की वजह से प्रभावित हुई है। राहत पैकेज पैकेज का मुख्य हिस्सा चालू वित्त वर्ष के लिए उर्वरक सब्सिडी के तहत 65,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त आवंटन था। इससे सब्सिडी बकाया का निपटान होने की संभावना है जिससे कंपनियों का कार्यशील पूंजी चक्र प्रभावित हो रहा था।
रेटिंग एजेंसी इक्रा के अनुसार, मार्च के अंत तक कुल सब्सिडी बकाया लगभग 48,000 करोड़ रुपये पर था, जिसके वित्त वर्ष 2021 के अंत तक बढ़कर 60,000 करोड़ रुपये पर पहुंच जाने का अनुमान है।
उर्वरक कंपनियां किसानों को अपनी उपज उत्पादन और परिवहन लागत से नीचे बेचती हैं और वे अपनी इस कमी को पूरा करने के लिए सब्सिडी प्राप्त करने की हकदार हैं। निर्माताओं के लिए कुल राजस्व में खुदरा कीमत के अलावा सब्सिडी शामिल है। हालांकि हाल के वर्षों में सब्सिडी भुगतान में विलंब हुआ था और इसे एक साल से बढ़ाकर अगले साल स्थानांतरित कर दिया गया। इससे कंपनियों को कार्यशील पूंजी की उधारी के लिए बाध्य होना पड़ा था और ब्याज भुगतान से उनकी कुल परिचालन लागत बढ़ रही थी।
उर्वरक शेयरों में ताजा बदलाव भी मिड-कैप और स्मॉल-कैप प्रतिस्पर्धियों में आई तेजी के अनुरूप है।
उदाहरण के लिए, बीएसई मिडकैप और बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक पिछले सुप्ताहों में 5-5 प्रतिशत तक चढ़े थे, जबकि इस अवधि के दौरान उर्वरक शेयरों में 6 प्रतिशत की तेजी दर्ज की गई। ये दोनों सूचकांक नवंबर में अब तक 11 प्रतिशत चढ़ चुके हैं, वहीं उर्वरक शेयरों में 10 प्रतिशत की तेजी आई है। अपेक्षाकृत कम बाजार पूंजीकरण की वजह से उर्वरक शेयर मिड और स्मॉल-कैप क्षेत्र में आते हैं।
इक्विनोमिक्स रिसर्च ऐंड एडवायजरी सर्विसेज के संस्थापक एवं प्रबंध निदेशक जी चोकालिंगम कहते हैं, ‘जहां बकाया सब्सिडी का निपटान सकारात्मक है, वहीं उर्वरक शेयरों में इस घोषणा से पहले तेजी आ चुकी थी। मौजूदा मूल्यांकन पर, अच्छे मॉनसून और मजबूत मांग वृद्घि जैसे आय कारकों का कीमतों पर असर पहले ही दिख चुका है और इसलिए अब तेजी की गुंजाइश सीमित है।’
उर्वरक शेयरों का संयुक्त बाजार पूंजीकरण इस साल अब तक के आधार पर 35 प्रतिशत तक बढ़ा है जो सेंसेक्स में आई 7 प्रतिशत की तेजी से कई गुना ज्यादा है।