ओमीक्रोन संक्रमण में ज्यादातर हल्का बुखार होने और इससे अर्थव्यवस्था को ज्यादा नुकसान नहीं होने की उम्मीद से शेयर बाजार ने आज तीन महीने के निचले स्तर से जोरदार वापसी की। सेंसेक्स 886.5 अंक चढ़कर 57,633 पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 1,158 अंक तक चढ़ गया है। निफ्टी भी 233.6 अंक चढ़कर 17,146 पर बंद हुआ। सोमवार को दोनों सूचकांकों में 1.65 फीसदी की गिरावट आई थी और सेंसेक्स 27 अगस्त के अपने निचले स्तर पर पहुंच गया था।
ओमीक्रोन के मामले बढऩे के बावजूद अस्पताल में मरीजों को भर्ती कराने की जरूरत कम होने से वॉलस्ट्रीट में खासी तेजी आई, जिसके बाद अधिकतर वैश्विक बाजार करीब एक फीसदी बढ़त पर कारोबार कर रहे थे।
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के मुख्य चिकित्सा सलाहकार डॉ. एंथनी फॉसिस के बयान में बाद अमेरिकी बाजार में तेजी आई थी। उन्होंने कहा था कि अभी तक ओमीक्रोन ज्यादा गंभीर नहीं दिख रहा है।
ओएन्डा के वरिष्ठ बाजार विश्लेषक (एशिया प्रशांत) जेफ्री हेली ने कहा, ‘ओमीक्रोन की ताजा सुर्खियों से एक दिन और बाजार को दिशा मिली।’ दुनिया भर के बाजारों में तेजी देखी गई लेकिन सोना, बॉन्ड और डॉलर में मामूली बदलाव दिखा। चीन में अर्थव्यवस्था को सहारा देने के उपाय और निर्यात में उम्मीद से ज्यादा तेजी से सुधार से भी निवेशकों का मनोबल बढ़ा है। चीन की तकनीकी कंपनियों के शेयरों में जोरदार तेजी आई है। 2019 में सूचीबद्घ हुए अलीबाबा समूह के शेयर में अब तक की सबसे बड़ी तेजी देखी गई।
बीएसई के सभी 19 क्षेत्रीय सूचकांक बढ़त पर बंद हुए। बीएसई धातु सूचकांक में सबसे ज्यादा 3.2 फीसदी की तेजी दर्ज की गई। बीएसई बैंकेक्स 2.54 फीसदी और रियल्टी सूचकांक 2.6 फीसदी लाभ में रहे।
जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेज में शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘ओमीक्रोन के ज्यादा घातक नहीं होने की उम्मीद से वैश्विक बाजारों में तेजी दर्ज की गई। इसके साथ ही चीन के केंद्रीय बैंक द्वारा अतिरिक्त तरलता बढ़ाने से भी बाजार को दम मिला। भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक समिति के नीतिगत निर्णय से पहले बैंकिंग और वित्तीय शेयरों की अगुआई में घरेलू बाजार में बढ़त देखी गई।’ नायर ने कहा कि निकट अवधि की अनिश्चितता को देखते हुए रिजर्व बैंक नीतिगत दरों को यथावत बनाए रख सकता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि आरबीआई की मौद्रिक नीति की बैठक के निर्णय के अलावा निवेशकों की नजर कोरोनावायरस के नए स्वरूप के प्रसार और उससे जुड़ी खबरों पर भी रहेगी। ओमीक्रोन को लेकर चिंता थोड़ी कम होने के बावजूद विदेशी निवेशकों की बिकवाली से देसी बाजार में दबाव बना हुआ है।
