नवंबर में बाजार में आई तेजी का लगभग सभी शेयरों को लाभ मिला है। बीएसई 200 में शामिल करीब 90 प्रतिशत शेयरों ने पिछले महीने तेजी दर्ज की और करीब 117 शेयरों में 10-10 प्रतिशत से ज्यादा की तेजी दर्ज की गई। बीएसई 200 सूचकांक प्रमुख 200 कंपनियों के प्रदर्शन का मापक है और नवंबर में इसमें 12 प्रतिशत की तेजी आई, जो सेंसेक्स के मुकाबले कुछ ज्यादा है। सेंसेक्स में 11.4 प्रतिशत की तेजी दर्ज की गई। बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों ने 13 प्रतिशत से ज्यादा की तेजी के साथ शानदार प्रदर्शन किया है।
बाजार कारोबारियों का कहना है कि प्रमुख सूचकांकों में कई शेयर आकर्षक मूल्यांकन पर कारोबार कर रहे थे। उनका कहना है कि हालांकि कई कमजोर शेयरों में भी बाजार की तेजी में मजबूती देखने को मिली और इसलिए निवेशकों को सतर्क रहने की जरूरत है।
इक्विनोमिक्स के संस्थापक जी चोकालिंगम का कहना है, ‘ऐसे कई स्मॉल और मिडकैप शेयर हैं जिनमें गिरावट दर्ज की गई थी और हाल तक वे अपने 2018 के स्तरों के आसपास बने हुए थे। इन शेयरों में मौके अभी भी मौजूद हैं। लेकिन दुर्भाग्यवश, अब कम वैल्यू वाले शेयर भी अच्छी गुणवत्ता वाले शेयरों के मुकाबले ज्यादा चढ़ रहे हैं। इसकी वजह छोटे निवेशकों द्वारा अटकलबाजी के जरिये दांव लगाना है। यह बुलबुले जैसी स्थिति पैदा होने का संकेत है। इस स्थिति में सभी शेयर चढ़ते हैं। जब ऐसी स्थिति पैदा होगी तो इसका अंदाजा लगाना मुश्किल होगा।’
जहां बाजार मार्च के निचले स्तरों से वापसी कर चुके हैं, वहीं लार्जकैप ने इस तेजी का नेतृत्व किया है। चूंकि बाजारों में तेजी आई है और यह तेजी ज्यादा व्यापक है। पिछले 6 महीनों में सेंसेक्स 36 प्रतिशत चढ़ा है, जबकि बीएसई मिडकैप और बीएसई स्मॉलकैप सूचकांकों में 43 और 55 प्रतिशत की तेजी आई है।
आईआईएफएल में शोध प्रमुख अभिमन्यु सोफट ने कहा, ‘डॉलर सूचकांक में नरमी की वजह से नकदी का प्रवाह बढ़ गया था। अक्सर, तेजी वाले बाजार में लार्जकैप पहले चढ़ते हैं, जिसके बाद स्मॉल और मिडकैप में तेजी दिखती है। इस वजह से तेजी काफी मजबूत हुई है। कई मिडकैप कंपनियों ने सितंबर तिमाही में मुनाफे के अनुमानों को पीछे छोड़ा। 9 साल बाद, हमने व्यावसायिक परिदृश्य के संदर्भ में ढांचागत बदलाव देखा है।’
नवंबर में वैश्विक निवेशकों ने घरेलू शेयरों में 8.3 अरब डॉलर का निवेश किया। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) प्रवाह काफी हद तक लार्जकैप शेयरों तक केंद्रित रहा है। हालांकि बाजार पर्यवेक्षकों का कहना है कि पूंजी प्रवाह प्रमुख बाजार की ओर केंद्रित हुआ है जिससे अच्छे प्रदर्शन को बढ़ावा मिला है।
बीएसई 200 सूचकांक की 116 कंपनियों ने 10 प्रतिशत से ज्यादा की तेजी दर्ज की। जबकि शेष 84 शेयरों में निचले एक अंक की कमजोरी देखी गई।
नवंबर में अदाणी गैस, श्रीराम टांसपोर्ट्र चोलामंडलम इन्वेस्टमेंट और सेल सबसे ज्यादा चढऩे वाले शेयरों में शामिल रहे और इनमें 40 प्रतिशत से ज्यादा की तेजी दर्ज की गई।
सोफट ने कहा, ‘कई मिडकैप में तेजी बनी रहेगी, लेकिन कुछ समय तक इनमें समेकन की स्थिति भी देखी जा सकती है। छुट्टियों का सीजन होने की वजह से दिसंबर पूंजी प्रवाह के संदर्भ में उतना ज्यादा अच्छा महीना नहीं रह सकता है। लेकिन तीन महीनों के दौरान मिडकैप का प्रदर्शन अच्छा रहने की संभावना है।’
