म्युचुअल फंड उद्योग के लिए विदेशी निवेश की सीमा पूरी होने के बाद पराग पारिख फ्लेक्सीकैप योजना में सबस्क्रिप्शन बंद कर दिया गया था, लेकिन 15 मार्च से इस योजना में नया निवेश स्वीकार किया जाएगा।
हालांकि विदेशी निवेश पर लगी पाबंदी अभी हटाई नहींं गई है, ऐसे में होने वाला सारा निवेश सिर्फ देसी शेयरों में लगाया जाएगा।
यूनिटधारकों को भेजे नोट में पीपीएफएएस म्युचुअल फंड के सीआईओ व निदेशक राजीव ठक्कर ने कहा है, समय के साथ इस योजना में विदेशी शेयरों का भारांक कम होगा। लेकिन जब भी विदेशी निवेश की सीमा बढ़ाई जाएगी, यह योजना अपने पोर्टफोलियो को तब की स्थिति व मूल्यांकन के मुताबिक दोबारा संतुलित करेगा।
यह फंड अंतरराष्ट्रीय व देसी शेयरों में निवेश करता है। फिर से सबस्क्रिप्शन का फैसला तब लिया गया जब बाजार नियामक सेबी ने म्युचुअल फंडों को उन योजनाओं में सबस्क्रिप्शन बंद करने की सलाह दी, जो विदेशी प्रतिभूतियों में निवेश करता है ताकि उद्योग की 7 अरब डॉलर की निवेश सीमा का उल्लंघन न होने पाए।
विदेशी ईटीएफ में निवेश जारी रह सकता है क्योंंकि 1 अरब डॉलर की पूरी सीमा का इस्तेमाल अभी नहीं हो पाया है। अभी एमएफ विदेशी ईटीएफ में प्रति एमएफ अधिकतम 30 करोड़ डॉलर निवेश कर सकता है और पूरे उद्योग के लिए सीमा 1 अरब डॉलर है।
